नई दिल्ली : स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लेने से पहले कुछ वर्षों के लिए भारतीय सेना से जुड़ने वाले रामनाथ सिंह साबरकर अब आंदोलनकारी किसानों को सेना प्रशिक्षण और अनुशासन सिखा रहे हैं.
सोमवार को साबरकर को तिरंगा फहराने से पहले किसानों को अंतिम रूप देते हुए देखा गया.
साबरकर ने ईटीवी भारत से कहा मैंने पारिवारिक कारणों से वीआरएस लिया है. अब मुझे मौका मिला और मैं किसानों को सेना का प्रशिक्षण दे रहा हूं, साबरक ने काफी प्रयास किए कि किसान गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड कर सकें.
साबरकर ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को सेना का प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए. इससे पहले किसान सबदन (ध्यान), बिसराम (रेस्ट) और अन्य की तरह बुनियादी चीजे नहीं कर पाए थे. अब उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है.
पढ़ें- हाय ये मजबूरी! इंजीनियरिंग की छात्रा बनी मनरेगा मजदूर
साबरकर ने आगे कहा कि वह पिछले कई दिनों से किसान आंदोलन से जुड़े हुए हैं. मैंने पिछले 15 दिनों से किसानों को प्रशिक्षण दिया है.
सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा कि स्कूल जाने वालों को भी उचित अनुशासन प्रदान करना अच्छा है. अगर हम पहले ही दिन से प्रशिक्षण देना शुरू कर दें, तो बलात्कार और अन्य जैसे जघन्य अपराध निश्चित रूप से कम हो जाएंगे.