चमोली : उत्तराखंड के चमोली में कुदरत ने एक बार फिर से कहर बरपाया है. चमोली तपोवन के रैणी क्षेत्र के बाद अब नीती घाटी के चीन-तिब्बत सीमा पर सुमना में हिमस्खलन की घटना हुई. इस हादसे में बीआरओ के कैंप पूरी तरह तबाह हो गए.
बीते 23 अप्रैल को आए इस हिमस्खलन की घटना में दस व्यक्तियों की मौत हो चुकी है. घटनास्थल पर बीआरओ के लेबर कैंप में 402 लोग थे. इस घटना में अभी भी 8 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए राहत बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. घटना में 384 लोगों को बचाया जा चुका है. वहीं, रेस्क्यू के लिए भारतीय सेना के चीता हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है और आज भी बचाव-राहत कार्य जारी रहेगा.
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बता दें, चमोली जिले में भारत-चीन सीमा से लगे क्षेत्र सुमना में बीआरओ के कैंप के पास ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया था. जिसमें काफी नुकसान हुआ है. वहीं, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी घटना स्थल का हवाई निरीक्षण कर हालातों का जायजा लिया था.
सेना के हेलीकॉप्टर के जरिए 6 घायलों को जोशीमठ आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया.जबकि एक शख्स को आर्मी अस्पताल देहरादून रेफर किया गया है.
मृतक मजदूरों के नाम
- तारनी सिंह पुत्र देव नारायण सिंह निवासी झारखंड.
- मनोज थांदर पुत्र ऐला थांदर निवासी झारखंड.
- रोहित सिंह पुत्र राबिन सिंह निवासी झारखंड.
- नियारन कंडुलना पुत्र डेनयामिन कंडुलना निवासी झारखंड.
- पॉल कंडुलना पुत्र डेनयामिन कंडुलना निवासी झारखंड.
- हनूक कंडुलना पुत्र पटरास निवासी झारखंड.
- साजेन कंडुलना पुत्र जेम्स कंडुलना निवासी झारखंड.
- मासी दास मार्की पुत्र जॉन मार्की निवासी झारखंड.
- राहुल कुमार पुत्र गोवर्धन कुंवर निवासी झारखंड.
- निर्मल सैंदिल पुत्र विलियम सैंदिल निवासी झारखंड.
- सुखराम मुंडा पुत्र नारायन मुंडा निवासी झारखंड.
पुलिस 12वें शव की शिनाख्त करने की कोशिश में जुटी है.
जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया खुद जोशीमठ स्थित सेना के हैलीपेड से रेस्क्यू अभियान की कमान संभाले हुई हैं. डीएम स्वाति भदौरिया ने बताया कि वह खुद घटनास्थल का दौरा कर आ चुकी हैं. घटनास्थल पर रेस्क्यू अभियान जारी है.
सभी मृतकों का पोस्टमॉर्टम जोशीमठ में ही किया जा रहा है. जिसके बाद आपदा नियमों के तहत मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही सेना अस्पताल में भर्ती घायलों में से एक घायल को आज भी हायर सेंटर रेफर किया गया है.