नई दिल्ली: देश आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस(73rd Republic Day) मना रहा है. उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम से लेकर पहाड़ से मैदान तक देशवासियों का जोश हाई नजर आ रहा है. अलग- अलग राज्यों के राज्यपाल, और मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया.
73वां गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में अपने आवास पर झंडोतोलन किया.
ओडिशा में यहां के राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गणतंत्र दिवस पर भुवनेश्वर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया.
मुंबई में महाराष्ट्र गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने शिवाजी पार्क ध्वज फहराया. इस मौके पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मौजूद रहे.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद रहीं. कार्यक्रम का आयोजन रेड रोड पर किया गया.
राजस्थान में गणतंत्र दिवस
जयपुर के बड़ी चौपड़ पर सीएम अशोक गहलोत ने झंडारोहण किया. बता दें कि, चाहे सुखाडिया का सियासी युग हो या फिर शेखावत का गणतंत्र दिवस और स्वाधीनता दिवस के अवसर पर राजधानी जयपुर का ह्दय स्थल कहा जाने वाला बड़ी चौपड़ अनूठी सियासत का साक्षी बनता है. यहां सत्ताधारी और विपक्षी दल परंपरानुसार झंडारोहण करते हैं. करीब 60 सालों से यह परंपरा चली आ रही है. पहले झंडारोहण सत्ता पक्ष की ओर से होता है और ठीक उसके बाद विपक्षी दल के नेता राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. इस आयोजन की खास बात यह है कि बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण कार्यक्रम का आयोजन दोनों दलों की जिला यूनिट करती हैं.
यहां तिरंगा फहराने का है 'कोड ऑफ कंडक्ट': गौरतलब है कि राजस्थान में हमेशा दो ही दल प्रमुख रहे बीजेपी और कांग्रेस. अभी कांग्रेस की सरकार है और बीजेपी विपक्ष में. दोनों ही दल अलग दिशाओं में तिरंगा फहराते हैं. मंच भी दोनों के समीप ही लगते हैं. लेकिन, आज के दिन आपसी नाराजगी नहीं होती बल्कि दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता मिलकर एक दूसरे को जय हिंद कहते नजर आते हैं. यहां तिरंगा फहराने का 'कोड ऑफ कंडक्ट' निर्धारित है. पहले सत्ता पक्ष और कुछ देर बाद ही विपक्ष झंडा फहराता है. सत्तापक्ष के मंच का मुंह रामगंज चौपड़ की ओर देखता होता है, वहीं विपक्षी पार्टी के मंच का मुंह सांगानेरी गेट की ओर देखता हुआ रहता है.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सभी ज्ञात अज्ञात सेनानियों को आज के दिन याद करते हैं. संकल्प लेते हैं कि संविधान की रक्षा करें, जिस संविधान को बाबा साहब अंबेडकर ने बनाया. देश में आज जो माहौल है वह चिंतित हैं. देश में तनाव और अविश्वास का माहौल बना हुआ है. यह सभी जाति धर्म और अनेकता में एकता वाला मुल्क है. आज तक संविधान की भावना के अनुरूप देश चला फिर भी सुनना पड़ता है कि 60 साल में देश का क्या हुआ. हमेशा आजादी के बाद हुए विकास पर गर्व किया गया, लेकिन आज माहौल अलग बन गया है.
गहलोत ने कहा कि राजस्थान प्रदेश के अंदर सभी के सहयोग से सुशासन दे रहे हैं. विकास में कोई कमी नहीं रखी है और कोरोना महामारी आई थी पूरे प्रदेश वासियों के सहयोग से सभी धर्म गुरुओं के प्रयोग से सभी एक्टिविस्ट और एनजीओ के सहयोग से सभी राजनीतिक दलों को साथ लेने का प्रयास किया. जिसकी वजह से राजस्थान का नाम पूरे देश दुनिया में पहुंचा. राजस्थान सरकार सब के आशीर्वाद से अपना काम कर रही है. उन्होंने आह्वान किया कि सच्चाई के मार्ग पर चलें. शांति वाहिनी शाखा प्रकोष्ठ बनाया गया क्योंकि देश में माहौल ऐसा ही है और कुछ ताकतें लोगों को गुमराह कर रही है. लोकतंत्र को मजबूत करेंगे कोई कमी नहीं छोड़ेंगे.
कौमी एकता का संदेश: बड़ी चौपड़ से कहे गए शब्दों का सियासी महत्व बरसों से राजस्थान की राजधानी के लोग समझ रहे हैं. इसके बावजूद छोटी काशी के दिल में बसे बड़ी चौपड़ पर लहराता तिरंगा कौमी एकता का संदेश देता है. यही आजादी की मूल भावना है. जिसे दलों की दीवारों को तोड़कर जयपुर का बड़ी चौपड़ बरसों से निभा रहा है.
तमिलनाडु में गणतंत्र दिवस
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने बुधवार को यहां मरीना बीच के सामने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की मौजूदगी में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस मौके पर सशस्त्र बलों, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों द्वारा शानदार मार्च पास्ट किया. बाद में गणतंत्र दिवस की झांकी निकाली गयी.
उत्तराखंड में ध्वजारोहण
चमोली जिले के औली स्थित समुद्र तल से 9544 फीट की ऊंचाई पर पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान औली में तैनात आईटीबीपी के जवानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर शून्य से नीचे तापमान में बर्फबारी के बीच ध्वजारोहण किया. पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान आईटीबीपी के प्राचार्य आईजी एसबी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि औली में गणतंत्र दिवस का पर्व धूमधाम से मनाया गया.