हैदराबाद: यहां के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने पहली बार बड़ा सख्त फैसला सुनाया है. हैदराबाद जिला उपभोक्ता आयोग-द्वितीय ने गुरुवार को एक बीमा कंपनी पर मुआवजे का भुगतान करने में लापरवाही के लिए भारी जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (United India Insurance Company) पर बाढ़ में बह गई सड़क के लिए बीमा मुआवजे का भुगतान करने में लापरवाही के लिए भारी जुर्माना लगाया है.
आयोग ने बीमा कंपनी को 22.42 करोड़ रुपये शिकायतकर्ता स्वर्ण टोलवे प्राइवेट लिमिटेड (Swarna Tollway Pvt Ltd) को प्रदान करने का आदेश दिया. साथ ही पांच लाख रुपये मुआवजा और 20,000 रुपये केस खर्च के रूप में भुगतान करने का आदेश दिया है. सोमाजीगुडा में स्थापित हैदराबाद की कंपनी स्वर्ण टोलवे ने टाडा से नेल्लोर तक राष्ट्रीय राजमार्ग को मेंनटेन रखने के लिए एनएचएआई (NHAI) के साथ एक समझौता किया था.
स्वर्ण टोलवे प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2015 में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस बीमा कंपनी से इसका बीमा करवाया. इसके लिए 32,90,871 रुपये के प्रीमियम का भुगतान किया. कंपनी द्वारा मेंनटेन की जा रही सड़क नवंबर 2015 में बाढ़ के कारण पूरी तरह से बह गई. स्वर्ण टोलवे ने बीमा कंपनी को सूचित किया और पॉलिसी के पैसे के रूप में 43,55,96,081 रुपये की मांग की.
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बीमा कंपनी ने शुरू में 4 करोड़ रुपये का भुगतान किया और कहा कि वह नुकसान का आकलन करने के बाद बाकी का भुगतान करेगी. रिपोर्टों और विभागों में देरी के बाद सौदा विवादास्पद हो गया और 8.5 करोड़ रुपये के लिए अंतिम समझौता किया गया. स्वर्ण टोलवे ने उपभोक्ता आयोग से संपर्क किया और कहा कि उन्होंने अस्थायी डायवर्जन के लिए अतिरिक्त 7.95 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. हैदराबाद कंज्यूमर कमीशन-2 के चेयरमैन वक्कंती नरसिम्हा राव (Vakkanti Narsimha Rao) और पारुपल्ली जवाहरबाबू की बेंच ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को 22.42 करोड़ रुपये का भुगतान करने का फैसला सुनाया.