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तृणमूल कांग्रेस ही तृणमूल कांग्रेस का विकल्प है नारे से मिलेगी ममता को जीत? - सुधारित वाम मोर्चा

2006 के बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्जी ने केवल एक सुधारित वाम मोर्चा ही वाम मोर्चा का विकल्प है नारा दिया और चुनाव में जीत हासिल की. अब ऐसा ही एक नारा सीएम ममता बनर्जी ने दिया है. गुरूवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सुधारित तृणमूल कांग्रेस ही तृणमूल कांग्रेस का विकल्प है

ममता
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Published : Feb 5, 2021, 9:31 AM IST

कोलकाता : केवल एक सुधारित वाम मोर्चा ही वाम मोर्चा का विकल्प है. पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्जी द्वारा गढ़ा गया यह शब्द 2006 के बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल में वाम दलों के चर्चा का विषय बन गया.

कुछ इसी तरह का नारा गुरूवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिया गया. उन्होंने कहा कि केवल एक सुधारित तृणमूल कांग्रेस ही तृणमूल कांग्रेस का विकल्प है.

गुरुवार दोपहर गीतांजलि स्टेडियम में पार्टी द्वारा आयोजित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति पर एक विशेष बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल एक सुधारित तृणमूल कांग्रेस ही तृणमूल कांग्रेस का विकल्प है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि तृणमूल अधिक सुधार वाली तृणमूल होगी. तृणमूल विकास की ओर बढ़ेगी.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी विशेष रूप से उस समय बेहद महत्वपूर्ण है जब भाजपा तृणमूल के विकल्प के रूप में खुद को पेश करने की पूरी कोशिश कर रही है.

माना जाता है कि सुधारित वाम मोर्चा ही वाम मोर्चे का विकल्प है नारे ने 2006 में वाम मोर्चा को भारी जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसलिए विश्लेषकों का मानना है मुख्यमंत्री ने पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए इसी तरह का नारा गढ़ा है.

हालांकि इसी नारे के साथ कि 'एक सुधारित वाम मोर्चा वाम मोर्चा का विकल्प है' 2011 में वाम मोर्चा जीत सुनिश्चित नहीं कर सका. बुद्धदेव भट्टाचार्जी खुद भी हार गए थे. वाम मोर्चा के खिलाफ बढ़ती सार्वजनिक शिकायतें उस समय स्पष्ट थीं.

उस समय ममता बनर्जी ने सहजता से काम किया और राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी रखा.

तृणमूल कांग्रेस के दस साल के शासन के बाद बंगाल में फिर से वही स्थिति हो रही है. गुरुवार को जब ममता बनर्जी ने अपना भाषण देना शुरू किया, तभी एक महिला नौकरी की मांग करने लगी.

मुख्यमंत्री ने अपना आपा खो दिया और आरोप लगाया कि यह उनके कार्यक्रम को बिगाड़ने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास था.

पढ़ें- भाजपा दंगे चाहती है, हम शांति चाहते हैं : ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों को अराजकता पैदा करने के लिए जानबूझकर भेजा जाता है.

हालांकि, उन्होंने जल्द ही अपना भाषण फिर से शुरू किया और पूरे भाषण में बीजेपी के खिलाफ तीखे हमले बोले.

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक के हालिया बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के लोग भाजपा के सत्ता में आने के बाद से पीड़ित हैं. इस दौरान उन्होंने फिर से भाजपा का पूर्ण बहिष्कार करने का आह्वान किया.

कोलकाता : केवल एक सुधारित वाम मोर्चा ही वाम मोर्चा का विकल्प है. पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्जी द्वारा गढ़ा गया यह शब्द 2006 के बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल में वाम दलों के चर्चा का विषय बन गया.

कुछ इसी तरह का नारा गुरूवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिया गया. उन्होंने कहा कि केवल एक सुधारित तृणमूल कांग्रेस ही तृणमूल कांग्रेस का विकल्प है.

गुरुवार दोपहर गीतांजलि स्टेडियम में पार्टी द्वारा आयोजित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति पर एक विशेष बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल एक सुधारित तृणमूल कांग्रेस ही तृणमूल कांग्रेस का विकल्प है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि तृणमूल अधिक सुधार वाली तृणमूल होगी. तृणमूल विकास की ओर बढ़ेगी.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी विशेष रूप से उस समय बेहद महत्वपूर्ण है जब भाजपा तृणमूल के विकल्प के रूप में खुद को पेश करने की पूरी कोशिश कर रही है.

माना जाता है कि सुधारित वाम मोर्चा ही वाम मोर्चे का विकल्प है नारे ने 2006 में वाम मोर्चा को भारी जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसलिए विश्लेषकों का मानना है मुख्यमंत्री ने पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए इसी तरह का नारा गढ़ा है.

हालांकि इसी नारे के साथ कि 'एक सुधारित वाम मोर्चा वाम मोर्चा का विकल्प है' 2011 में वाम मोर्चा जीत सुनिश्चित नहीं कर सका. बुद्धदेव भट्टाचार्जी खुद भी हार गए थे. वाम मोर्चा के खिलाफ बढ़ती सार्वजनिक शिकायतें उस समय स्पष्ट थीं.

उस समय ममता बनर्जी ने सहजता से काम किया और राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी रखा.

तृणमूल कांग्रेस के दस साल के शासन के बाद बंगाल में फिर से वही स्थिति हो रही है. गुरुवार को जब ममता बनर्जी ने अपना भाषण देना शुरू किया, तभी एक महिला नौकरी की मांग करने लगी.

मुख्यमंत्री ने अपना आपा खो दिया और आरोप लगाया कि यह उनके कार्यक्रम को बिगाड़ने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास था.

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मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों को अराजकता पैदा करने के लिए जानबूझकर भेजा जाता है.

हालांकि, उन्होंने जल्द ही अपना भाषण फिर से शुरू किया और पूरे भाषण में बीजेपी के खिलाफ तीखे हमले बोले.

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक के हालिया बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के लोग भाजपा के सत्ता में आने के बाद से पीड़ित हैं. इस दौरान उन्होंने फिर से भाजपा का पूर्ण बहिष्कार करने का आह्वान किया.

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