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फीचर फोन से बिना इंटरनेट यूपीआई से करें भुगतान

रिजर्व बैंक ने यूपीआई की एक नई सेवा की शुरुआत की है. जिन लोगों के पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, वे यूपीआई '123पे' नाम से शुरू की गई इस सेवा के जरिये डिजिटल भुगतान कर सकते हैं और यह सेवा साधारण फोन पर काम करेगी.

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Published : Mar 8, 2022, 4:54 PM IST

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को एक नई सेवा का शुभारंभ किया, जिसके जरिये 40 करोड़ से अधिक फीचर फोन या सामान्य मोबाइल फोन उपयोगकर्ता सुरक्षित तरीके से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे. गौरतलब है कि यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की शुरुआत के लगभग छह साल बाद इस सेवा की पेशकश की जा रही है.

जिन लोगों के पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, वे यूपीआई '123पे' नाम से शुरू की गई इस सेवा के जरिये डिजिटल भुगतान कर सकते हैं और यह सेवा साधारण फोन पर काम करेगी. दास ने कहा कि अब तक यूपीआई की सेवाएं मुख्य रूप से स्मार्टफोन पर ही उपलब्ध हैं, जिसके चलते समाज के निचले तबके के लोग इनका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा है.

rbi governor shaktikant das
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की घोषणा

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक यूपीआई लेनदेन 76 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 41 लाख करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है, जब कुल लेनदेन का आंकड़ा 100 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक देश में 40 करोड़ मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं के पास सामान्य फीचर फोन हैं.

डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने कहा कि इस समय यूपीआई सेवाएं यूएसएसडी-आधारित सेवाओं के जरिये ऐसे उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन यह काफी बोझिल है और सभी मोबाइल परिचालक ऐसी सेवाओं की अनुमति नहीं देते हैं.

केंद्रीय बैंक ने कहा कि फीचर फोन उपयोगकर्ता अब चार तकनीकी विकल्पों के आधार पर कई तरह के लेनदेन कर सकते हैं. इनमें आईवीआर (इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स) नंबर पर कॉल करना, फीचर फोन में ऐप की कार्यक्षमता, मिस्ड कॉल आधारित विधि और ध्वनि आधारित भुगतान शामिल हैं.

इस सेवा के जरिये उपयोगकर्ता दोस्तों और परिवार को धन भेज सकते हैं, विभिन्न बिलों का भुगतान कर सकते हैं. वाहनों के फास्टैग को रिचार्ज करने तथा मोबाइल बिलों का भुगतान करने की सुविधा भी इसमें मिलेगी. दास ने डिजिटल लेनदेन में बढ़ोतरी के साथ साइबर सुरक्षा को बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा कि हमारी प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित होनी चाहिए.

उन्होंने एनपीसीआई से यूपीआई को अन्य देशों में ले जाने के प्रयास जारी रखने के लिए कहा, ताकि वैश्विक समुदाय को उनके नवाचारों से लाभ मिल सके. दास ने मंगलवार को डिजिटल भुगतान के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की गई, जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने तैयार किया है. डिजिसाथी नाम की इस हेल्पलाइन की मदद वेबसाइट - डिजिसाथी डॉट कॉम और फोन नंबर - 14431 और 1800 891 3333 के जरिये ली जा सकती है.

ये भी पढे़ं : भाविक-अश्नीर हिस्सेदारी मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा भारतपे बोर्ड

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को एक नई सेवा का शुभारंभ किया, जिसके जरिये 40 करोड़ से अधिक फीचर फोन या सामान्य मोबाइल फोन उपयोगकर्ता सुरक्षित तरीके से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे. गौरतलब है कि यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की शुरुआत के लगभग छह साल बाद इस सेवा की पेशकश की जा रही है.

जिन लोगों के पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, वे यूपीआई '123पे' नाम से शुरू की गई इस सेवा के जरिये डिजिटल भुगतान कर सकते हैं और यह सेवा साधारण फोन पर काम करेगी. दास ने कहा कि अब तक यूपीआई की सेवाएं मुख्य रूप से स्मार्टफोन पर ही उपलब्ध हैं, जिसके चलते समाज के निचले तबके के लोग इनका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा है.

rbi governor shaktikant das
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की घोषणा

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक यूपीआई लेनदेन 76 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 41 लाख करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है, जब कुल लेनदेन का आंकड़ा 100 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक देश में 40 करोड़ मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं के पास सामान्य फीचर फोन हैं.

डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने कहा कि इस समय यूपीआई सेवाएं यूएसएसडी-आधारित सेवाओं के जरिये ऐसे उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन यह काफी बोझिल है और सभी मोबाइल परिचालक ऐसी सेवाओं की अनुमति नहीं देते हैं.

केंद्रीय बैंक ने कहा कि फीचर फोन उपयोगकर्ता अब चार तकनीकी विकल्पों के आधार पर कई तरह के लेनदेन कर सकते हैं. इनमें आईवीआर (इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स) नंबर पर कॉल करना, फीचर फोन में ऐप की कार्यक्षमता, मिस्ड कॉल आधारित विधि और ध्वनि आधारित भुगतान शामिल हैं.

इस सेवा के जरिये उपयोगकर्ता दोस्तों और परिवार को धन भेज सकते हैं, विभिन्न बिलों का भुगतान कर सकते हैं. वाहनों के फास्टैग को रिचार्ज करने तथा मोबाइल बिलों का भुगतान करने की सुविधा भी इसमें मिलेगी. दास ने डिजिटल लेनदेन में बढ़ोतरी के साथ साइबर सुरक्षा को बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा कि हमारी प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित होनी चाहिए.

उन्होंने एनपीसीआई से यूपीआई को अन्य देशों में ले जाने के प्रयास जारी रखने के लिए कहा, ताकि वैश्विक समुदाय को उनके नवाचारों से लाभ मिल सके. दास ने मंगलवार को डिजिटल भुगतान के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की गई, जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने तैयार किया है. डिजिसाथी नाम की इस हेल्पलाइन की मदद वेबसाइट - डिजिसाथी डॉट कॉम और फोन नंबर - 14431 और 1800 891 3333 के जरिये ली जा सकती है.

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