देहरादून: नैनीताल के रामनगर में ढेला नदी पर पुल नहीं होने के कारण आज भी 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है. मरने वालों में छ: महिलाएं व तीन पुरुष शामिल हैं. एक युवती को बचा लिया गया है. ढेला नदी पर पुल नहीं बनने से अभी तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. लेकिन शासन-प्रशासन ने अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया.
ड्राइवर की लापरवाही ने ली जान: ईटीवी भारत की टीम जब मौके पर पहुंची तो पता चला कि चश्मदीद ब्रह्मपाल ने कार सवार पर्यटकों को रोकने की बहुत कोशिश की थी. लेकिन वो लोग नहीं माने. जिसके बाद इतना बड़ा हादसा हो गया, जिसमें 9 लोगों की जान चली गई.
स्थानीय लोगों ने पर्यटकों को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन पर्यटक नहीं माने. इस मामले में चश्मदीद का बयान भी सामने आया है. चश्मदीद ब्रह्मपाल का कहना है कि उन्होंने कार सवार पर्यटकों को रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो लोग नहीं माने. जिसके बाद इतना बड़ा हादसा हो गया, जिसमें 9 लोगों की जान चली गई.
रामनगर-कोटद्वार रोड के बीच स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला जोन में यह हादसा हुआ है. बताया जा रहा है कि पंजाब के रहने वाले पर्यटकों समेत 10 लोग अर्टिगा गाड़ी में उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों पर घूमने के लिए निकले थे. यह सभी लोग देर रात ढेला स्थित एक रिसोर्ट में ठहरे हुए थे. आज सुबह तड़के यह लोग कॉर्बेट की ओर रवाना हुए थे.
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सुबह करीब 5 बजे हुए हादसा: सुबह तकरीबन 5 बजे उनकी कार रामनगर की ढेला नदी के नजदीक पहुंची. भारी बारिश के चलते नदी उफन रही थी. रपटे के ऊपर से पानी बह रहा था. इसके बावजूद ड्राइवर ने सावधानी नहीं बरती और गाड़ी को तेज रफ्तार में रपटा (गदेरों पर सीमेंटेड सड़क) पार कराने लगा. लेकिन तेज धारा के चलते पर्यटकों से भरी यह कार नदी में गिर गई.
कार में सवार थीं रामनगर की दो बहनें: जानकारी मिली है कि कार सवार 10 लोगों में रामनगर के गुलरघट्टी निवासी दो बहनें भी सवार थीं. जिसमें आशिया नाम की युवती की मौत हो गयी, जबकि उसकी बहन नाजिया को सुरक्षित बचा लिया गया है. उसका उपचार जारी है.
पंजाब निवासी अमन है कार का मालिक: पुलिस की जांच में बता चला है कि इस हादसे में मरने वाले तीन पुरुष पंजाब के पटियाला शहर के बताए जा रहे हैं. वहीं अन्य लोगों की शिनाख्त नहीं हो पाई है. पुलिस जांच में जुटी हुई है. जिस कार में हादसा हुआ है, वह कार पंजाब के अमन नाम के व्यक्ति की बताई जा रही है. पुलिस टीम सभी लोगों की और अधिक शिनाख्त में जुटी हुई है.
सीसीटीवी खोलेगा राज: यह सभी लोग ढेला के किस रिसोर्ट में ठहरे हुए थे, उसका नाम स्पष्ट नहीं हो पाया है. अगर प्रशासन की मानें तो एक रिसोर्ट का नाम संज्ञान में आया है. उनका कहना है कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी, ताकि सारी चीजें स्पष्ट हो सकें. अभी तक किसी भी रिसोर्ट मालिक ने आगे आकर यह नहीं कहा है कि वह उनके रिसोर्ट में रुके हुए थे.
ढेला नदी पर पुल बनाने की मांग: स्थानीय लोगों का कहना है कि वो शासन प्रशासन से कई बार नदी पर पुल बनाने की मांग कर चुके हैं लेकिन अभी तक पुल नहीं बना. नदी पर पुल नहीं बनने से हर साल कई जानें चली जाती हैं.
डीएम और एसएसपी मौके पर पहुंचे: रामनगर पहुंचे एसएसपी पंकज भट्ट और जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने घटना स्थल का मौका मुआयना किया. जिलाधिकारी ने कहा कि बरसात के समय में नदी नाले उफान पर आने पर आ जाते हैं. ऐसे में नदी नालों को संयम रखते हुए पार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर ड्राइवर ने जल्दबाजी न की होती तो उनकी जान बच सकती थी.
अनियमितता मिलने पर रिसोर्ट पर होगी सख्त कार्रवाई: एसएसपी ने बताया कि जिस रिसोर्ट में यह पर्यटक रह रहे थे, उस रिसोर्ट की सीसीटीवी फुटेज चेक की जा रही है. साथ ही एंट्री रजिस्टर भी चेक किया जा रहा है. अगर इनमें कोई अनियमितता पाई जाती है तो रिसोर्ट के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
सरकार हुई सजग, दिया ये निर्देश: उधर उत्तराखंड में बढ़ते जा रहे सड़क हादसों पर परिवहन मंत्री ने चिंता जताई है. परिवहन मंत्री चन्दन राम दास ने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु सड़कों की दशा में सुधार किए जाने के सम्बन्ध में आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देशित किया है. इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने समस्त जिलाधिकारियों, सम्बन्धित सचिव, मुख्य अभियंता को पत्र जारी करते हुए महत्वपूर्ण निर्देश दिये हैं.
2022 में 659 हादसे, 409 लोगों की मौत: मुख्य सचिव ने कहा कि वर्ष 2022 में माह मई 2022 तक राज्य में कुल 659 वाहनों की दुर्घटनाएं घटित हुईं. इसमें 409 व्यक्तियों की मृत्यु हुई एवं 594 व्यक्ति घायल हुए हैं. यह संख्या गत वर्ष इसी अवधि में हुई दुर्घटना/मृतक/घायलों की संख्या की तुलना में क्रमश: 14.61 प्रतिशत, 17.87 प्रतिशत एवं 26.33 प्रतिशत अधिक है. राज्य में वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के द्वारा चिन्ता व्यक्त करते हुए दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय मार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं में जनहानि मैदानी मार्गों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक होती है. सड़कों की दशा में सुधार करते हुए दुर्घटना की आशंका तथा उसमें होने वाली जनहानि को कम किया जा सकता है. अतः सभी मार्गों और विशेषकर पर्वतीय मार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु विशेष कार्ययोजना बनाकर कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है.
सड़क हादसे रोकने के लिए जरूरी निर्देश: मुख्य सचिव ने कहा कि पूर्व में समय-समय पर सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति एवं परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में गठित राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक के साथ-साथ मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सम्पन्न बैंठकों में मार्ग सुधार सहित सड़क सुरक्षा के समस्त उपाय जिनमें क्रैश बैरियर की स्थापना प्रमुख है, समयबद्ध रूप से सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती रही है. तदक्रम में पुनः राज्य में कार्यरत समस्त सड़क निर्माण इकाइयों से अपेक्षा की जाती है कि राज्य में सड़कों की दशा के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु निम्नवत कार्रवाई प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करते हुए कृत कार्रवाई विषयक आख्या मासिक आधार पर शासन एवं सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशानुसार आयुक्त कार्यालय में स्थापित लीड एजेंसी को प्रेषित की जाये.
(1) चिन्हित समस्त ब्लैक स्पॉट्स के सुधारीकरण हेतु अपेक्षित लघुकालीन एव दीर्घकालीन उपायों से सम्बन्धित कार्य समय-सीमा निर्धारित करते हुए यथाशीघ्र पूर्ण किए जाएं.(2) समस्त दुर्घटना संभावित स्थलों के सुधारीकण हेतु दुर्घटना संभावित स्थलों को अति संवेदनशील एवं संवेदनशील श्रेणी में चिन्हित कर तदनुसार प्राथमिकता निर्धारित करते हुए उनके सुधारीकरण की कार्रवाई की जाये.
(3) पर्वतीय मार्गों पर समस्त राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग एवं एम.डी.आर./ओ.डी.आर. पर क्रैश बैरियर हेतु स्थान चिन्हित करते हुए उनमें शीघ्र क्रैश बैरियर लगाये जाने की कार्रवाई की जाये. क्रैश बैरियर स्थापित करने हेतु सर्वाेच्च न्यायालय की कमेटी द्वारा किए गए ऑडिट में दिए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये. कार्यदायी संस्थाओं के द्वारा विगत में क्रैश बैरियर लगाये जाने हेतु स्थान/लम्बाई का चिन्हीकरण किया गया है.
(4) ऐसे स्थान/जंक्शन जहां उच्च पदानुक्रम सड़क से निम्न पदानुक्रम सड़क मिलती है, पर स्पीड कामिंग (speed calming) उपाय अनिवार्य रूप से किए जाएं. सर्वाेच्च न्यायालय की समिति के निर्देशानुसार निचली पदानुक्रम सड़क पर 50 मीटर तक स्पीड कामिंग उपाय उच्च पदानुक्रम सड़क से सम्बन्धित कार्यदायी संस्था द्वारा ही किया जायेगा. सम्बन्धित कार्यदायी संस्था द्वारा यह भी प्रयास किया जाये कि मुख्य सड़क मार्ग पर मर्जिंग लेन की व्यवस्था भी की जाये. इस सम्बन्ध में राज्य में समस्त जंक्शन का चिन्हीकरण करते हुए कार्रवाई पूर्ण करायी जाये.
(5) कतिपय स्थान ऐसे हैं जहां केवल उपयुक्त रोड मार्किंग करते हुए भी दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकती है. अत. राज्य की सभी मुख्य सड़कों पर रोड मार्किंग की कार्रवाई भी प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करायी जाये.
(6) यद्यपि सर्वाेच्च न्यायालय की समिति के द्वारा सभी नई बनने वाली सड़कों एवं दुर्घटना संभावित स्थलों के रोड सेफ्टी ऑडिट कराये जाने की अपेक्षा समय-समय पर की गयी है, तथापि राज्य में रोड सेफ्टी ऑडिटर की कमी के दृष्टिगत ब्लैक स्पॉट एवं संवेदनशील मार्गों का रोड सेफ्टी ऑडिट प्रथम चरण में पूर्ण कराया जाये और ऑडिट में दिए गए सुझावों के अनुसार अग्रेत्तर कार्रवाई भी समयबद्ध रूप से पूर्ण की जाये.
मुख्य सचिव ने कहा कि अपने नियंत्रणाधीन मार्गों के सम्बन्ध में उक्तानुसार कार्रवाई हेतु एक स्पष्ट कार्ययोजना तैयार करते हुए उसका समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करायें. इस विषय में विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा शासन स्तर पर शीघ्र की जायेगी.