राजनांदगांव: जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं को आड़े हाथों लिया है. इस दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राम राज्य को लेकर भी अपनी प्रतिक्रया दी है. जगतगुरु शंकराचार्य के साथ पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव समेत कई लोग उपस्थित थे.
रामराज्य की जरूरत: जगतगुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि "हमें राम राज्य के बारे में सोचना चाहिए, ना कि हिंदू राष्ट्र के बारे में. हिंदुओं में फूट डालने का काम किया जा रहा है. ये कोई और नहीं बल्कि राजनेता कर रहे हैं. ऐसे राजनेताओं को चुनाव आयोग के द्वारा बैन कर देना चाहिए. ताकि ऐसे राजनेता चुनाव ना लड़ सके."
बंटवारे को कर दिया जाए रद्द: मुस्लिमों को पाकिस्तान जाने के अपने बयान पर भी शंकराचार्य ने सफाई दी है. शंकराचार्य के मुताबिक उनके कहने का गलत मतलब निकाला गया.उन्होंने बंटवारा होने के बाद बहुत से लोगों के पाकिस्तान जाने की बात कही थी. ऐसे में बंटवारा मानने वाले लोगों को उस हिस्से में चले जाना चाहिए था और यदि नहीं मानते तो बंटवारा रद्द कर दोनों हिस्से को एक कर देना चाहिए.
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एक संत ने किया विरोध: जगतगुरु बनने के बारे में शंकराचार्य ने कहा कि उनके जगतगुरु बनने के फैसले में केवल एक संत ने उनका विरोध किया था.अखाड़ा संतों ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का विरोध नहीं किया है. सभी के रजामंदी से ही अंतिम निर्णय लिया गया.
आपको बता दें कि जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद राजनांदगांव में आयोजित धर्म सभा में शामिल हुए. रामाधीन मार्ग स्थित महेश्वरी भवन में धर्म सभा प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.