मेरठ: स्वर्णनगरी के नाम से मशहूर पश्चिमी यूपी का मेरठ शहर सोने-चांदी की ज्वेलरी का होलसेल का बड़ा बाजार है. यहां तैयार होने वाले आभूषण देशभर में खूब पसंद किए जाते हैं. अब रक्षाबंधन त्योहार के कुछ ही दिन शेष बचे हैं. ऐसे में मेरठ के सर्राफा बाजार में सुबह से शाम तक रौनक है. इस बार सर्राफा बाजार में वेस्ट यूपी समेत अन्य राज्यों से सोने की राखियों की काफी डिमांड है. इतना ही नहीं, इस बाजार में दिन निकलते ही बहनें भी अपने भाइयों की कलाई पर सजाने के लिए खूबसूरत सोने-चांदी की राखियां ढूंढ रही हैं.
ईटीवी भारत ने सर्राफा बाजार में अलग-अलग ज्वेलर्स से बात की. वह बताते हैं कि पिछले साल सबसे ज्यादा जो मांग होलसेल मार्केट में थी, वह चांदी की डिजाइनर राखियों की थी. इस बार सोने की राखियों की मांग अधिक है. प्रियांशु रस्तोगी बताते हैं कि इस समय बड़ी संख्या में सर्राफा व्यापार से जुड़े जो भी लोग आए हैं, वह सोने की डिजाइनर राखियां ज्यादा पसंद कर रहे हैं. वह कहते हैं कि पहले चेन में राखी चलती थीं. इस बार धागे में स्वर्ण निर्मित पेंडेंट राखी सभी को अधिक पसंद आ रही हैं. प्रियांशु कहते हैं कि इस तरह की राखियों को बहनें अपने भाइयों के लिए अधिक पसंद करती हैं. इन राखियों को पहले तो रक्षाबंधन पर इस्तेमाल में लाया जाता है, उसके बाद भाई गले में भी उस खास पेंडेंट को पहन सकते हैं. प्रियांशु ने कहा कि जब भाई उस पेंडेंट को गले में देखेंगे तो यह खास बंधन उन्हें उनकी बहनों से जोड़े रहेगा.
चांदी की राखी की रेंज तीन सौ रुपये से शुरू
होलसेल विक्रेता प्रियांशु बताते हैं कि चांदी की राखियों की बात करें तो तीन सौ रुपये से लेकर चार से पांच हजार रुपये की रेंज में ये विभिन्न प्रकार की राखियां उपलब्ध हैं. सोने की राखियों की बात करें तो बेहद ही नायाब रेंज इस बार निकाली गई है.
सोने की राखी की रेंज साढ़े तीन हजार से शुरू
बाजार में बेहद ही सामान्य रेंज में तीन से साढ़े तीन हजार क़ीमत से सोने की राखियों की रेंज शुरु होती है जो जबकि 40 से 50 हजार रूपये तक की रेंज में उपलब्ध हैं.
हीरे की राखी की शुरुआती कीमत 40 हजार रुपये
इसी तरह हीरे से निर्मित राखियां भी उपलब्ध हैं, जिनकी रेंज 40 हजार रुपये से शुरू होती है और तीन से साढ़े तीन लाख रुपये तक की अलग-अलग रेंज में कई प्रकार की राखियां इस बार बाजार में हैं.
बहनों को भा रही सोने की राखियों की रेंज
ज्वेलरी के कारोबारियों के मुताबिक, इस बार जो बहनें अपने भाइयों के लिए सर्राफा बाजार में पहुंच रही हैं, वे गोल्ड की राखियां अधिक पसंद कर रही हैं. भाभी राखियां भी बेहद पसंद की जा रही हैं.
रक्षाबंधन को लेकर तैयार स्टॉक लगभग समाप्त
अधिकतर होलसेलर्स का कहना है कि ज्वेलर्स इस बार गोल्ड की राखियों में अधिक इन्वेस्ट कर रहे हैं. इसी में पैसा अधिक लगा रहे हैं. होलसेल सर्राफा व्यापारी बताते हैं कि रक्षाबंधन के पर्व में हालांकि, अभी समय है. लेकिन, उनका स्टॉक उससे पहले ही लगभग समाप्त हो चुका है.
मेरठ में सर्राफा बाजार में राखियां लेने पहुंच रहे सर्राफा व्यापारी
विद्या ज्वेलर्स से जुड़े मणि रस्तोगी बताते हैं कि रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर अलग-अलग तरह की सोने और चांदी की राखियों को लेने पूरे पश्चिमी यूपी से सर्राफा व्यापारी पहुंच रहे हैं. वह कहते हैं कि इस बार पहले से अधिक डिमांड है. उम्मीद है कि इस बार ज्यादा सेल रहेगी.
इस बार 25 करोड़ रुपये की राखियां बिकने का अनुमान
मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल बताते हैं कि समय के साथ काफी कुछ बदला है. वह कहते हैं कि पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि करीब एक दशक से चांदी की राखियां तो प्रचलित थी हीं, अब सोने के प्रति भी आकर्षण बढ़ता जा रहा है. अब सोने की राखियों की डिमांड भी काफी है. रक्षाबंधन के त्योहार पर अब सोना और चांदी भी लोगों की पसंद में शामिल हो चुका है. उन्होंने बताया कि इस बार उम्मीद है कि रक्षाबंधन पर ही अकेले मेरठ में राखियों को लेकर सर्राफा बाजार में करीब 25 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है.
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