नई दिल्ली/गाजियाबाद : किसान नेता राकेश टिकैत ने एक और बड़े आंदोलन में शामिल होने का इशारा किया है. मामला सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध का है. राकेश टिकैत ने सवाल के जवाब में कहा कि अगर बैंकों के निजीकरण को लेकर कोई आंदोलन होगा तो हमें भी उसमें शामिल होने में कोई एतराज नहीं होगा. वहीं उनसे आगामी 7 तारीख यानी मंगलवार को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक को लेकर भी सवाल किए गए.
राकेश टिकैत का कहना है कि कमेटी बना दी गई थी. सात दिसंबर की मीटिंग में कमेटी बताएगी कि उनके पास सरकार से कोई वार्ता के लिए फोन आया या नहीं.
उनसे पूछा गया कि आपने सरकारी बैंकों के निजीकरण बिल पेश होने पर विरोध जाहिर किया है और कहा है कि साझा आंदोलन की जरूरत है. इसके जवाब में राकेश टिकैत ने कहा, बैंक वाले खुद विरोध कर रहे हैं. अगर देश में सभी मामलों पर आंदोलन होने लगेंगे तो बहुत सारे मामले इकट्ठे हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर कोई आंदोलन करेगा तो हमें भी वहां जाने में कोई एतराज नहीं होगा.
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भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने कहा है कि कांग्रेस की फंडिंग से आंदोलन चल रहा है. अब राकेश टिकैत को बलपूर्वक हटाना पड़ेगा. इसके जवाब में उनका कहना है कि अगर कोई कुछ कह रहा है तो उसे कहने दो हमें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. उनसे पूछा गया कि आपको लगातार धमकियां मिलती रहती हैं तो उनका कहना था कि हमें 20 धमकियां मिल चुकी हैं. हम क्या कर सकते हैं. पुलिस को सभी मामलों से अवगत करा दिया गया है.
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