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बैंकों के निजीकरण के विरोध में अगर आंदोलन हुआ तो हम भी शामिल होंगे : राकेश टिकैत

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार से बातचीत के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी. उस कमेटी को बातचीत के लिए कॉल आई या नहीं और राकेश टिकैत उस कमेटी में क्यों नहीं हैं. पढ़िए पूरी स्टोरी...

rakesh tikait etv bharat
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Published : Dec 6, 2021, 5:19 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : किसान नेता राकेश टिकैत ने एक और बड़े आंदोलन में शामिल होने का इशारा किया है. मामला सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध का है. राकेश टिकैत ने सवाल के जवाब में कहा कि अगर बैंकों के निजीकरण को लेकर कोई आंदोलन होगा तो हमें भी उसमें शामिल होने में कोई एतराज नहीं होगा. वहीं उनसे आगामी 7 तारीख यानी मंगलवार को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक को लेकर भी सवाल किए गए.

राकेश टिकैत का कहना है कि कमेटी बना दी गई थी. सात दिसंबर की मीटिंग में कमेटी बताएगी कि उनके पास सरकार से कोई वार्ता के लिए फोन आया या नहीं.

राकेश टिकैत ने एक और बड़े आंदोलन में शामिल होने का इशारा किया.
राकेश टिकैत से पूछा गया कि कमेटी में आपका नाम क्यों नहीं है तो उनका कहना है कि हम पांच लोगों की कमेटी में नहीं रहना चाहते हैं. हम 35 लोगों की कमेटी में हैं. उनसे पूछा गया कि क्या पांच लोग सभी फैसले ले पाएंगे तो उन्होंने कहा कि जो पांच लोगों की कमेटी फैसला लेगी उसे हम मान लेंगे.

उनसे पूछा गया कि आपने सरकारी बैंकों के निजीकरण बिल पेश होने पर विरोध जाहिर किया है और कहा है कि साझा आंदोलन की जरूरत है. इसके जवाब में राकेश टिकैत ने कहा, बैंक वाले खुद विरोध कर रहे हैं. अगर देश में सभी मामलों पर आंदोलन होने लगेंगे तो बहुत सारे मामले इकट्ठे हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर कोई आंदोलन करेगा तो हमें भी वहां जाने में कोई एतराज नहीं होगा.

ये भी पढ़ें- 21वीं सेंचुरी आइकन अवार्ड के फाइनलिस्ट बने राकेश टिकैट, आंदोलन से जुड़े लोगों को दिया श्रेय

भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने कहा है कि कांग्रेस की फंडिंग से आंदोलन चल रहा है. अब राकेश टिकैत को बलपूर्वक हटाना पड़ेगा. इसके जवाब में उनका कहना है कि अगर कोई कुछ कह रहा है तो उसे कहने दो हमें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. उनसे पूछा गया कि आपको लगातार धमकियां मिलती रहती हैं तो उनका कहना था कि हमें 20 धमकियां मिल चुकी हैं. हम क्या कर सकते हैं. पुलिस को सभी मामलों से अवगत करा दिया गया है.

पढ़ेंः आंदोलन की शुरुआत में कहीं नहीं थे राकेश टिकैत, धीरे-धीरे बिछाई चुनावी राजनीति की 'चौसर'

नई दिल्ली/गाजियाबाद : किसान नेता राकेश टिकैत ने एक और बड़े आंदोलन में शामिल होने का इशारा किया है. मामला सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध का है. राकेश टिकैत ने सवाल के जवाब में कहा कि अगर बैंकों के निजीकरण को लेकर कोई आंदोलन होगा तो हमें भी उसमें शामिल होने में कोई एतराज नहीं होगा. वहीं उनसे आगामी 7 तारीख यानी मंगलवार को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक को लेकर भी सवाल किए गए.

राकेश टिकैत का कहना है कि कमेटी बना दी गई थी. सात दिसंबर की मीटिंग में कमेटी बताएगी कि उनके पास सरकार से कोई वार्ता के लिए फोन आया या नहीं.

राकेश टिकैत ने एक और बड़े आंदोलन में शामिल होने का इशारा किया.
राकेश टिकैत से पूछा गया कि कमेटी में आपका नाम क्यों नहीं है तो उनका कहना है कि हम पांच लोगों की कमेटी में नहीं रहना चाहते हैं. हम 35 लोगों की कमेटी में हैं. उनसे पूछा गया कि क्या पांच लोग सभी फैसले ले पाएंगे तो उन्होंने कहा कि जो पांच लोगों की कमेटी फैसला लेगी उसे हम मान लेंगे.

उनसे पूछा गया कि आपने सरकारी बैंकों के निजीकरण बिल पेश होने पर विरोध जाहिर किया है और कहा है कि साझा आंदोलन की जरूरत है. इसके जवाब में राकेश टिकैत ने कहा, बैंक वाले खुद विरोध कर रहे हैं. अगर देश में सभी मामलों पर आंदोलन होने लगेंगे तो बहुत सारे मामले इकट्ठे हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर कोई आंदोलन करेगा तो हमें भी वहां जाने में कोई एतराज नहीं होगा.

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भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने कहा है कि कांग्रेस की फंडिंग से आंदोलन चल रहा है. अब राकेश टिकैत को बलपूर्वक हटाना पड़ेगा. इसके जवाब में उनका कहना है कि अगर कोई कुछ कह रहा है तो उसे कहने दो हमें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. उनसे पूछा गया कि आपको लगातार धमकियां मिलती रहती हैं तो उनका कहना था कि हमें 20 धमकियां मिल चुकी हैं. हम क्या कर सकते हैं. पुलिस को सभी मामलों से अवगत करा दिया गया है.

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