नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का आज 13वां दिन है. सरकार की ओर से अहम संविधान आदेश संशोधित करने की पहल की गई है. सरकार ने अरुणाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों (ST) की सूची को रूपांतरित करने के लिए संशोधन विधेयक पेश किया. विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा के बाद राज्य सभा में ध्वनिमत से यह विधेयक पारित हो गया.
केंद्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्य सभा में संविधान आदेश अनुसूचित जनजाति (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया.
तेलंगाना से निर्वाचित डॉ बंदा प्रकाश (Banda Prakash) ने सबसे पहले इस विधेयक पर अपने विचार रखे. उन्होंने विधेयक का समर्थन किया और कहा कि वे सरकार से तेलंगाना की कुछ जनजातियों के लिए भी संसद से कानून बनाने की अपील करते हैं.
तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2021 चर्चा करने और पारित करने के लिए राज्य सभा में विधेयक पेश किया.
संक्षिप्त चर्चा के बाद राज्य सभा ने ध्वनिमत से अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने के प्रावधान वाले संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी दे दी. अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने भी इस विधेयक का समर्थन किया और अन्य सदस्यों से इसे पारित करने में सहयोग की अपील की.
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सुभाषचंद्र बोस पिल्ली, राजद के मनोज झा, आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार गुप्ता और राकांपा की फौजिया खान ने भी संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021 पर अपनी बात रखी.
विधेयक पारित होने के दौरान भी दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा. संक्षिप्त चर्चा के जवाब में जनजातीय मामलां के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की उन जनजातियों के विकास के लिए यह विधेयक लाया गया है जो मुख्यधारा से अब तक दूर रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार जनजातीय समुदायों के विकास के लिए दृढ़ संकल्प है और इसी राह में आगे बढ़ रही है.
इससे पहले आज राज्य सभा में उपसभापति हरिवंश ने तृणमूल कांग्रेस की एक सदस्य के, एक दिन पहले के आचरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उसकी निंदा की. उपसभापति ने कहा कि अशोभनीय व्यवहार के कारण तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों को एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया था.
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उपसभापति हरिवंश ने कहा कि जब सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित हो गयी तो निलंबित सदस्यों में से एक ने सदन में प्रवेश करने की कोशिश की. इस क्रम में एक द्वार का शीशा टूट गया और एक महिला सुरक्षा अधिकारी को चोट भी आयी. उस अधिकारी ने इसकी शिकायत दर्ज करायी है और सभापति एम वेंकैया नायडू इस पर विचार कर रहे हैं. हरिवंश ने बुधवार की घटना को अत्यंत अशोभनीय और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उसकी निंदा की.
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इस मामले पर हंगामे के दौरान राज्य सभा में भाजपा के उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रदर्शन पर किसी को आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि आपत्ति हिंसा, तोड़फोड़ और हाथपाई को लेकर है. इसके अलावा राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हंगामा में विधेयक पारित हो सकता है लेकिन उनकी बात पूरी नहीं हो सकती. उन्होंने कल की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वह उस समय पास ही थे और निलंबित सदस्य सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित किए जाने के बाद अपने सामान ले जाने के लिए अंदर आना चाह रहे थे.
(एजेंसी इनपुट)