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पक्षियों को जिंदगी देते हैं गुजरात के राजूभाई, जानिए उनकी कहानी

गुजरात के भावनगर में एक ऐसे पक्षी प्रेमी रहते हैं जिनका घर विभिन्न पक्षियों का रैन बसेरा है. राजूभाई बुलबुल सहित अनेक पक्षियों की उनकी मां के जैसे देखभाल करते हैं और इस नेक काम के लिए वे किसी प्रकार का अंशदान भी नहीं लेते. आइए, जानते उनकी कहानी..

rajubhai of gujarat
गुजरात के राजूभाई
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Published : May 27, 2022, 10:51 PM IST

गांधीनगर: पक्षियों का चहचहाट भला किसे नहीं अच्छी लगती लेकिन इनकी चहचहाहट अब कम ही सुनने को मिलती है. हालांकि कई बार लोग पक्षी प्रेमी बनकर न सिर्फ इनकी हिफाजत करते हैं बल्कि इन्हें नया जीवन भी देते हैं. ऐसे ही एक पक्षी प्रेमी हैं, गुजरात के भावनगर के रहने वाले राजूभाई. लोगों के बीच वो बुलबुल को नया जीवन देने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं. वे बुलबुल के चूजों का बिलकुल उनकी मां की तरह संभालते हैं.

इस बारे में वह बताते हैं कि मैं इन चूजों बहुत ही संभाल कर रखता हूं और जब ये चूजे बड़े हो जाते हैं तो उन्हें आकाश में छोड़ देता हूं. इन चूजों को मैं इंजेक्शन पर साइकिल की वॉल्व ट्यूब के लगाकर खिलाता हूं. ये चूजे इंजेक्शन को अपनी मां समझते हैं और इंजेक्शन देखते ही खुश हो जाते हैं. पूरे भावनगर में लोग मुझे बुलबुल एवं अन्य पक्षियों के छोटे बच्चे देखरेख के लिए दे जाते हैं और मेरे पास लोग एक महीने में 30 से 35 चूजे दे जाते हैं. वहीं मानसून में इनकी संख्या बढ़कर 90 हो जाती है.

पक्षी प्रेमी राजूभाई

यह भी पढ़ें-पहल: गौरैया संरक्षण का संकल्प लेकर घर को ही बना डाला 'चिड़ियाघर'

राजूभाई 45 सालों से पक्षियों की सेवा कर रहे हैं. पक्षियों के चूजों को पालकर उनके वयस्क होने के बाद वे उन्हें आकाश में छोड़ देते हैं. इलेक्ट्रिक उत्पादों की दुकान चलाने वाले राजूभाई के लिए इन जीवों की सेवा करना उनका मुख्य लक्ष्य बन गया है. वे सरकार या किसी संस्था से अंशदान नहीं लेते और ये इसका सारा खर्च वे खुद ही उठाते हैं. वे समाज में पशु-पक्षियों के प्रेमी लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं.

गांधीनगर: पक्षियों का चहचहाट भला किसे नहीं अच्छी लगती लेकिन इनकी चहचहाहट अब कम ही सुनने को मिलती है. हालांकि कई बार लोग पक्षी प्रेमी बनकर न सिर्फ इनकी हिफाजत करते हैं बल्कि इन्हें नया जीवन भी देते हैं. ऐसे ही एक पक्षी प्रेमी हैं, गुजरात के भावनगर के रहने वाले राजूभाई. लोगों के बीच वो बुलबुल को नया जीवन देने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं. वे बुलबुल के चूजों का बिलकुल उनकी मां की तरह संभालते हैं.

इस बारे में वह बताते हैं कि मैं इन चूजों बहुत ही संभाल कर रखता हूं और जब ये चूजे बड़े हो जाते हैं तो उन्हें आकाश में छोड़ देता हूं. इन चूजों को मैं इंजेक्शन पर साइकिल की वॉल्व ट्यूब के लगाकर खिलाता हूं. ये चूजे इंजेक्शन को अपनी मां समझते हैं और इंजेक्शन देखते ही खुश हो जाते हैं. पूरे भावनगर में लोग मुझे बुलबुल एवं अन्य पक्षियों के छोटे बच्चे देखरेख के लिए दे जाते हैं और मेरे पास लोग एक महीने में 30 से 35 चूजे दे जाते हैं. वहीं मानसून में इनकी संख्या बढ़कर 90 हो जाती है.

पक्षी प्रेमी राजूभाई

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राजूभाई 45 सालों से पक्षियों की सेवा कर रहे हैं. पक्षियों के चूजों को पालकर उनके वयस्क होने के बाद वे उन्हें आकाश में छोड़ देते हैं. इलेक्ट्रिक उत्पादों की दुकान चलाने वाले राजूभाई के लिए इन जीवों की सेवा करना उनका मुख्य लक्ष्य बन गया है. वे सरकार या किसी संस्था से अंशदान नहीं लेते और ये इसका सारा खर्च वे खुद ही उठाते हैं. वे समाज में पशु-पक्षियों के प्रेमी लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं.

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