नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज तीन दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे. इसके बाद वह लेह में पूर्व सैनिकों से मिले. पूर्व सैनिकों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सेना के जवानों, पूर्व सैनिकों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में कितना सम्मान है ये बताने की जरूरत नहीं है. 30-40 वर्षों से वन रैंक, वन पेंशन की समस्या चली आ रही थी. नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही वन रैंक, वन पेंशन (OROP) की मांग को पूरा किया.
बता दें कि लद्दाख दौरे पर रक्षा मंत्री सिंह थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) के साथ भारत की अभियानगत तैयारियों की समीक्षा करेंगे. साथ ही वह सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा निर्मित आधारभूत संरचना की कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और क्षेत्र में तैनात जवानों के साथ संवाद करेंगे.
थल सेना प्रमुख जनरल नरवणे के साथ सिंह का यह दौरा ऐसे वक्त हो रहा है जब दो दिन पहले भारत और चीन के बीच पिछले साल मई से शुरू सैन्य गतिरोध के समाधन के लिए नए दौर की कूटनीतिक वार्ता हुई है.
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री पूर्वी लद्दाख में ऊंचाई पर स्थित बेस और विभिन्न सैन्य संरचनाओं का जायजा लेने के साथ ही अस्थिर माहौल में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पहरेदारी कर रहे जवानों का मनोबल बढ़ाएंगे.
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री को सेना की 14वीं कोर के लेह स्थित मुख्यालय में पूर्वी लद्दाख में समग्र स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी. इस कोर को लद्दाख सेक्टर में एलएसी की रक्षा करने का काम सौंपा गया है. सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री कुछ महत्वपूर्ण आधारभूत परियोजनाओं के क्रियान्वयन का निरीक्षण करने के लिए अग्रिम इलाकों का भी दौरा करेंगे.
भारत-चीन अगले दौर की सैन्य यात्रा करने पर सहमत
शुक्रवार को सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की डिजिटल तरीके से बैठक में भारत और चीन गतिरोध वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने के लक्ष्य को पाने के लिए अगले दौर की सैन्य वार्ता करने पर सहमत हुए.
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डब्ल्यूएमसीसी की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बाकी क्षेत्रों से अपने सैनिकों को पीछे हटाने के उद्देश्य को हासिल करने के लिये जल्द सैन्य स्तर की अगली दौर की वार्ता करने पर सहमति व्यक्त की है.
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ संवेदनशील क्षेत्रों में वर्तमान में 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं.
(पीटीआई-भाषा)