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देवी देवताओं के खिलाफ शपथ का कथित वीडियो वायरल, विवेक वासनिक के इस्तीफे की मांग - देवी देवताओं के खिलाफ शपथ का मामला

राजनांदगांव के राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन में हिंदू देवी देवताओं को नहीं मानने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ. जिसके बाद राजनांदगांव से बीजेपी सांसद संतोष पाण्डेय ने राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक के इस्तीफे की मांग की है. संतोष पांडेय की मानें तो कथित वायरल वीडियो में हिंदू देवी देवताओं को नहीं मानने की शपथ लेते राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक दिखाई दे रहे हैं. बुधवार को राजपूत समाज और करणी सेना के पदाधिकारियों ने भी शहर में रैली निकालकर हेट स्पीच का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की है. rajnandgaon viral video

rajnandgaon viral video
शपथ का कथित वीडियो वायरल
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Published : Nov 9, 2022, 9:00 PM IST

राजनांदगांव : राजनांदगांव के शिवनाथ नदी तट मोहारा ऑक्सीजन जोन में 7 नवंबर को राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन हुआ. जिसमें प्रदेश भर से लोग पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी शामिल हुए. इस सम्मेलन से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. कथित वायरल वीडियो को लेकर राजनांदगांव के सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि ''इस वीडियो में समाज के लोगों से हिंदू देवी देवता की पूजा नहीं करने की अपील की जा रही है. बाकायदा शपथ दिलाया जा रहा है. इस शपथ को लेते हुए राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक दिखाई दे रहे हैं. इसलिए वासनिक इस्तीफा(Rajnandgaon MP demands Vivek Wasnik resignation)दें.''

शपथ का वीडियो वायरल

क्या था वायरल वीडियो में : राजनांदगांव राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन (Rajnandgaon State Level Buddhist Conference) के कार्यक्रम में हिंदू देवी देवताओं को नहीं मानने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ. इस वीडियो में राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक सहित कई लोग नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में लोगों को शपथ दिलाई जा रही है '' जिसमें कहा जा रहा है कि '' मैं गौरी,गणपति हिंदू धर्म के किसी भी देवी देवता को नहीं मानूंगा और ना ही उनकी कभी पूजा करूंगा. मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है.''

राजनांदगांव में विरोध प्रदर्शन

सोशल मीडिया में वीडियो वायरल : यह शपथ दिलाने वाला वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. लोगों द्वारा जनप्रतिनिधियों की भी आलोचना की जा रही है. जिसमें साफ तौर पर राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक हाथ उठाकर शपथ लेते नजर आ रहे हैं. हालांकि नगर निगम महापौर हेमा देशमुख ने हाथ उठाया और ना ही शपथ ली. लेकिन वायरल वीडियो में जमकर आलोचना हो रही है. हालांकि इस वीडियो की पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

सांसद ने की इस्तीफे की मांग : राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडेय ने इस मामले को लेकर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि ''राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष के पद पर आसीन विवेक वासनिक को इस्तीफा तत्काल देना चाहिए. सैकड़ों एकड़ जमीन पाड़ादाह का भगवान जगन्नाथ का मंदिर वहां है. दिग्विजय कॉलेज के अंतर्गत भगवान राधा कृष्ण का मंदिर है. जिसे पूरी संस्कारधानी राजनांदगांव पूजती है. राजनांदगांव संस्कारधानी के शांत सरोवर जल में पत्थर फेंकने वाले सौहार्दपूर्ण वातावरण में जहर घोलने वालों से सावधान रहना होगा. छत्तीसगढ़ सरल सहज भोले भाले वनवासी का प्रांत रहा है. छत्तीसगढ़ के ताना-बाना को तोड़ने की किसी को इजाजत नहीं है. सामाजिक, धार्मिक आधार पर जो नफरत फैलाने का काम किया गया है, वह माफ करने योग्य नहीं है.अपमान करने की इजाजत किसी को नहीं है.''

सम्मेलन में कौन-कौन हुआ था शामिल : इस सम्मेलन में राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक के साथ ही छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी कार्यक्रम में शिरकत की थी. पूर्व सांसद मधुसूदन यादव,राजनांदगांव नगर निगम महापौर हेमा देशमुख सहित कई जनप्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

राजनांदगांव में इस कथित वीडियो के आने के बाद मचा घमासान: इस संबंध में हिंदू संगठनों के नेताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. अखिल भारतीय राजपूत महासभा के संजय बहादुर सिंह का कहना है कि "जो घटना हुई है वह काफी निंदनीय है. ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए".वहीं इस मामले में महापौर हेमा देशमुख का कहना है कि "बौद्ध समाज के द्वारा राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें बाबा साहेब के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी आए हुए थे.वहां कार्यक्रम के दौरान संविधान के बारे में चर्चा हो रही थी वहीं अतिथि के रुप में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी वहां मौजूद थे मुझे भी विशिष्ट अतिथि के रूप में वहां आमंत्रित किया गया था.कार्यक्रम के बीच में शपथ लेने की प्रक्रिया शुरू हुई तो मुझे लगा कि यह संविधान की शपथ है मुझे नहीं पता था कि यह भगवान के बारे में शपथ है. जब उन्होंने भगवान के बारे में शपथ लेने के लिए कहा तो मैंने इंकार कर दिया और हाथ नहीं उठाया. शपथ की प्रक्रिया 15 सेकंड तक चली जिसके बाद मैं मंच छोड़कर चली गई. क्योंकि वह बौद्ध समाज का कार्यक्रम था जहां उनकी विचारधारा के लोग थे लेकिन मैं सनातन धर्म में विश्वास रखती हूं और हिंदू धर्म को मानती हूं." इस मामले में राजनांदगांव के एडिशनल एसपी लखन पटले ने कहा कि" हमे गलत तरीके से एक धर्म के खिलाफ शपथ दिलाने की शिकायत मिली है. जिस पर जांच की जा रही है. शिकायत पर वीडियो की जांच की जा रही है. जांच पूरी होने पर और तथ्य सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी"

राजनांदगांव में विरोध प्रदर्शन : राजनांदगांव में अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक समाज विशेष ने कार्रवाई की मांग की है. सीएम भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग गई है. इस समाज के पदाधिकारियों ने बुधवार को पुलिस थाना के पास पहुंचकर जमकर नारेबाजी की.

राजनांदगांव : राजनांदगांव के शिवनाथ नदी तट मोहारा ऑक्सीजन जोन में 7 नवंबर को राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन हुआ. जिसमें प्रदेश भर से लोग पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी शामिल हुए. इस सम्मेलन से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. कथित वायरल वीडियो को लेकर राजनांदगांव के सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि ''इस वीडियो में समाज के लोगों से हिंदू देवी देवता की पूजा नहीं करने की अपील की जा रही है. बाकायदा शपथ दिलाया जा रहा है. इस शपथ को लेते हुए राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक दिखाई दे रहे हैं. इसलिए वासनिक इस्तीफा(Rajnandgaon MP demands Vivek Wasnik resignation)दें.''

शपथ का वीडियो वायरल

क्या था वायरल वीडियो में : राजनांदगांव राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन (Rajnandgaon State Level Buddhist Conference) के कार्यक्रम में हिंदू देवी देवताओं को नहीं मानने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ. इस वीडियो में राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक सहित कई लोग नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में लोगों को शपथ दिलाई जा रही है '' जिसमें कहा जा रहा है कि '' मैं गौरी,गणपति हिंदू धर्म के किसी भी देवी देवता को नहीं मानूंगा और ना ही उनकी कभी पूजा करूंगा. मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है.''

राजनांदगांव में विरोध प्रदर्शन

सोशल मीडिया में वीडियो वायरल : यह शपथ दिलाने वाला वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. लोगों द्वारा जनप्रतिनिधियों की भी आलोचना की जा रही है. जिसमें साफ तौर पर राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक हाथ उठाकर शपथ लेते नजर आ रहे हैं. हालांकि नगर निगम महापौर हेमा देशमुख ने हाथ उठाया और ना ही शपथ ली. लेकिन वायरल वीडियो में जमकर आलोचना हो रही है. हालांकि इस वीडियो की पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

सांसद ने की इस्तीफे की मांग : राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडेय ने इस मामले को लेकर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि ''राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष के पद पर आसीन विवेक वासनिक को इस्तीफा तत्काल देना चाहिए. सैकड़ों एकड़ जमीन पाड़ादाह का भगवान जगन्नाथ का मंदिर वहां है. दिग्विजय कॉलेज के अंतर्गत भगवान राधा कृष्ण का मंदिर है. जिसे पूरी संस्कारधानी राजनांदगांव पूजती है. राजनांदगांव संस्कारधानी के शांत सरोवर जल में पत्थर फेंकने वाले सौहार्दपूर्ण वातावरण में जहर घोलने वालों से सावधान रहना होगा. छत्तीसगढ़ सरल सहज भोले भाले वनवासी का प्रांत रहा है. छत्तीसगढ़ के ताना-बाना को तोड़ने की किसी को इजाजत नहीं है. सामाजिक, धार्मिक आधार पर जो नफरत फैलाने का काम किया गया है, वह माफ करने योग्य नहीं है.अपमान करने की इजाजत किसी को नहीं है.''

सम्मेलन में कौन-कौन हुआ था शामिल : इस सम्मेलन में राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक के साथ ही छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी कार्यक्रम में शिरकत की थी. पूर्व सांसद मधुसूदन यादव,राजनांदगांव नगर निगम महापौर हेमा देशमुख सहित कई जनप्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

राजनांदगांव में इस कथित वीडियो के आने के बाद मचा घमासान: इस संबंध में हिंदू संगठनों के नेताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. अखिल भारतीय राजपूत महासभा के संजय बहादुर सिंह का कहना है कि "जो घटना हुई है वह काफी निंदनीय है. ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए".वहीं इस मामले में महापौर हेमा देशमुख का कहना है कि "बौद्ध समाज के द्वारा राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें बाबा साहेब के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी आए हुए थे.वहां कार्यक्रम के दौरान संविधान के बारे में चर्चा हो रही थी वहीं अतिथि के रुप में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी वहां मौजूद थे मुझे भी विशिष्ट अतिथि के रूप में वहां आमंत्रित किया गया था.कार्यक्रम के बीच में शपथ लेने की प्रक्रिया शुरू हुई तो मुझे लगा कि यह संविधान की शपथ है मुझे नहीं पता था कि यह भगवान के बारे में शपथ है. जब उन्होंने भगवान के बारे में शपथ लेने के लिए कहा तो मैंने इंकार कर दिया और हाथ नहीं उठाया. शपथ की प्रक्रिया 15 सेकंड तक चली जिसके बाद मैं मंच छोड़कर चली गई. क्योंकि वह बौद्ध समाज का कार्यक्रम था जहां उनकी विचारधारा के लोग थे लेकिन मैं सनातन धर्म में विश्वास रखती हूं और हिंदू धर्म को मानती हूं." इस मामले में राजनांदगांव के एडिशनल एसपी लखन पटले ने कहा कि" हमे गलत तरीके से एक धर्म के खिलाफ शपथ दिलाने की शिकायत मिली है. जिस पर जांच की जा रही है. शिकायत पर वीडियो की जांच की जा रही है. जांच पूरी होने पर और तथ्य सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी"

राजनांदगांव में विरोध प्रदर्शन : राजनांदगांव में अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक समाज विशेष ने कार्रवाई की मांग की है. सीएम भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग गई है. इस समाज के पदाधिकारियों ने बुधवार को पुलिस थाना के पास पहुंचकर जमकर नारेबाजी की.

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