जयपुर. राजस्थान के भरतपुर में आरक्षण की मांग को लेकर हाईवे जाम कर सड़क पर बैठे माली, कुशवा समाज का यह धरना अब जल्द खत्म खत्म होगा. आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सकारात्मक वार्ता हुई है. अब प्रतिनिधिमंडल सरकार की ओर से लिखित में दिए गए आश्वासन कि चिट्ठी को लेकर आंदोलन स्थल पर जाएगा और वहां पर समाज के बीच सरकार से हुई वार्ता को रखेगा. इसके बाद ही आंदोलन समाप्ति की घोषणा होने की संभावना है. सीएम गहलोत से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने इस बात के संकेत दिए कि सरकार से जो वार्ता हुई है, वह सकारात्मक और सफल रही है.
सरकार लिख रही चिट्ठी : राम प्रताप सैनी ने कहा कि वार्ता के लिए सरकार ने माली, कुशवाहा, शाक्य समाज को बुलाया था. वार्ता काफी सकारात्मक हुई है. जो समझौता हुआ उसकी चिट्ठी लिखित में सरकार की ओर से कुछ देर में मिलेगी, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत ने आश्वस्त किया है कि वह समाज की मांग को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को चिट्ठी लिख रहे हैं. जिसमें जातिगत जनगणना के अंदर माली, कुशवाह, शाक्य समाज की कितनी आर्थिक स्थिति खराब है ? शैक्षणिक स्थिति कैसी है ? उन सबकी सर्वे कराने की बात कही है. साथ ही सीएम गहलोत ने अन्य जाति, जिनको वास्तविक रूप से आरक्षण मिलना चाहिए और जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उसको लेकर भी चिट्ठी लिख रही है.
पढ़ें : सैनी आरक्षण आंदोलन का 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर से मिला, सौंपा ज्ञापन...
आंदोलन स्थल पर होगा फैसला : राम प्रताप सैनी ने कहा कि सरकार से वार्ता सकारात्मक रही है और इसे हम सफल वार्ता भी कह सकते हैं. लेकिन आंदोलन की आगे की क्या रूपरेखा रहेगी ? आंदोलन समाप्त करना या नहीं करना है ? इसको लेकर निर्णय सभा स्थल पर पहुंचने के बाद ही होगा. लेकिन आप यह मान कर चलिए कि जो सरकार से वार्ता हुई है, वह अच्छे और सकारात्मक माहौल में हुई है. जो समझौता लिखित में सरकार के साथ हुआ है, उसको लेकर समाज के बीच में जाएंगे और समाज के बीच में आगे की घोषणा करेंगे. सैनी ने कहा कि सरकार यह नहीं चाहती कि कोई धरना-प्रदर्शन हो. इसलिए उन्होंने वार्ता के लिए बुलाया है और वार्ता से हम संतुष्ट हैं. बाकी निर्णय जल्दी बताया जाएगा.
पांच दिन चल रहा आंदोलन : बता दें कि आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में माली, कुशवाह, शाक्य समाज के लोग भरपुर में हाईवे जाम कर बैठे हैं. समाज के प्रदर्शनकारी लोग अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं. पांच दिन से आंदोलनकारी राजमार्ग जाम किए हुए हैं. इस दौरान कई बार लोगों ने हंगामा किया और पुलिस पर पथराव किया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे.