कोटा. विधायकों की सुरक्षा के लिए सरकार संबंधित जिले की पुलिस से गनमैन मुहैया करवाती है, जिन्हें पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (Personal Security Officer) कहते हैं. कोटा में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें विधायक के पास बीते 4 साल से गनमैन नहीं है, लेकिन गनमैन के वेतन का भुगतान पुलिस विभाग कर रहा है. पुलिस विभाग ने वर्ष 2019 में विधायक की सुरक्षा में गनमैन तैनात किया था, लेकिन वो विधायक के पास पहुंचा ही नहीं. वह न तो पुलिस विभाग में ड्यूटी कर रहा है न ही विधायक की सुरक्षा में लगा है. पिछले 4 साल से गनमैन न केवल पुलिस विभाग से वेतन ले रहा है, बल्कि अपने हथियार की वार्षिक रिपोर्ट भी जमा करा रहा है. इस दौरान वह मौज मस्ती करता रहा.
विधायक कल्पना देवी का गनमैन गायब - मामले के अनुसार कोटा शहर पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल जितेंद्र सिंह (बेल्ट नंबर 1088) को साल 2019 में विधायक कल्पना देवी के गनमैन के तौर पर तैनात किया गया था. उसने कभी विधायक के सुरक्षाकर्मी के तौर पर काम ही नहीं किया. हालात ये हैं कि न तो विधायक ने और न ही पुलिस ने पुष्टि की कि उनका जवान गनमैन के तौर पर कार्यरत है या नहीं. अब सवाल यह है कि चूक हुई तो हुई कहां?
लद्दाख घूमने गया है कॉन्स्टेबल : जितेंद्र सिंह न तो ड्यूटी कर रहा था, न ही वह पुलिस लाइन में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा था. इसका फायदा उठाकर वह बीते 4 सालों से मौज मस्ती में कर रहा था. वर्तमान में भी जितेंद्र सिंह लद्दाख घूमने गया है. उसका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा है. कुछ देर के लिए जब फोन चालू हुआ तो उसे पुलिस अधिकारियों ने पुलिस लाइन में हाजिरी देने के लिए कहा, लेकिन उसने फिर फोन स्विच ऑफ कर लिया.
विधायक को किया फोन तब हुआ खुलासा : वीआईपी की सुरक्षा में लगे गनमैन को हर साल अपने हथियार का ब्यौरा उपलब्ध कराना होता है. जिसके लिए उसे पुलिस लाइन में जाना पड़ता है. जब विधायक के साथ लगे गनमैन जितेंद्र सिंह को फोन किया गया तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला. ऐसे में पुलिस ने विधायक को फोन कर दिया. विधायक ने कहा कि उनके पास तो कोई गनमैन ही नहीं है. इससे पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया. इसके बाद पुलिस ने आंतरिक जांच शुरू की तो सामने आया कि बीते 4 सालों से वह पुलिस लाइन में अपने हथियार का ब्यौरा प्रस्तुत कर सैलरी भी पूरी उठा रहा था.
एडिशनल एसपी पहुंचे विधायक का बयान लेने : विधायक कल्पना देवी के बयान के आधार पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) राम कल्याण मीणा ने जितेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है. इस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल भी शुरू कर दी है. एडिशनल एसपी मीणा का कहना है कि इस मामले में विधायक के बयान के बाद कांस्टेबल को निलंबित किया गया है और नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं.
लिया गनमैन का प्रशिक्षण, देता रहा परीक्षाः आरोपी कांस्टेबल जितेंद्र सिंह सोलंकी बीते 4 सालों में कई बार पुलिस लाइन में आकर ट्रेनिंग भी ली है. साथ ही वह जयपुर में जाकर गनमैन का प्रशिक्षण भी अलग से 2022 जुलाई में लेकर आया है. हर बार ट्रेनिंग के लिए पुलिस लाइन में आमद करवाता था. साथ ही ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद वापस रवानगी ले लेता था. इसके साथ ही पुलिस कर्मियों की परीक्षा भी पुलिस लाइन में आयोजित हुई है. इसके लिए भी जितेंद्र सिंह सोलंकी को कई बार पुलिस लाइन से संपर्क किया गया, जिसके बाद वह आकर परीक्षा दे जाता और वापस चला जाता था, ताकि किसी को शक नहीं हो कि वह कल्पना देवी के साथ बतौर सुरक्षाकर्मी काम नहीं कर रहा है.
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उठा चुका है लाखों रुपए सैलरी, अब लटकी रिकवरी की तलवारः जितेंद्र सिंह सोलंकी ने एक बार भी पुलिस लाइन में किसी को यह नहीं बताया कि वह कल्पना देवी की सुरक्षा में नहीं लगा हुआ है. इसके चलते हमेशा पुलिस लाइन से उसकी सैलरी बन जाती थी और उसके खाते में चली जाती थी. आरोपी कांस्टेबल जितेंद्र सिंह सोलंकी को करीब 50 हजार रुपए से ज्यादा की सेलरी हर माह मिल रही थी. ऐसे में वह अभी तक 25 लाख रुपए की सैलरी उठा चुका है, जबकि उसने बतौर सुरक्षाकर्मी काम ही नहीं किया है. कोटा सिटी पुलिस लाइन के संचित निरीक्षक भगवान सहाय का कहना है कि सैलरी बनाने के लिए कोई डॉक्यूमेंट एमएलए या उसके ऑफिस से नहीं लिया जाता है. ऐसे में लगातार जितेंद्र की सैलरी पुलिस लाइन से बनती रही थी.
राज परिवार के सदस्य होने के चलते नहीं पड़ी जरूरतः विधायक कल्पना देवी कोटा के पूर्व राज परिवार की सदस्य हैं. ऐसे में सिविल लाइंस स्थित राजभवन में ही निवास करती हैं, दूसरा उनका कार्यालय भी नेहरू गार्डन के नजदीक है. पूर्व राजपरिवार के सुरक्षाकर्मी पहले से भी हैं, ऐसे में विधायक बनने के बाद कल्पना देवी ने किसी सुरक्षा गार्ड या गनमैन को लगाने की जरूरत भी नहीं समझी है. उनके निजी सहायक रूपेश राय का कहना है कि कभी सुरक्षाकर्मी की जरूरत ही नहीं हुई. कांस्टेबल जितेंद्र सिंह सोलंकी पता नहीं कहां से कागज लाकर गनमैन बन गया, हमने कभी देखा भी नहीं है. साथ ही वह एमएलए कल्पना देवी के पास कभी आया भी नहीं है.
पुलिस को ही पता ही नहीं : लाडपुरा एमएलए कल्पना देवी का कहना है कि उन्हें पुलिस दफ्तर से फोन आया था कि एक गनमैन जो उनके यहां लगा हुआ है, उसे कुछ घंटे के लिए रिलीव करें ताकि वह अपना गन लाइसेंस रिन्यू करा सके. विधायक ने कहा कि यह सुनकर वो चौंक गईं, क्योंकि उनके पास कोई गनमैन ही नहीं है. उन्होंने पुलिस अधिकारी को कहा कि उनके पास कोई गनमैन नहीं है. न ही गनमैन के लिए कभी आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें कभी महसूस नहीं हुआ कि सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी रखा जाए. प्रदेश में जिस तरह से अपराध बढ़ रहा है, जनता को उस पुलिसकर्मी की ज्यादा जरूरत है. विधायक ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की यह कमी है कि उन्हें पता ही नहीं है कि उनका पुलिसकर्मी कहां पर ड्यूटी कर रहा है.