जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में वायरल हुई ऑडियो क्लिप को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न एसीबी को उनकी वॉइस सैंपल लेने की अनुमति दे दी जाए. जस्टिस आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की याचिका पर दिए. अदालत ने पूर्व में गत 22 जून को भी गजेंद्र सिंह को नोटिस जारी किए थे, लेकिन नोटिस की तामील नहीं हुई थी.
याचिका में अतिरिक्त महाधिवक्ता घनश्याम सिंह राठौड़ ने अदालत को बताया कि निचली अदालत ने गलत तरीके से एसीबी के प्रार्थना पत्र को खारिज किया है. निचली अदालत ने जिस आधार पर वॉइस सैंपल लेने के संबंध में एसीबी का प्रार्थना पत्र को खारिज किया है, वह प्रावधान ब्लड सैंपल और हैंडराइटिंग के सैंपल लेने के मामले में लागू होता है, जबकि यह मामला वॉइस सैंपल लेने का है. जांच एजेंसी गिरफ्तार किए बिना भी वॉइस सैंपल ले सकती है. सुप्रीम कोर्ट भी पूर्व में अन्य मामले में तय कर चुका है कि अनुसंधान एजेंसी को जरूरत होने पर वह संबंधित व्यक्ति की वॉइस सैंपल ले सकती है. ऐसे में निचली अदालतों के आदेश को रद्द करते हुए एसीबी को गजेंद्र सिंह की वॉइस सैंपल लेने की अनुमति दी जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने गजेंद्र सिंह को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
हाईकोर्ट में दी गई चुनौती : गौरतलब है कि जुलाई, 2020 में तीन ऑडियो क्लिप वायरल हुईं थी, जिसमें विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर बातचीत की जा रही थी. आरोप है कि इस ऑडियो क्लिप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और संजय जैन की आवाज है. ऑडियो क्लिप के आधार पर पहले एसओजी ने मामला दर्ज किया था. बाद में एसओजी की ओर से क्षेत्राधिकार के आधार पर एफआर पेश की गई थी. दूसरी ओर समान मामले में एसीबी ने भी संजय जैन, विधायक भंवरलाल शर्मा और गजेंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था. प्रकरण में एसीबी ने संजय जैन को गिरफ्तार भी किया था. इसके बाद निचली अदालत ने एसीबी को संजय जैन का वॉयस सैंपल लेने की अनुमति दी थी, लेकिन संजय ने सैंपल देने से मना कर दिया था. वहीं, निचली अदालत ने गजेंद्र सिंह का सैंपल लेने के लिए एसीबी की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था. इसके खिलाफ पेश रिवीजन को एडीजे कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.