जोधपुर : राजस्थान उच्च न्यायालय ने भंवरी देवी के अपहरण और हत्या के मामले में छह आरोपियों को मंगलवार को जमानत दे दी. इससे करीब दो हफ्ते पहले उच्चतम न्यायालय ने मामले में आरोपी परसराम बिश्नोई को जमानत दे दी थी.
बिश्नोई के मामले में शीर्ष अदालत का यही आदेश इन छह आरोपियों की जमानत का भी आधार बना. इसके साथ ही मामले के 17 में से आठ आरोपियों को जमानत मिल गई है, जिनमें रेशमाराम भी शामिल है.
मुख्य आरोपी महिपाल मदेरणा की जमानत अर्जी पर मंगलवार को फैसला नहीं हो सका. उसे फिलहाल इलाज के लिए अंतरिम जमानत मिली हुई है. उसने भी जमानत याचिका दायर की थी लेकिन अदालत इस पर 23 अगस्त को सुनवाई करेगी.
उच्चतम न्यायालय में परसराम के वकील महेश जेठमलानी की दलीलों ने इन सभी की जमानतों का आधार बनाया. जेठमलानी ने अदालत में दलील दी थी कि मामला दाखिल करने के चार साल बाद सुनवाई शुरू हुई और बिश्नोई 2012 से न्यायिक हिरासत में है.
एक आरोपी के वकील संजय बिश्नोई ने कहा, “उसी आधार पर, हमने दलील दी कि उसे न्यायिक हिरासत में नौ साल से अधिक हो गए है और मामले की सुनवाई कब पूरी होगी इसका पता नहीं है.” दलीलों को मानते हुए न्यायमूर्ति दिनेश मेहता ने सभी छह आरोपियों को जमानत दे दी और मदेरणा की याचिका को 23 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
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न्यायिक हिरासत में जेल में बंद अन्य आरोपियों में मलखान सिंह बिश्नोई और उसकी बहन इंद्रा बिश्नोई, बिश्नाराम बिश्नोई, कैलाश जाखड़, शहाबुद्दीन, अमरचंद (भंवरी देवी का पति) और दो अन्य शामिल हैं.
(पीटीआई-भाषा)