जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 199 विधानसभा क्षेत्रों के 51,890 मतदान केन्द्रों पर शनिवार (25 नवम्बर) को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष मतदान सम्पन्न हो गया. इस दौरान प्रदेश के 75.45% प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. राज्य निर्वाचन विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़ो के मुताबिक पोस्टल बैलेट के वोट प्रतिशत को शामिल करने के बाद प्रदेश में कुल 75.45% फीसदी मतदान हुआ है. वहीं, ईवीएम के जरिए 74.62 प्रतिशत वोट पड़े थे. साथ ही बताया गया कि इस बार के मतदान ने पिछले दो चुनावों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.
राजस्थान में बंपर वोटिंग : राज्य निर्वाचन विभाग की ओर से जारी नए आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में 75.45 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. साथ ही बताया गया कि इस बार के चुनाव में कुल तीन करोड़ 92 लाख 11 हजार 399 वोट पड़े हैं, जो कि पिछले दो चुनावों की तुलना में अधिक हैं. वहीं, सर्वाधिक मतदान पोकरण में 87.79 फीसदी और तिजारा में 85.15 प्रतिशत रहा, जबकि सबसे कम वोटिंग मारवाड़ जंक्शन में 61.10 फीसदी और आहोर 61.19 प्रतिशत रहा. बता दें कि श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र में एक प्रत्याशी की मृत्यु के कारण वोटिंग नहीं हुई.
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बता दें कि निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुगम और समावेशी चुनाव सम्पन्न करवाने के लिए पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों सहित विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के साथ व्यापक और नियमित रूप से स्थिति एवं चुनाव सम्बंधी तैयारियों की समीक्षा की थी. गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के 12,433 संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रों सहित 26,393 मतदान केन्द्रों पर मतदान प्रक्रिया की लाइव वेब कास्टिंग करवाई गई. रिटर्निंग अधिकारी, जिला और राज्य स्तर पर और भारत निर्वाचन आयोग के स्तर पर वेबकास्टिंग की मॉनिटरिंग की गई. क्रिटिकल मतदान केन्द्रों पर पर्याप्त संख्या में केन्द्रीय पुलिस बल और माइक्रो ऑब्जर्वर लगाए गए. सभी मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं के सुविधा को ध्यान में रखते हुए रैम्प, पीने के पानी, टॉयलेट और व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई, साथ ही, मतदाताओं की सहायता के लिए हर मतदान केंद्र पर 2 वॉलंटियर्स तैनात किए गए.
गुप्ता ने बताया कि 80 वर्ष एवं अधिक आयु के वृद्धजन और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए इस चुनाव में पहली बार आयोग की ओर से होम वोटिंग की सुविधा प्रदान की गई थी. प्रदेशभर में 80 वर्ष से अधिक आयु के 50,730 एवं 11,798 दिव्यांग मतदाताओं ने फॉर्म 12-डी भर कर घर से ही मतदान की सुविधा का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था. इनमें से 61,618 जीवित मतदाताओं में से कुल 49,365 वृद्ध (80 वर्ष से अधिक) एवं 11,656 दिव्यांग मतदाताओं ने घर से ही मतदान किया. इस तरह करीब 99 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने इस सुविधा का लाभ लिया. आवश्यक सेवाओं से जुड़े 6,694 मतदाताओं ने फॉर्म 12-डी भरा. इनमें से 4,427 मतदाताओं ने पोस्टल बैलट सुविधा के माध्यम से वोट डाला. 3,71,442 मतदान कार्मिकों ने फेसिलिटेशन सेंटर्स पर पोस्टल बैलेट से मतदान किया.
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युवा एवं महिला प्रबन्धित मतदान केन्द्र : प्रवीण गुप्ता ने बताया कि लोकतंत्र के उत्सव में युवाओं और महिलाओं को भागीदारी के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर प्रदेश में 1,592-1,592 युवा और महिला प्रबन्धित मतदान केन्द्र बनाए गए थे. राजस्थान में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 8-8 महिला एवं युवा प्रबन्धित मतदान केन्द्र और एक दिव्यांग प्रबन्धित मतदान केन्द्र बनाया गया था. प्रदेश में अधिकतर विधानसभा क्षेत्रों में मताधिकार के प्रति मतदाताओं का भारी रुझान देखने को मिला. पाली जिले के बाली विधानसभा क्षेत्र में एक सजा-धजा दूल्हा बारात रवाना होने से पहले वोट डालने मतदान केन्द्र पहुंचा. राजसमन्द जिले मे धोइंदा निवासी संगीता ने शादी के बाद विदाई से पहले अपना वोट दिया. बारां जिले में गोयरा ग्राम पंचायत के मतदान केन्द्र पर पीवीटीजी समूह में आने वाली सहरिया जनजाति के मतदाताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था. सिरोही जिले के आबू-पिंडवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के शेरगांव में 4,921 फुट की उंचाई पर पहली बार मतदान केंद्र बनाया गया. यहां पहुंचने के लिए मतदान दल को गुरु शिखर से करीब 17 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. इस केंद्र पर स्थानीय ग्रामीणों में मतदान को लेकर खासा उत्साह दिखा. थर्ड जेंडर मतदाताओं ने भी बढ़चढ़ कर मताधिकार का प्रयोग किया. इस तरह के समाचार प्रदेश में अनेक स्थानों से प्राप्त हुए.
नव मतदाताओं ने बढ़-चढ़ कर किया वोट : मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में 18-19 वर्ष आयु वर्ग के 22.61 लाख मतदाताओं ने मतदान के लिए पंजीकरण कराया था. मतदान केन्द्रों पर इन मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए सेल्फी बूथ बनाए गए थे. मतदान के बाद इन युवाओं ने अमिट स्याही लगी उंगली दिखाते हुए बड़ी संख्या में रील्स और मीम्स आदि बना कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा किए. उन्होंने बताया कि सीईओ राजस्थान की वेबसाइट पर अमिट स्याही लगी उंगली दिखाते हुए 34,000 से अधिक मतदाताओं ने सेल्फी अपलोड की. इन मतदाताओं को ई-सर्टिफिकेट जारी किए गए.
गुप्ता ने बताया कि चुनाव में धन-बल का दुरुपयोग रोकने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के प्रयासों के अंतर्गत इस विधानसभा चुनाव में चुनाव खर्च निगरानी का नया रिकॉर्ड बना. आदर्श आचार संहिता के दौरान निर्वाचन विभाग के निर्देश पर गठित एफएस, एसएसटी और अन्य एन्फोर्समेंट एजेंसियों की और कड़ी निगरानी और निरंतर प्रयासों से राज्य में 692.36 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध नकदी, शराब और अन्य सामग्री जब्त की गई. विधानसभा आम चुनाव-2018 की तुलना में यह आंकड़ा 970 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने बताया कि सी-विजिल एप का व्यापक स्तर पर उपयोग करते हुए आमजन ने शिकायत दर्ज कराईं. इनमें से अधिकांश का 100 मिनट के नियत समय में निस्तारण किया गया.
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25 नवंबर, 2023 (प्रातः11 बजे) तक प्राप्त 20,298 शिकायतों में से 20,245 का निस्तारण किया गया, जबकि 53 शिकायतों का निस्तारण प्रक्रियाधीन है. सबसे अधिक 3,889 शिकायत जयपुर, 2,002 कोटा जिले से और सबसे कम 68 शिकायत जैसलमेर और 90 शिकायतें बांसवाड़ा जिले से प्राप्त हुईं. इनमें सबसे अधिक शिकायतें बिना अनुमति लगे पोस्टर और बैनर से संबंधित थी. उन्होंने बताया कि सुविधा पोर्टल के माध्यम से राजनीतिक दलों को डोर-टू-डोर अभियान, हेलीकॉप्टर, वीडियो वैन, नुक्कड़ सभाओं, रैली, वाहन आदि की अनुमतियों के लिए 23,407 आवेदन प्राप्त हुए, इनमें 18,313 अनुमतियां प्रदान की गई.