जयपुर. एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी रविवार को राजस्थान के जयपुर जिले के दौरे पर रहे. यहां बांस की पुलिया के पास उन्होंने शाम को एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा और खुद की सियासी ताकत समझने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा की अब राजस्थान के लोगों के पास भाजपा और कांग्रेस के अलावा एआईएमआईएम का भी विकल्प है.
हिजाब, टोपी और दाढ़ी देखकर कानूनः उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश का संविधान हम लोगों को बराबरी का दर्जा देता है, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा नहीं है. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि नफरत से आजादी चाहिए तो एआईएमआईएम को वोट दीजिए. साथ ही सवाल उठाते हुए कहा कि आप लोगों ने भाजपा को वोट नहीं दिया तो फिर वह जीत कैसे रही है? ओवैसी ने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है, तब से नफरत बढ़ गई है. हम लोगों को खुद की सियासी ताकत को समझने की जरूरत है. अब कांग्रेस और बीजेपी के अलावा भी एआईएमआईएम विकल्प है.
'भाजपा के एजेंट' आरोप पर दिया जवाबः असदुद्दीन ओवैसी ने विरोधियों की ओर से उन्हें भाजपा का एजेंट कहने पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हम चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा का एजेंट कहा जाता है. हमारी पार्टी तो राजस्थान से पहली बार चुनाव लड़ रही है. इससे पहले भाजपा की सरकार कैसे बनी? भड़काऊ भाषण देने के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वे ही सबसे ज्यादा भाजपा का विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस हमेशा से ही सच्चाई को बयां करने से बचती रही है. हम तो हमेशा ही सच्चाई बयां कर रहे हैं.
CAA का सबसे ज्यादा विरोध भी मैंने ही कियाः ओवैसी ने कहा कि CAA का सबसे ज्यादा विरोध उन्होंने ही किया है. संसद में इस कानून को फाड़ कर उन्होंने ही फेंका. तीन तलाक कानून बनाया गया तो सबसे ज्यादा विरोध उन्होंने ही किया. इल्जाम लगाने वाले खुद के अंदर झांक कर देखें. महिला आरक्षण बिल पर ओवौसी ने कहा कि महिला विरोधी कैसे हो सकता हूं, जब मेरी मां के पैरों तले जन्नत है. संसद में मुस्लिम महिलाओं का आना बेहद जरूरी है.
कांग्रेस नेता हैदराबाद आएं, बताएंगे काम कैसे होते हैंः ओवैसी ने कांग्रेस को न्यौता देते हुए कहा कि चुनाव पूरे होने के बाद हैदराबाद आएं. हम आपको बताएंगे कि काम किस तरह से होते हैं. सियासी ताकत का इस्तमाल करना सीखिए. मैं इस दुनिया में नहीं रहूंगा, लेकिन हमारे पढ़ाए बच्चे हमारा नाम रोशन करेंगे. उन्होंने कहा कि सभी लोगों के किए हमारे दरवाजे खुले हुए हैं. समाज को शिक्षा की अहमियत समझने की दरकार है.