जयपुर. राजस्थान एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संविदा कर्मियों की भर्ती में चल रहे एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है. एसीबी मुख्यालय की टीम ने कार्रवाई करते हुए ईएसआई हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज अलवर में दबिश देते हुए संविदा भर्ती के नाम पर आवेदकों से हो रही वसूली का पर्दाफाश किया है. यह भर्ती करीब 500 से अधिक पदों के लिए की जा रही थी. जिनमें से 90 से अधिक पदों के लिए तो डील हो चुकी थी.
1.5 से 2 लाख रुपये वसूले जा रहे थे
एसीबी मुख्यालय को काफी लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि प्रदेश में विभिन्न पदों पर की जा रही संविदा कर्मियों की भर्ती में घोटालेबाजी की जा रही है. जिस पर एसीबी की टीम लगातार नजर बनाए हुए थी. एसीबी की कार्रवाई के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि नर्सिंग स्टाफ की संविदा भर्ती के नाम पर आवेदकों से 1.50 से 2 लाख रुपये वसूले जा रहे थे. नर्सिंग सहायक भर्ती के नाम पर आवेदकों से 60 से 90 हजार रुपये की वसूली की जा रही थी.
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राजस्थान में नर्सिंग स्टाफ और नर्सिंग सहायक संविदा कर्मियों की भर्ती का जिम्मा गुजरात की एमजे सोलंकी फर्म के पास है. फर्म ने अब तक प्रदेश में 100 लोगों की संविदा कर्मियों के रूप में भर्ती की है. इस पूरे प्रकरण में फर्म से जुड़े हुए लोगों की मिलीभगत भी उजागर हुई है. जिस पर एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए फर्म के कंपनी पार्टनर मिनेश भाई को भी हिरासत में लिया है.
अलवर सांसद के पीए की भूमिका भी संदिग्ध
संविदा कर्मियों की भर्ती के प्रकरण में अलवर सांसद बालकनाथ के पीए कुलदीप सिंह यादव की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है. एसीबी के पास कुलदीप सिंह यादव की कॉल रिकॉर्डिंग मौजूद है. जिसमें 5 लाख रुपये की डिमांड की जा रही है. एसीबी ने जोधपुर एम्स से भी एक नर्सिंगकर्मी महिपाल को डिटेन किया है. छापेमारी के दौरान अलवर और अजमेर से हिरासत में लिए गए लोगों के पास से 19.50 लाख रुपये बरामद किए गए हैंं. जिसमें 4.50 लाख रुपये अलवर से तो 15 लाख रुपये अजमेर से बरामद किए गए हैं.
फिलहाल इस पूरे प्रकरण को लेकर राजस्थान में अनेक स्थानों पर एसीबी लगातार छापे मार रही है. प्रदेश में कई पदों पर सैकड़ों भर्तियां होनी बाकी हैं और ऐसे में एसीबी की जांच में भर्तियों को लेकर एक बड़ा घोटाला उजागर होने की संभावना है.