छतरपुर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले फरार आरोपी कालीचरण महाराज को छतीसगढ़ पुलिस ने मध्यप्रदेश के खजुराहो से सुबह चार बजे गिरफ्तार (Kalicharan Maharaj arrested from Khajuraho) कर लिया. रायपुर के एसपी प्रशांत अग्रवाल के अनुसार, कालीचरण महाराज मध्य प्रदेश के खजुराहो से 25 किमी दूर बागेश्वर धाम के पास होटल में रह रहे थे. पुलिस ने गुरुवार प्रात: 4 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया. छतरपुर कोर्ट में पेशी के बाद देर शाम तक उन्हें छतीसगढ़ पुलिस टीम रायपुर लाएगी. बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के टिकरापारा थाने में महात्मा गांधी के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी करने वाले कालीचरण के खिलाफ मुकदमा दर्ज है.
रविवार अर्थात 26 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में महाराष्ट्र से आए संत कालीचरण ने मंच से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Controversial Statement on Mahatma Gandhi) पर विवादित टिप्पणी की थी. उसने साल 1947 में हुए भारत के बंटवारे के लिए बापू को जिम्मेदार ठहराया था. साथ ही, उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन भी किया था.
कालीचरण के बयान के बाद धर्म संसद में हंगामा मच गया था. कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास (Mahant Ramsundar Das) ने कालीचरण के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया था. साथ ही ऐलान किया था कि वह अगले साल धर्म संसद में शामिल नहीं होंगे. धर्म संसद के मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय बातें कही गई हैं. हम इसका विरोध करते हैं. इसके बाद वह मंच छोड़कर धर्म संसद से चले गए.
'राजनेताओं को कट्टर हिंदूवादी होने की जरूरत'
धर्म संसद में कालीचरण को नाथूराम गोडसे की तस्वीर को हाथ जोड़कर प्रणाम करते देखा गया था. रविवार को उन्होंने मंच से बापू के खिलाफ विवादित बयान दिया था. उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि राजा यानी सांसद, विधायक, मंत्री और प्रधानमंत्री को कट्टर हिंदूवादी होना चाहिए.
'धर्मांतरण रोकने के लिए जाति व्यवस्था खत्म हो'
धर्मांतरण पर बोलते हुए संत कालीचरण ने एक नई व्याख्या की थी. उन्होंने कहा था कि धर्मांतरण को रोकने के लिए जाति व्यवस्था को खत्म कर देना चाहिए. तभी धर्मांतरण रुकेगा. जिन लोगों को समाज से प्रेम नहीं मिला, जिन वर्गों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिला. ऐसे लोगों ने ही दूसरे धर्म को अपनाया है. इतना ही नहीं ऐसे लोगों की देखा-देखी करते हुए अन्य लोग अब धर्मांतरण को अपना रहे हैं. इसलिए जाति व्यवस्था को खत्म कर ही धर्मांतरण की समस्या का हल पाया जा सकता है.