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NIA Charge Sheet In Tiriya Encounter Case : तिरिया एनकाउंटर केस में NIA ने फाइल की चार्जशीट, 12 लोगों को बनाया आरोपी - तिरिया एनकाउंटर केस

NIA Charge Sheet In Tiriya Encounter Case : एनआईए ने छत्तीसगढ़ में 2019 तिरिया मुठभेड़ मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.इस मामले में मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों को मौके से कई दस्तावेज मिले थे.जिनमें नक्सलियों की मदद करने वाले लोगों का कनेक्शन मिला था.Tiriya encounter case in Chhattisgarh

NIA Charge Sheet In Tiriya Encounter Case
तिरिया एनकाउंटर केस में NIA ने फाइल की चार्जशीट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 4:25 PM IST

नई दिल्ली/रायपुर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने छत्तीसगढ़ में चार साल पहले हुए तिरिया मुठभेड़ मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.आपको बता दें कि इस मुठभेड़ में छह नक्सलियों समेत एक नागरिक की मौत हुई थी.एनआईए अधिकारी के मुताबिक आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.

नक्सलियों ने प्लान बनाकर किया था हमला : एनआईए रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संजू, लक्ष्मण नाग, दशरी कवासी, दुबासी शंकर, जलीमुरी श्रीनु बाबू, विजयलक्ष्मी, रमेश कुंजामी सहित वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में नक्सली कैडर ने सुरक्षाकर्मियों पर हमले की साजिश रची थी. डीआरजी, स्पेशल टास्क फोर्स, राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमें जगदलपुर के तिरिया गांव के पास तलाशी अभियान में लगी थीं. इसी वक्त सर्च टीम को नक्सलियों ने निशाना बनाया. हमले के दौरान अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया.

NIA ने जांच के बाद संदिग्धों की पहचान की : एनआईए अफसर के मुताबिक मामले में आधिकारिक संदिग्धों की भी पहचान कर ली गई है.उनमें बीसी पद्मा, दुबासी देवेंदर, डोंगारी देवेंदर, डुड्डू प्रभाकर और कंडुला सिरिशा शामिल हैं. सीपीआई के शीर्ष नेतृत्व से करीबी संबंध रखने वाले आरोपी व्यक्ति प्रतिबंधित संगठन के गैरकानूनी और हिंसक एजेंडे को आगे बढ़ाने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे. ये सभी अभियानों का समर्थन करने के लिए सीपीआई (एम) से धन प्राप्त करने में सहायक थे.

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कब हुई थी मुठभेड़ ? : तिरिया नक्सली मुठभेड़ 2019 में हुई थी. जब लोकल डिस्ट्रिक्ट ज्वाइंट रिजर्व गार्ड यानी डीआरजी , स्पेशल टास्क फोर्स और सीआरपीएफ की टीम तिरिया के पास जंगल में सर्च ऑपरेशन कर रही थी. सुरक्षाबलों को जानकारी मिली थी कि नक्सली 28 जुलाई के दिन बड़ी घटना को अंजाम देने वाले हैं.जब टीम जंगल में पहुंची तो पहले से ही घात लगाए नक्सलियों ने हमला बोल दिया. जवाबी कार्रवाई में टीम ने छह नक्सलियों को मार गिराया.इस मुठभेड़ में महिला नक्सली की गिरफ्तारी भी हुई थी. एनकाउंटर के बाद सुरक्षाबलों ने हाथ से लिखे डॉक्यूमेंट और हथियार बरामद किए थे. जिसमें नक्सलियों संगठनों को मदद करने वाले लोगों के बारे में जानकारी मिली थी. पूरे मामले में 28 जुलाई 2019 को आर्म्स एक्ट सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया. एनआईए ने 18 मार्च 2021 को इस केस को अपने हाथ में ले लिया. इसके बाद से ही एनआईए मामले की जांच कर रहा था.

Source-PTI

नई दिल्ली/रायपुर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने छत्तीसगढ़ में चार साल पहले हुए तिरिया मुठभेड़ मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.आपको बता दें कि इस मुठभेड़ में छह नक्सलियों समेत एक नागरिक की मौत हुई थी.एनआईए अधिकारी के मुताबिक आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.

नक्सलियों ने प्लान बनाकर किया था हमला : एनआईए रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संजू, लक्ष्मण नाग, दशरी कवासी, दुबासी शंकर, जलीमुरी श्रीनु बाबू, विजयलक्ष्मी, रमेश कुंजामी सहित वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में नक्सली कैडर ने सुरक्षाकर्मियों पर हमले की साजिश रची थी. डीआरजी, स्पेशल टास्क फोर्स, राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमें जगदलपुर के तिरिया गांव के पास तलाशी अभियान में लगी थीं. इसी वक्त सर्च टीम को नक्सलियों ने निशाना बनाया. हमले के दौरान अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया.

NIA ने जांच के बाद संदिग्धों की पहचान की : एनआईए अफसर के मुताबिक मामले में आधिकारिक संदिग्धों की भी पहचान कर ली गई है.उनमें बीसी पद्मा, दुबासी देवेंदर, डोंगारी देवेंदर, डुड्डू प्रभाकर और कंडुला सिरिशा शामिल हैं. सीपीआई के शीर्ष नेतृत्व से करीबी संबंध रखने वाले आरोपी व्यक्ति प्रतिबंधित संगठन के गैरकानूनी और हिंसक एजेंडे को आगे बढ़ाने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे. ये सभी अभियानों का समर्थन करने के लिए सीपीआई (एम) से धन प्राप्त करने में सहायक थे.

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कब हुई थी मुठभेड़ ? : तिरिया नक्सली मुठभेड़ 2019 में हुई थी. जब लोकल डिस्ट्रिक्ट ज्वाइंट रिजर्व गार्ड यानी डीआरजी , स्पेशल टास्क फोर्स और सीआरपीएफ की टीम तिरिया के पास जंगल में सर्च ऑपरेशन कर रही थी. सुरक्षाबलों को जानकारी मिली थी कि नक्सली 28 जुलाई के दिन बड़ी घटना को अंजाम देने वाले हैं.जब टीम जंगल में पहुंची तो पहले से ही घात लगाए नक्सलियों ने हमला बोल दिया. जवाबी कार्रवाई में टीम ने छह नक्सलियों को मार गिराया.इस मुठभेड़ में महिला नक्सली की गिरफ्तारी भी हुई थी. एनकाउंटर के बाद सुरक्षाबलों ने हाथ से लिखे डॉक्यूमेंट और हथियार बरामद किए थे. जिसमें नक्सलियों संगठनों को मदद करने वाले लोगों के बारे में जानकारी मिली थी. पूरे मामले में 28 जुलाई 2019 को आर्म्स एक्ट सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया. एनआईए ने 18 मार्च 2021 को इस केस को अपने हाथ में ले लिया. इसके बाद से ही एनआईए मामले की जांच कर रहा था.

Source-PTI

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