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राहुल गांधी व खड़गे उत्तराखंड की रणनीति पर 13 जुलाई को करेंगे समीक्षा, सभी पांच लोकसभा सीटों पर होगा फोकस

उत्तराखंड में कांग्रेस नेताओं को एकजुट करने के साथ ही 2024 लोकसभा चुनाव में राज्य की पांच लोकसभा सीटें जीतने को लेकर पार्टी 13 जुलाई को समीक्षा करेगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) इस सिलसिले में मंथन करेंगे. इस संबंध में एआईसीसी के उत्तराखंड प्रभारी सचिव राजेश धर्माणी ने विशेष बात की. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

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Published : Jul 12, 2023, 6:14 PM IST

Rahul Gandhi Congress President Mallikarjun Kharge
नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकार्जुन खड़गे

नई दिल्ली : पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी (Former Congress chief Rahul Gandhi) और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) उत्तराखंड के नेताओं से एकजुट होने के साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी पांच लोकसभा सीटें जीतने के लिए 13 जुलाई को पार्टी रणनीति की समीक्षा करेंगे. इस बारे में एआईसीसी के उत्तराखंड प्रभारी सचिव राजेश धर्माणी ने बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने अगले साल लोकसभा चुनाव की तैयारी पर चर्चा के लिए 13 जुलाई को उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य राज्य की सभी पांच लोकसभा सीटों को भाजपा से छीनना और भगवा पार्टी के विभाजनकारी एजेंडे का मुकाबला करना है.

धर्माणी ने कहा कि भाजपा मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए यूसीसी मुद्दे का उपयोग कर रही है, वे लोगों को बांटने के लिए झूठे अभियान चलाते हैं. उन्होंने कहा कि वे राज्य में यूसीसी प्रस्ताव पारित करने की योजना बना रहे हैं लेकिन यह एक केंद्रीय मुद्दा है और इसे संसदीय मंजूरी की आवश्यकता है. वे आम लोगों को गुमराह करते हैं जो जटिल कानून प्रक्रियाओं को नहीं समझते हैं. हमें यह देखना होगा कि हम एकजुट होकर उस विभाजनकारी एजेंडे से कैसे लड़ सकते हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा कि संसदीय चुनाव के उद्देश्य को हासिल करने के लिए राज्य इकाई को एकजुट होने की जरूरत है और संगठनात्मक अंतराल को भरने की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि एक प्रस्ताव है कि वरिष्ठ नेताओं को एक-एक लोकसभा सीट का प्रभार दिया जा सकता है. इसके अलावा हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वरिष्ठ नेताओं के बीच उचित समन्वय हो. धर्माणी ने कहा, राज्य इकाई को भी हमारे कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए उन्हें पार्टी में अहम भूमिका देने की जरूरत है.

बता दें कि पिछले साल, पार्टी के भाजपा से विधानसभा चुनाव हारने के बाद राज्य इकाई के बीच मतभेद सामने आए थे. बाद में, एक आंतरिक विश्लेषण में चुनाव हार के प्रमुख कारणों में से एक के रूप में अंदरूनी कलह की पहचान की गई थी. तब राहुल गांधी ने उत्तराखंड इकाई में असंतोष को नियंत्रित करने के लिए एक नई टीम तैनात की थी. वहीं राज्य में जातिगत समीकरणों को संतुलित करने के लिए करण महरा राज्य इकाई प्रमुख, यशपाल आर्य सीएलपी नेता और भुवन कापड़ी उप सीएलपी नेता बने. तब से, राज्य इकाई सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबला करने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही है.

पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में राज्य के नेता अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, जिसमें एक भाजपा नेता का बेटा शामिल है. रावत ने कहा कि बारिश ने हरिद्वार में तबाही मचा दी. किसान परेशान हैं, बिजली आपूर्ति ठप है और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है. हमारी सरकार ने गंगा नदी पर एक बांध बनाया था लेकिन उसे नुकसान हुआ है जिसका समाधान नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य में महंगाई लोगों को प्रभावित करने वाला एक बड़ा मुद्दा है लेकिन इस पर राज्य सरकार से बहुत कम राहत मिली है. बारिश ने हरिद्वार में तबाही मचा दी. किसान परेशान हैं, बिजली आपूर्ति ठप है और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है. हमारी सरकार ने गंगा नदी पर एक बांध बनाया था लेकिन उसे नुकसान हुआ है जिसका समाधान नहीं किया जा रहा है.

धर्माणी ने कहा कि जहां कांग्रेस राज्य इकाई को मजबूत करेगी, वहीं पार्टी भाजपा की विफलताओं को उजागर करने के लिए एक अभियान भी चलाएगी. उन्होंने कहा, 'उन्होंने 2019 में बहुत सारे वादे किए. लेकिन हमारे युवाओं के लिए कोई नौकरियां नहीं हैं और पहाड़ी राज्य में कोई विकास नहीं किया गया है.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस अनियोजित विकास के कारण राज्य में पारिस्थितिक आपदाओं, विशेष रूप से डूबते जोशीमठ क्षेत्र और विभिन्न बांधों और बिजली संयंत्रों के लिए खतरे से संबंधित चिंताओं को भी उठाएगी.

ये भी पढ़ें - बेंगलुरु में विपक्षी एकता बैठक में शामिल होंगे 24 दल, ये नए दल भी होंगे शामिल

नई दिल्ली : पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी (Former Congress chief Rahul Gandhi) और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) उत्तराखंड के नेताओं से एकजुट होने के साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी पांच लोकसभा सीटें जीतने के लिए 13 जुलाई को पार्टी रणनीति की समीक्षा करेंगे. इस बारे में एआईसीसी के उत्तराखंड प्रभारी सचिव राजेश धर्माणी ने बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने अगले साल लोकसभा चुनाव की तैयारी पर चर्चा के लिए 13 जुलाई को उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य राज्य की सभी पांच लोकसभा सीटों को भाजपा से छीनना और भगवा पार्टी के विभाजनकारी एजेंडे का मुकाबला करना है.

धर्माणी ने कहा कि भाजपा मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए यूसीसी मुद्दे का उपयोग कर रही है, वे लोगों को बांटने के लिए झूठे अभियान चलाते हैं. उन्होंने कहा कि वे राज्य में यूसीसी प्रस्ताव पारित करने की योजना बना रहे हैं लेकिन यह एक केंद्रीय मुद्दा है और इसे संसदीय मंजूरी की आवश्यकता है. वे आम लोगों को गुमराह करते हैं जो जटिल कानून प्रक्रियाओं को नहीं समझते हैं. हमें यह देखना होगा कि हम एकजुट होकर उस विभाजनकारी एजेंडे से कैसे लड़ सकते हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा कि संसदीय चुनाव के उद्देश्य को हासिल करने के लिए राज्य इकाई को एकजुट होने की जरूरत है और संगठनात्मक अंतराल को भरने की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि एक प्रस्ताव है कि वरिष्ठ नेताओं को एक-एक लोकसभा सीट का प्रभार दिया जा सकता है. इसके अलावा हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वरिष्ठ नेताओं के बीच उचित समन्वय हो. धर्माणी ने कहा, राज्य इकाई को भी हमारे कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए उन्हें पार्टी में अहम भूमिका देने की जरूरत है.

बता दें कि पिछले साल, पार्टी के भाजपा से विधानसभा चुनाव हारने के बाद राज्य इकाई के बीच मतभेद सामने आए थे. बाद में, एक आंतरिक विश्लेषण में चुनाव हार के प्रमुख कारणों में से एक के रूप में अंदरूनी कलह की पहचान की गई थी. तब राहुल गांधी ने उत्तराखंड इकाई में असंतोष को नियंत्रित करने के लिए एक नई टीम तैनात की थी. वहीं राज्य में जातिगत समीकरणों को संतुलित करने के लिए करण महरा राज्य इकाई प्रमुख, यशपाल आर्य सीएलपी नेता और भुवन कापड़ी उप सीएलपी नेता बने. तब से, राज्य इकाई सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबला करने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही है.

पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में राज्य के नेता अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, जिसमें एक भाजपा नेता का बेटा शामिल है. रावत ने कहा कि बारिश ने हरिद्वार में तबाही मचा दी. किसान परेशान हैं, बिजली आपूर्ति ठप है और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है. हमारी सरकार ने गंगा नदी पर एक बांध बनाया था लेकिन उसे नुकसान हुआ है जिसका समाधान नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य में महंगाई लोगों को प्रभावित करने वाला एक बड़ा मुद्दा है लेकिन इस पर राज्य सरकार से बहुत कम राहत मिली है. बारिश ने हरिद्वार में तबाही मचा दी. किसान परेशान हैं, बिजली आपूर्ति ठप है और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है. हमारी सरकार ने गंगा नदी पर एक बांध बनाया था लेकिन उसे नुकसान हुआ है जिसका समाधान नहीं किया जा रहा है.

धर्माणी ने कहा कि जहां कांग्रेस राज्य इकाई को मजबूत करेगी, वहीं पार्टी भाजपा की विफलताओं को उजागर करने के लिए एक अभियान भी चलाएगी. उन्होंने कहा, 'उन्होंने 2019 में बहुत सारे वादे किए. लेकिन हमारे युवाओं के लिए कोई नौकरियां नहीं हैं और पहाड़ी राज्य में कोई विकास नहीं किया गया है.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस अनियोजित विकास के कारण राज्य में पारिस्थितिक आपदाओं, विशेष रूप से डूबते जोशीमठ क्षेत्र और विभिन्न बांधों और बिजली संयंत्रों के लिए खतरे से संबंधित चिंताओं को भी उठाएगी.

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