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Congress Rajasthan Strategy Session: खड़गे-राहुल करेंगे अध्यक्षता, गहलोत-पायलट की एकता पर रहेगा जोर - 26 मई को रणनीतिक बैठक

कांग्रेस राजस्थान में होने वाले चुनाव को लेकर 26 मई को रणनीतिक बैठक करेगी. बैठक इस मायने में भी अहम है क्योंकि राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच मतभेद किसी से छिपे नहीं हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Mallikarjun Kharge Rahul Gandhi
मल्लिकार्जुन खड़गे राहुल गांधी
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Published : May 25, 2023, 5:08 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मौजूदा पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को अहम रणनीति बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी एसएस रंधावा ने ईटीवी भारत को बताया, 'जी हां, ये मुलाकात 26 मई को शाम 4 बजे होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य इकाई के प्रमुख गोविंद डोटासरा और राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक में पार्टी की शानदार जीत दर्ज करने के कुछ दिनों बाद रणनीति बैठक हुई, जहां कांग्रेस ने राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिव कुमार और सीएलपी नेता के सिद्धारमैया में एक संयुक्त टीम पेश की.

राजस्थान मामलों से जुड़े एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, 'हालांकि पार्टी का मुख्य फोकस गहलोत सरकार द्वारा लागू किए जा रहे कल्याणकारी एजेंडे पर रहेगा, लेकिन कर्नाटक की तर्ज पर राजस्थान में भी एकता की तस्वीर पेश करने की जरूरत है.'

उन्होंने कहा कि 'जनता कल्याणकारी योजना को पसंद कर रही है, कांग्रेस को फिर से समर्थन देने के मूड में है लेकिन वह एकजुट टीम देखना पसंद करती है.' नेता अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट शक्ति संघर्ष का जिक्र कर रहे थे, जो लंबे समय से आलाकमान के लिए चिंता का विषय रहा है.

पायलट को शुक्रवार को रणनीति बैठक के लिए भी बुलाया गया है क्योंकि वह राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं और उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. हालांकि पायलट मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन उन्हें गहलोत के डिप्टी होने के लिए समझौता करना पड़ा. तब से पायलट सत्ता परिवर्तन के लिए दबाव बना रहे थे लेकिन आलाकमान ने गहलोत के नेतृत्व में चुनाव में उतरने का फैसला किया है.

एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'पायलट की महत्वाकांक्षाएं हैं लेकिन वे जिन मुद्दों को उठाते रहे हैं, वही कांग्रेस भी उठाती रही है. जहां तक ​​दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेदों का संबंध है, मुझे यकीन है कि उन्हें सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया जाएगा. आखिरकार, गहलोत और पायलट दोनों 2023 के चुनावों में कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाने की बात कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि 'सचिन पायलट जैसे नेता को कांग्रेस में कोई खोना नहीं चाहता.' यह एक मजबूत संकेत था कि आलाकमान के कहने पर पायलट को 26 मई की रणनीति बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है. आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए उन्हें कुछ महत्वपूर्ण कार्य दिए जा सकते हैं. चार महीने बाद ही चुनाव होने हैं.

राजस्थान से राज्यसभा के लिए तीन प्रत्याशियों मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सुरजेवाला की जीत के पीछे पायलट की भी अहम भूमिका रही. गहलोत पर पायलट का ताजा हमला हाल ही में उस समय हुआ जब उन्होंने राज्य सरकार से भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई करने का आग्रह किया.

एआईसीसी प्रभारी रंधावा ने हाल ही में कहा था कि मुद्दा गहलोत को जवाब देना था और कांग्रेस केवल संगठन को मजबूत करने और आने वाले चुनावों को जीतने पर केंद्रित थी.

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि खड़गे कर्नाटक की तरह राजस्थान के सभी नेताओं को एकता का संदेश देंगे.'

पढ़ें- सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम, 3 मांगे नहीं मानी तो करेंगे बड़ा आंदोलन

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मौजूदा पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को अहम रणनीति बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी एसएस रंधावा ने ईटीवी भारत को बताया, 'जी हां, ये मुलाकात 26 मई को शाम 4 बजे होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य इकाई के प्रमुख गोविंद डोटासरा और राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक में पार्टी की शानदार जीत दर्ज करने के कुछ दिनों बाद रणनीति बैठक हुई, जहां कांग्रेस ने राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिव कुमार और सीएलपी नेता के सिद्धारमैया में एक संयुक्त टीम पेश की.

राजस्थान मामलों से जुड़े एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, 'हालांकि पार्टी का मुख्य फोकस गहलोत सरकार द्वारा लागू किए जा रहे कल्याणकारी एजेंडे पर रहेगा, लेकिन कर्नाटक की तर्ज पर राजस्थान में भी एकता की तस्वीर पेश करने की जरूरत है.'

उन्होंने कहा कि 'जनता कल्याणकारी योजना को पसंद कर रही है, कांग्रेस को फिर से समर्थन देने के मूड में है लेकिन वह एकजुट टीम देखना पसंद करती है.' नेता अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट शक्ति संघर्ष का जिक्र कर रहे थे, जो लंबे समय से आलाकमान के लिए चिंता का विषय रहा है.

पायलट को शुक्रवार को रणनीति बैठक के लिए भी बुलाया गया है क्योंकि वह राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं और उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. हालांकि पायलट मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन उन्हें गहलोत के डिप्टी होने के लिए समझौता करना पड़ा. तब से पायलट सत्ता परिवर्तन के लिए दबाव बना रहे थे लेकिन आलाकमान ने गहलोत के नेतृत्व में चुनाव में उतरने का फैसला किया है.

एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'पायलट की महत्वाकांक्षाएं हैं लेकिन वे जिन मुद्दों को उठाते रहे हैं, वही कांग्रेस भी उठाती रही है. जहां तक ​​दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेदों का संबंध है, मुझे यकीन है कि उन्हें सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया जाएगा. आखिरकार, गहलोत और पायलट दोनों 2023 के चुनावों में कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाने की बात कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि 'सचिन पायलट जैसे नेता को कांग्रेस में कोई खोना नहीं चाहता.' यह एक मजबूत संकेत था कि आलाकमान के कहने पर पायलट को 26 मई की रणनीति बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है. आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए उन्हें कुछ महत्वपूर्ण कार्य दिए जा सकते हैं. चार महीने बाद ही चुनाव होने हैं.

राजस्थान से राज्यसभा के लिए तीन प्रत्याशियों मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सुरजेवाला की जीत के पीछे पायलट की भी अहम भूमिका रही. गहलोत पर पायलट का ताजा हमला हाल ही में उस समय हुआ जब उन्होंने राज्य सरकार से भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई करने का आग्रह किया.

एआईसीसी प्रभारी रंधावा ने हाल ही में कहा था कि मुद्दा गहलोत को जवाब देना था और कांग्रेस केवल संगठन को मजबूत करने और आने वाले चुनावों को जीतने पर केंद्रित थी.

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि खड़गे कर्नाटक की तरह राजस्थान के सभी नेताओं को एकता का संदेश देंगे.'

पढ़ें- सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम, 3 मांगे नहीं मानी तो करेंगे बड़ा आंदोलन

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