नई दिल्ली : लोकसभा की सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी को और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अब जबकि राहुल गांधी सांसद नहीं रह गए हैं, उन्हें अपना बंगला भी छोड़ना होगा. हां, अगर ऊपरी अदालत उनकी सजा और कन्विक्शन दोनों पर रोक लगा देती है, तो इस मामले में उन्हें राहत जरूर मिल सकती है. इसके लिए राहुल गांधी को अपील करनी होगी. अभी तक राहुल गांधी ने अपील नहीं की है.
कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि पूरे मामले पर इतनी जल्दी फैसला लिया जाएगा, किसी को भी इसका अंदाजा नहीं था. वैसे आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी ने कहा था कि उनके पास अपना घर भी नहीं है. राहुल ने कहा था कि वह लंबे समय से राजनीति में हैं, फिर भी अपना घर तक नहीं है. ये बातें उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा की समाप्ति पर की थी. राहुल ने तब यह भी बताया था कि सोनिया गांधी के पास भी अपना घर नहीं है.
आपको बता दें कि सांसदों को शहरी आवास मंत्रालय बंगला अलॉट करता है. सभी सांसदों को जनरल पूल रेजिडेंशियल अकॉमोडेशन एक्ट यानी जीपीआरए के अधीन सरकारी बंगला दिया जाता है. अब जबकि वह सांसद नहीं रह गए हैं, नियम के अनुसार उन्हें एक नोटिस थमाया जाएगा. इसमें उन्हें बंगला खाली कराने का आदेश दिया जाएगा. केंद्र सरकार के संपत्ति अधिकारी यह नोटिस जारी करते हैं. आम तौर पर बंगला खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया जाता है. राहुल गांधी इस नोटिस के खिलाफ अपील भी कर सकते हैं. लेकिन वह अपील अगर खारिज हो गई, तो उन्हें अपना बंगला खाली करना होगा.
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