नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट (India Gate in the national capital ) पर पिछले 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti burning since last 50 years) का शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया (To Be Merged With National War Memorial Flame At India Gate) जाएगा. सेना के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था.
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बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा।
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कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…
हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 21, 2022
कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…
हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 21, 2022
कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…
हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!
इस मामले पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर हमला (rahul gandhi tweets over amar jawan jyoti) बोला है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे.
वहीं, सरकार की तरफ से ट्वीट किया गया है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है. इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के ज्वाला में मिला दिया जा रहा है. ये अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई भी नाम वहां मौजूद नहीं है. आगे ट्वीट करते हुए लिखा कि ये विडंबना ही है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हंगामा कर रहे हैं जब युद्धों में जान गंवाने वाले हमारे भारतीय जवानों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि दी जा रही है. 1971 और उसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी युद्धों में सभी जान गंवाने वाले भारतीय जवानों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं इसलिए वहां युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय जवानों को देने वाली ज्योति का होना ही सच्ची 'श्रद्धांजलि' है.
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The flame of Amar Jawan Jyoti is not being extinguished. It is being merged with flame at National War Memorial. It was an odd thing to see that the flame at Amar Jawan Jyoti payed homage to martyrs of 1971 & other wars but none of their names are present there: GoI Sources
— ANI (@ANI) January 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) January 21, 2022The flame of Amar Jawan Jyoti is not being extinguished. It is being merged with flame at National War Memorial. It was an odd thing to see that the flame at Amar Jawan Jyoti payed homage to martyrs of 1971 & other wars but none of their names are present there: GoI Sources
— ANI (@ANI) January 21, 2022
पढ़ें: अब नेशनल वॉर मेमोरियल पर जलेगी 'अमर जवान ज्योति'
सेना के अधिकारियों ने बताया कि अमर जवान ज्योति का शुक्रवार दोपहर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा जोकि इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है.
अमर जवान ज्योति के बारे में जानिए
अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी, जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था.