जयपुर. राजधानी जयपुर में कांग्रेस भवन का शिलान्यास करने के बाद मानसरोवर में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम जैसे ही अडानी का नाम लेते हैं, भाजपा वाले एकदम से भड़क जाते हैं, बावजूद इसके हम सवाल पूछना बंद नहीं कर सकते हैं. हमें उनसे ज्यादा देश की फिक्र है. राहुल गांधी ने कहा कि रणथंभौर में तो बामुश्किल एक शेर दिखता है, लेकिन आज की सभा में हजारों बब्बर शेर एक साथ शांति से बैठे हैं और हम नफरत की दुकान नहीं, बल्कि मोहब्बत की दुकान हैं.
उन्होंने कहा कि संसद में पहले ये माइक बंद करते थे, लेकिन अब टीवी ही बंद कर देते हैं, जैसे गाड़ी का एक्सीलेटर बढ़ाते हैं, वैसे ही मेरे केस में भी हुआ. यहां तक कि मेरी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई, क्योंकि उन्हें मुझसे डर लगता है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भाजपा का कार्यकर्ता आपके सामने आए तो बस अडानी का नाम ले लीजिए, वो तुरंत भाग जाएगा और अगर मोदी और अडानी के रिश्ते के बारे में सवाल पूछ लीजिएगा तो उसका आपके समक्ष ठहरना मुश्किल हो जाएगा.
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महिला आरक्षण बिल पर बोले राहुल गांधी - महिला आरक्षण पर राहुल गांधी ने कहा कि पहले महिला आरक्षण की बात नहीं थी, पहले तो इंडिया को भारत करने पर जोर दे रहे थे, लेकिन जब इन्हें पता चला कि इसे तो जनता नहीं सुनेगी तो फिर महिला आरक्षण की बात करने लगे. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी जी पंचायती राज में महिला आरक्षण लाए थे, लेकिन जब केंद्र की मोदी सरकार ने इसे लाने की बात कही तो सभी पार्टियों ने इस बिल का समर्थन भी किया, लेकिन ये लोग हमारे सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं. हम ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की बात कर रहे हैं, लेकिन भाजपा कहती है कि आरक्षण से पहले डीलिमिटेशन जरूरी है, जो सच नहीं है. राहुल ने कहा कि भाजपा वाले बहाना बनाकर 10 साल इसे लटकाना चाहते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि ये तुरंत लागू हो.
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"अडाणी जी शब्द को विपक्ष का कोई बोलता है तो प्रधानमंत्री, बीजेपी कार्यकर्ता सब हिलने लग जाते हैं। लोकसभा में टीवी, माइक ऑफ हो जाते हैं।"
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जब खड़गे की जगह राहुल पहुंचे सभा को संबोधित करने... वहीं, इस सभा में कुछ ऐसा हुआ, जिस पर सभी की निगाह रही. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जैसे ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सभा को संबोधित करने के लिए बुलाया, वैसे ही अचानक राहुल गांधी उठे और सीधे सभा को संबोधित करने के लिए पहुंच गए, लेकिन जब डोटासरा ने दोबारा नाम पुकारा तो खड़गे आए और उन्होंने कहा कि पहले राहुल गांधी बोलेंगे हम सब उनको सुनने आए हैं. उनके बाद वो अपनी बातें रखेंगे.
गांधी वाटिका का हुआ लोकार्पणः जयपुर में तैयार गांधी वाटिका का कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी और वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकार्पण किया. इस दौरान संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और कई कैबिनेट मंत्री मौजूद रहे. गांधी वाटिका का विजिट करने के बाद राहुल गांधी ने देशभर से आए 200 से ज्यादा गांधी विचारकों से भी बात की. साथ ही युवाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई आधुनिक गांधी वाटिका की जमकर तारीफ की.
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जीवन में डर का स्थान नहीं होना चाहिएः इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि गांधी जी को एक व्यक्ति के रूप में न देखकर जीवन जीने के तरीके के रूप में देखना चाहिए. जीवन में डर का स्थान नहीं होना चाहिए. आज की युवा पीढ़ी को गांधी जी के जीवन से डर का सामना करने की सीख लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि व्यक्ति की आवश्यकताएं सीमित होने पर अहंकार भी खत्म हो जाता है. कोई भी परिस्थिति स्थाई नहीं होती और साहस के साथ उसका मुकाबला करने से बदलाव जरूर आता है. आज गांधीजी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से गौरवशाली भारत के निर्माण के लिए बताए गए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है. इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गांधी जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की ये पहल सराहनीय है. अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज के दौर में जब वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र पर प्रहार हो रहे हैं, ऐसी संस्थान एक आशा की किरण के रूप में देश को एक नई दिशा देने का कार्य करती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में देश में गांधी दर्शन बहुत जरूरी है. राज्य सरकार ने महात्मा गांधी के विचारों और मूल्यों से नई पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए ये पहल की है. इस गांधी वाटिका को बनाने में राज्य सरकार ने 85 करोड़ खर्च किए और 11 सदस्यीय गांधी विचारकों की कमेटी ने इसे मूर्त रूप देने में अहम योगदान निभाया.