लखनऊ : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विरुद्ध दाखिल अपराधिक निगरानी याचिका पर आपत्ति के लिए बुधवार को उनके अधिवक्ता की ओर से समय दिए जाने की मांग की गई, जिसे स्वीकार करते हुए, एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंश नारायण ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 दिसम्बर की तिथि नियत की है. मामले की सुनवाई के समय राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल द्वारा अदालत में वकालतनामा दाखिल किया गया.
अदालत के समक्ष यह निगरानी याचिका सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव नृपेंद्र पांडे की ओर से उनके वकील अनुराग श्रीवास्तव ने दाखिल की है जिस पर राहुल गांधी को नोटिस जारी की गई थी. बुधवार को मामले की सुनवाई के समय राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें निगरानी याचिका पर आपत्ति दाखिल करने के लिए समय प्रदान किया जाए, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है. निगरानीकर्ता नृपेंद्र पांडे के अनुसार, राहुल गांधी ने भारत जोड़ो पदयात्रा के दौरान वीर विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ जानबूझकर अपमानजनक बातें कही थीं, जिसके बाद नृपेंद्र पांडेय ने राहुल गांधी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव के समक्ष परिवाद दाखिल किया गया था जिसे खारिज कर दिया था.
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वादी नृपेंद्र पांडे ने निचली अदालत के समक्ष राहुल गांधी के विरुद्ध अर्जी देकर आरोप लगाया था कि पदयात्रा के दौरान जानबूझकर एक सोची-समझी रणनीति एवं साजिश के तहत राहुल गांधी ने 17 नवंबर 2022 को अकोला महाराष्ट्र में वैमनस्यता पैदा करने के लिए भारतीय इतिहास के नायक सावरकर की सार्वजनिक मंच से निरंतर अमर्यादित आलोचना की. कहा गया कि राहुल गांधी ने देश के समस्त स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है. अर्जी में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय विचारधारा के महानायक क्रांति वीर विनायक दामोदर सावरकर को राहुल गांधी ने निरंतर अंग्रेजों का पेंशनर, अंग्रेजों का नौकर, मददगार, अपनी रिहाई के लिए माफी मांगने वाला बताकर अनेकों दोषारोपण किया था.