नई दिल्ली : पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर आमने सामने हैं. उन्होंने राहुल गांधी के नए साधारण पासपोर्ट जारी करने के लिए एनओसी मांगने के आवेदन का विरोध किया है. इस संबंध में उन्होंने दिल्ली कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. उन्होंने कहा कि आवेदक कोई भी ऐसा कारण नहीं बता पाये हैं जिससे उन्हें 10 साल के लिए पासपोर्ट जारी किया जा सके स्वामी ने अपने जवाब में कहा है कि आवेदन 10 वर्षों के लिए पासपोर्ट जारी करने की योग्यता नहीं रखता है.
राहुल गांधी पर चल रहे सभी मामलों की जांच और विश्लेषण की मांग : स्वामी ने आगे कहा कि अदालत विवेक का प्रयोग कर सकती है. उन्होंने कहा है कोर्ट को राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे सभी मामलों की जांच और विश्लेषण करने के बाद ही उनके पासपोर्ट के आवेदन पर विचार करना चाहिए. स्वामी ने आगे कहा कि इस स्तर पर, राहुल गांधी के पासपोर्ट की एनओसी 1 वर्ष से अधिक नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि अदालत को सालाना या जब कोर्ट इसे उचित समझे इसकी समीक्षा करनी चाहिए.
पासपोर्ट रखने का अधिकार मौलिक नहीं : स्वामी ने कहा कि पासपोर्ट रखने का अधिकार, अन्य सभी मौलिक अधिकारों की तरह, पूर्ण अधिकार नहीं है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और अपराध की रोकथाम के हित में सरकार द्वारा लगाए गए उचित प्रतिबंधों के अधीन है.
राहुल गांधी ने राजनयिक यात्रा दस्तावेज किया था सरेंडर : 24 मई को, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी को नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा नए पासपोर्ट के लिए याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार तक अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने के लिए कहा था. गांधी ने एक सांसद के रूप में अपनी अयोग्यता पर अपने राजनयिक यात्रा दस्तावेज सरेंडर कर दिये थे. उसके बाद उन्होंने एक नया 'साधारण पासपोर्ट' हासिल करने के लिए 'अनापत्ति प्रमाण पत्र' (एनओसी) की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था.
जज ने कहा यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार : अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने कहा था कि जमानत के आदेश में गांधी की यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. अदालत ने उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के स्वामी के अनुरोध को खारिज कर दिया था. जज ने कहा था कि यात्रा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है. अधिवक्ता निखिल भल्ला और सुमित कुमार के साथ पेश हुए गांधी के वकील तरन्नुम चीमा ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने की मांग करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है.
वकीलों ने कहा कि राहुल गांधी मार्च 2023 में संसद सदस्य नहीं रहे, इसलिए उन्होंने अपने राजनयिक पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया. अब उन्होंने एक नये साधारण पासपोर्ट के लिए आवेदन किया है. वर्तमान आवेदन के माध्यम से, आवेदक इस न्यायालय से अनुमति और अनापत्ति मांग रहा है. राहुल गांधी के अधिवक्ताओं ने कहा कि उनके ऊपर कोई आपराधिक कार्यवाही लंबित नहीं है और विदेश यात्रा एक मौलिक अधिकार है.