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ओवैसी के गढ़ में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा, जदयू और आरजेडी की दूरी बनाने की मजबूरी

सभी पार्टियों के साथ ही कांग्रेस भी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में लगी है. ऐसे में राहुल गांधी का खास फोकस बिहार पर है. राहुल, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत बिहार के सात जिलों में जाएंगे. दो चरण में बिहार में राहुल गांधी की यात्रा होगी. वहीं ओवैसी के गढ़ में राहुल गांधी की न्याय यात्रा से जदयू और आरजेडी में भी बेचैनी है. वहीं बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों को दोहराने की कोशिश में है.

ओवैसी के गढ़ में राहुल गांधी की न्याय यात्रा
ओवैसी के गढ़ में राहुल गांधी की न्याय यात्रा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2024, 7:33 PM IST

ओवैसी के गढ़ में राहुल गांधी की न्याय यात्रा:

पटना: राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कर चुके हैं. यात्रा की शुरुआत ऐसे तो मणिपुर से की गई है लेकिन इस बार 15 राज्यों में यात्रा करने वाले हैं. बिहार भी उसमें शामिल है.

ओवैसी के गढ़ में राहुल गांधी की न्याय यात्रा: राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान बिहार में सात जिलों में जाएंगे और चार दिनों तक की यात्रा होगी. 400 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करेंगे. दो चरण में बिहार में राहुल गांधी की यात्रा होगी.

सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका: पहले चरण में सीमांचल के किशनगंज अररिया पूर्णिया और कटिहार इलाके में यात्रा करेंगे. सीमांचल कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 में केवल किशनगंज से ही कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. क्योंकि एनडीए ने 40 में से 39 सीट पर बिहार में जीत हासिल की थी. केवल एक सीट ही कांग्रेस को मिली थी.

40 में से 39 सीटों पर एनडीए का कब्जा: आरजेडी का खाता तक नहीं खुला था लेकिन राहुल गांधी जिन चार लोकसभा सीटों से गुजरेंगे उसमें दो सीट फिलहाल जदयू के पास है और जदयू महागठबंधन में है. इसलिए जदयू खेमे में भी बेचैनी है. सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका है. ऐसे में राजद एमवाई समीकरण वोट बैंक पर अपनी दावेदारी करता रहा है तो राहुल की यात्रा राजद की भी मुश्किल बढ़ाने वाली है.

10 से 12 सीटों की कांग्रेस की मांग: इंडिया गठबंधन में अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है. बिहार में भी महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे में पेंच फंसा हुआ है. कांग्रेस की ओर से 10 से 12 सीटों की मांग की जा रही है. वामपंथी दल भी पांच से अधिक सीट की मांग कर रहे हैं और जिन सीटों की महागठबंधन खेमे में मांग हो रही है जदयू की कई सिटिंग सीट है.

ईटीवी भारत GFX
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पूर्णिया और कटिहार पर भी पेंच: अब राहुल गांधी बिहार में भी इस महीने के अंत में यात्रा करेंगे. पहले चरण में सीमांचल की यात्रा करेंगे जिसमें जदयू के दो सांसद हैं. पूर्णिया और कटिहार में और जदयू दोनों सीटिंग सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन कांग्रेस की सीमांचल की सभी चारों सीटों पर दावेदारी है. दूसरे चरण में सासाराम औरंगाबाद जैसे इलाकों से यात्रा होगी. कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि हमारे सहयोगी भी कुछ स्थानों पर हमारे साथ शामिल बिहार में हो सकते हैं.

"मणिपुर से यात्रा की शुरुआत करके असम होते हुए बिहार के किशनगंज में राहुल गांधी प्रवेश करेंगे. वहां से अररिया और पूर्णिया में आम सभा होगी. वहां दो दिन रहेंगे. फिर बंगाल में प्रवेश कर जाएंगे और वहां से छत्तीसगढ़ होते हुए झारखंड होते हुए फिर से औरंगाबाद आएंगे. औरंगाबाद के बाद सासाराम होते हुए बनारस निकल जाएंगे."- विनोद शर्मा, प्रवक्ता कांग्रेस

"राहुल गांधी की यात्रा कांग्रेस की एकला चलो यात्रा है. क्योंकि इंडिया गठबंधन में अभी तक कुछ भी तय नहीं है और यात्रा उन्हीं इलाकों से होगी जहां कांग्रेस की लोकसभा सीटों पर नजर है."- रवि उपाध्याय, राजनीतिक विशेषज्ञ

JDU का गोलमोल जवाब: वहीं जदयू मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि "हम लोगों की नजर अभी 24 जनवरी को आयोजित होने वाली कर्पूरी जयंती पर है. उसके बाद फिर आगे का कार्यक्रम देखेंगे." हालांकि जदयू राहुल गांधी की यात्रा से पल्ला झाड़ते दिख रही है. वहीं लेसी सिंह का कहना है कि "राहुल गांधी की यात्रा में पार्टी शामिल होगी कि नहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता तय करेंगे. सभी दल गठबंधन के सभी सीटों पर तैयारी कर रहे हैं. हम लोग भी सभी सीटों पर तैयारी कर रहे हैं."

सीमांचल में लोकसभा की चार सीटों के साथ विधानसभा की 24 सीटें हैं. बिहार में महागठबंधन की सरकार जब बनी थी तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमांचल में ही अपनी पहली रैली की थी. प्रधानमंत्री भी सीमांचल में कार्यक्रम कर चुके हैं इसलिए सीमांचल की लड़ाई इस बार कांटे की होने वाली है क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी भी अपनी ताकत सीमांचल में ही लग रहे हैं.

कांग्रेस के लिए सीमांचल इसलिए महत्वपूर्ण: पिछले विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर जीत भी हासिल हुई थी. हालांकि बाद में चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव और आगे जब भी विधानसभा का चुनाव होगा उसमें ओवैसी की पार्टी पूरी ताकत आजमाएगी. कांग्रेस के लिए सीमांचल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि किशनगंज में उसके सांसद हैं और कटिहार से तारीख अनवर सांसद बनते रहे हैं जो उनकी पार्टी में सीट के दावेदार हैं.

बिहार के 7 जिलों पर राहुल की पदयात्रा: राहुल गांधी 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेंगे, जिसमें बिहार के भी 7 जिले हैं और सातों जिले ऐसे हैं जिसमें कांग्रेस अपनी सीटों की दावेदारी कर रही है. महागठबंधन खेमे में इसी को लेकर बेचैनी है क्योंकि अभी तक सीटों को लेकर अंतिम रूप से मुहर नहीं लगी है.

सीट शेयरिंग की मुश्किलें और बढ़ेंगी: ऐसे तो मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया गठबंधन के घटक दलों को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का आग्रह किया है लेकिन बिहार में जदयू और आरजेडी राहुल गांधी की यात्रा से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखेंगे. ऐसे में राहुल गांधी की यात्रा बिहार में सीट शेयरिंग की मुश्किलें और बढ़ाएगी.

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ओवैसी के गढ़ में राहुल गांधी की न्याय यात्रा:

पटना: राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कर चुके हैं. यात्रा की शुरुआत ऐसे तो मणिपुर से की गई है लेकिन इस बार 15 राज्यों में यात्रा करने वाले हैं. बिहार भी उसमें शामिल है.

ओवैसी के गढ़ में राहुल गांधी की न्याय यात्रा: राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान बिहार में सात जिलों में जाएंगे और चार दिनों तक की यात्रा होगी. 400 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करेंगे. दो चरण में बिहार में राहुल गांधी की यात्रा होगी.

सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका: पहले चरण में सीमांचल के किशनगंज अररिया पूर्णिया और कटिहार इलाके में यात्रा करेंगे. सीमांचल कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 में केवल किशनगंज से ही कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. क्योंकि एनडीए ने 40 में से 39 सीट पर बिहार में जीत हासिल की थी. केवल एक सीट ही कांग्रेस को मिली थी.

40 में से 39 सीटों पर एनडीए का कब्जा: आरजेडी का खाता तक नहीं खुला था लेकिन राहुल गांधी जिन चार लोकसभा सीटों से गुजरेंगे उसमें दो सीट फिलहाल जदयू के पास है और जदयू महागठबंधन में है. इसलिए जदयू खेमे में भी बेचैनी है. सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका है. ऐसे में राजद एमवाई समीकरण वोट बैंक पर अपनी दावेदारी करता रहा है तो राहुल की यात्रा राजद की भी मुश्किल बढ़ाने वाली है.

10 से 12 सीटों की कांग्रेस की मांग: इंडिया गठबंधन में अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है. बिहार में भी महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे में पेंच फंसा हुआ है. कांग्रेस की ओर से 10 से 12 सीटों की मांग की जा रही है. वामपंथी दल भी पांच से अधिक सीट की मांग कर रहे हैं और जिन सीटों की महागठबंधन खेमे में मांग हो रही है जदयू की कई सिटिंग सीट है.

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पूर्णिया और कटिहार पर भी पेंच: अब राहुल गांधी बिहार में भी इस महीने के अंत में यात्रा करेंगे. पहले चरण में सीमांचल की यात्रा करेंगे जिसमें जदयू के दो सांसद हैं. पूर्णिया और कटिहार में और जदयू दोनों सीटिंग सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन कांग्रेस की सीमांचल की सभी चारों सीटों पर दावेदारी है. दूसरे चरण में सासाराम औरंगाबाद जैसे इलाकों से यात्रा होगी. कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि हमारे सहयोगी भी कुछ स्थानों पर हमारे साथ शामिल बिहार में हो सकते हैं.

"मणिपुर से यात्रा की शुरुआत करके असम होते हुए बिहार के किशनगंज में राहुल गांधी प्रवेश करेंगे. वहां से अररिया और पूर्णिया में आम सभा होगी. वहां दो दिन रहेंगे. फिर बंगाल में प्रवेश कर जाएंगे और वहां से छत्तीसगढ़ होते हुए झारखंड होते हुए फिर से औरंगाबाद आएंगे. औरंगाबाद के बाद सासाराम होते हुए बनारस निकल जाएंगे."- विनोद शर्मा, प्रवक्ता कांग्रेस

"राहुल गांधी की यात्रा कांग्रेस की एकला चलो यात्रा है. क्योंकि इंडिया गठबंधन में अभी तक कुछ भी तय नहीं है और यात्रा उन्हीं इलाकों से होगी जहां कांग्रेस की लोकसभा सीटों पर नजर है."- रवि उपाध्याय, राजनीतिक विशेषज्ञ

JDU का गोलमोल जवाब: वहीं जदयू मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि "हम लोगों की नजर अभी 24 जनवरी को आयोजित होने वाली कर्पूरी जयंती पर है. उसके बाद फिर आगे का कार्यक्रम देखेंगे." हालांकि जदयू राहुल गांधी की यात्रा से पल्ला झाड़ते दिख रही है. वहीं लेसी सिंह का कहना है कि "राहुल गांधी की यात्रा में पार्टी शामिल होगी कि नहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता तय करेंगे. सभी दल गठबंधन के सभी सीटों पर तैयारी कर रहे हैं. हम लोग भी सभी सीटों पर तैयारी कर रहे हैं."

सीमांचल में लोकसभा की चार सीटों के साथ विधानसभा की 24 सीटें हैं. बिहार में महागठबंधन की सरकार जब बनी थी तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमांचल में ही अपनी पहली रैली की थी. प्रधानमंत्री भी सीमांचल में कार्यक्रम कर चुके हैं इसलिए सीमांचल की लड़ाई इस बार कांटे की होने वाली है क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी भी अपनी ताकत सीमांचल में ही लग रहे हैं.

कांग्रेस के लिए सीमांचल इसलिए महत्वपूर्ण: पिछले विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर जीत भी हासिल हुई थी. हालांकि बाद में चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव और आगे जब भी विधानसभा का चुनाव होगा उसमें ओवैसी की पार्टी पूरी ताकत आजमाएगी. कांग्रेस के लिए सीमांचल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि किशनगंज में उसके सांसद हैं और कटिहार से तारीख अनवर सांसद बनते रहे हैं जो उनकी पार्टी में सीट के दावेदार हैं.

बिहार के 7 जिलों पर राहुल की पदयात्रा: राहुल गांधी 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेंगे, जिसमें बिहार के भी 7 जिले हैं और सातों जिले ऐसे हैं जिसमें कांग्रेस अपनी सीटों की दावेदारी कर रही है. महागठबंधन खेमे में इसी को लेकर बेचैनी है क्योंकि अभी तक सीटों को लेकर अंतिम रूप से मुहर नहीं लगी है.

सीट शेयरिंग की मुश्किलें और बढ़ेंगी: ऐसे तो मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया गठबंधन के घटक दलों को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का आग्रह किया है लेकिन बिहार में जदयू और आरजेडी राहुल गांधी की यात्रा से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखेंगे. ऐसे में राहुल गांधी की यात्रा बिहार में सीट शेयरिंग की मुश्किलें और बढ़ाएगी.

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