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शिक्षकों ने मोदी सरकार से NC टैग हटाने का किया आग्रह

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Published : Feb 21, 2022, 7:00 PM IST

भारत के विभिन्न राज्यों के सैकड़ों शिक्षक एनआईओएस में दो साल के DELED कोर्स के लिए प्रमाण पत्र की मांग के विरोध में सोमवार को नई दिल्ली में एकत्रित हुए. शिक्षकों ने केंद्र की मोदी सरकार से NC टैग हटाने (removal of NC tags) की मांग की.

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शिक्षक

नई दिल्ली: करीब 1.8 लाख योग्य शिक्षकों ने मोदी सरकार से NC टैग हटाने का (removal of NC tags) आग्रह किया है. शिक्षा मंत्रालय से फोन आने के बाद दिल्ली के संसद भवन के पास शिक्षकों को रोक दिया गया और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल से शिक्षा मंत्री से मिलने व उनके मुद्दों को हल करने पर सहमति बनी.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) के वरिष्ठ पीपीएस सत्यव्रत पाधी द्वारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के लिए बुलाए जाने के बाद संसद का घेराव 11 अप्रैल 2022 तक स्थगित कर दिया गया. पाधी ने यूपी चुनाव खत्म होने के बाद शिक्षा मंत्री द्वारा इस मुद्दे के समाधान का आश्वासन दिया गया.

एनआईओएस डेलेड टीचर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक देबाशीष होता ने कहा कि मुद्दे हल नहीं हुए तो पूरे भारत के लाखों शिक्षक आने वाले 11 अप्रैल 2022 को संसद का घेराव करेंगे. शिक्षक संघ के अनुसार 2019 में इन शिक्षकों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक एजेंसी NIOS में 2 साल का DELED कोर्स पूरा किया. पाठ्यक्रम के लिए प्रत्येक शिक्षक को फीस के रूप में 1 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करना पड़ा था. शिक्षकों ने परीक्षा पास कर ली है लेकिन एनआईओएस को अभी तक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. बल्कि उन्हें एनसी (नॉट सर्टिफाइड) टैग दिए गए, जिससे उनकी सेवा खतरे में है. देशभर में ऐसे शिक्षकों की कुल संख्या 1 लाख 80 हजार है.

जब हमने एनआईओएस से संपर्क किया तो उसने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक अन्य एजेंसी एनसीटीई पर गलती डालने से बचने की कोशिश की. एनसीटीई ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आरटीई-2009 अधिनियम को दोषी ठहराया. लेकिन आरटीई-2009 अधिनियम में एनसी टैग के लिए कोई प्रावधान नहीं है. फिर पूरे भारत के ये 1.8 लाख शिक्षक पिछले 2 वर्षों से बिना किसी गलती के पीड़ित क्यों हैं?

यह भी पढ़ें- Tufail cracks NEET 2022 : जम्मू-कश्मीर से पहले आदिवासी युवक ने पास की नीट परीक्षा

उन्होंने पीएम मोदी जी और शिक्षा मंत्री प्रधान से इस मामले को गंभीरता से देखने और एनसी टैग को तुरंत हटाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है. इस मुद्दे पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर शिक्षकों ने पिछले साल 18 नवंबर को जिला कलेक्टर कार्यालय में देशव्यापी प्रदर्शन किया और फिर 29 नवंबर 2021 से 5 दिनों के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना का आयोजन किया. शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि के साथ बैठक के बाद शिक्षक संघ ने अपना धरना अप्रैल तक के लिए टाल दिया है लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी है.

नई दिल्ली: करीब 1.8 लाख योग्य शिक्षकों ने मोदी सरकार से NC टैग हटाने का (removal of NC tags) आग्रह किया है. शिक्षा मंत्रालय से फोन आने के बाद दिल्ली के संसद भवन के पास शिक्षकों को रोक दिया गया और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल से शिक्षा मंत्री से मिलने व उनके मुद्दों को हल करने पर सहमति बनी.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) के वरिष्ठ पीपीएस सत्यव्रत पाधी द्वारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के लिए बुलाए जाने के बाद संसद का घेराव 11 अप्रैल 2022 तक स्थगित कर दिया गया. पाधी ने यूपी चुनाव खत्म होने के बाद शिक्षा मंत्री द्वारा इस मुद्दे के समाधान का आश्वासन दिया गया.

एनआईओएस डेलेड टीचर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक देबाशीष होता ने कहा कि मुद्दे हल नहीं हुए तो पूरे भारत के लाखों शिक्षक आने वाले 11 अप्रैल 2022 को संसद का घेराव करेंगे. शिक्षक संघ के अनुसार 2019 में इन शिक्षकों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक एजेंसी NIOS में 2 साल का DELED कोर्स पूरा किया. पाठ्यक्रम के लिए प्रत्येक शिक्षक को फीस के रूप में 1 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करना पड़ा था. शिक्षकों ने परीक्षा पास कर ली है लेकिन एनआईओएस को अभी तक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. बल्कि उन्हें एनसी (नॉट सर्टिफाइड) टैग दिए गए, जिससे उनकी सेवा खतरे में है. देशभर में ऐसे शिक्षकों की कुल संख्या 1 लाख 80 हजार है.

जब हमने एनआईओएस से संपर्क किया तो उसने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक अन्य एजेंसी एनसीटीई पर गलती डालने से बचने की कोशिश की. एनसीटीई ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आरटीई-2009 अधिनियम को दोषी ठहराया. लेकिन आरटीई-2009 अधिनियम में एनसी टैग के लिए कोई प्रावधान नहीं है. फिर पूरे भारत के ये 1.8 लाख शिक्षक पिछले 2 वर्षों से बिना किसी गलती के पीड़ित क्यों हैं?

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उन्होंने पीएम मोदी जी और शिक्षा मंत्री प्रधान से इस मामले को गंभीरता से देखने और एनसी टैग को तुरंत हटाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है. इस मुद्दे पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर शिक्षकों ने पिछले साल 18 नवंबर को जिला कलेक्टर कार्यालय में देशव्यापी प्रदर्शन किया और फिर 29 नवंबर 2021 से 5 दिनों के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना का आयोजन किया. शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि के साथ बैठक के बाद शिक्षक संघ ने अपना धरना अप्रैल तक के लिए टाल दिया है लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी है.

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