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भारत-चीन सीमा पर इस हवाई अड्डे को एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनाना चाहती है सेना, तैयारी शुरू - proposal for expansion of the airport

भारत-चीन सीमा के पास चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के 150 मीटर विस्तारीकरण के लिए 19.5 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है. बता दें, दिसंबर 2017 में सेना के सुखोई 30 और सी 17 विंग के अधिकारियों ने हवाई अड्डे के निरीक्षण के बाद कई सिफारिशें की थी.

Uttarkashi Chinyalisaur Airport
चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा
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Published : Sep 2, 2022, 3:14 PM IST

Updated : Sep 2, 2022, 3:43 PM IST

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सब कुछ ठीक रहा तो भारत-चीन सीमा से लगे उत्तरकाशी जनपद में चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे से सेना के लड़ाकू विमान उड़ान भरते नजर आएंगे. लोक निर्माण विभाग चिन्यालीसौड़ ने हवाई अड्डे के 150 मीटर विस्तारीकरण (Expansion of Chinyalisaur Airport) के लिए 19.5 करोड़ रुपए का प्रस्ताव (proposal for expansion of the airport) तैयार कर शासन को भेज दिया है. प्रस्ताव शासन की ओर से मांगा गया था.

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे (Uttarkashi Chinyalisaur Airport) को भारतीय सेना अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) बनाना चाहती है. यही वजह है कि सेना ने दिसंबर 2017 में इसके रनवे का 150 मीटर विस्तार सहित एडवांस लैं‌डिंग ग्राउंड की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की ‌सिफारिश की थी. लेकिन शासन-प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते इस पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो पाई. अब तकरीबन पांच साल बाद सेना की सिफारिश पर दोबारा कुछ अमल शुरू हुआ है.

Uttarkashi Chinyalisaur Airport
चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा.

शासन के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग चिन्यालीसौड़ की ओर से तैयार प्रस्ताव में रनवे की वर्तमान लंबाई 1165 मीटर को 150 मीटर बढ़ाकर 1315 मीटर किया जाना प्रस्तावित है. वहीं मकानों व निजी भूमि के मुआवजा राशि के लिए 8 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है. बता दें कि हवाई अड्डे का विस्तारीकरण नहीं होने से यहां मालवाहक और मल्टीपर्पज विमान तो उतरते रहे हैं, लेकिन रनवे की लंबाई कम होने से लड़ाकू विमान नहीं उतर पाते. केवल सीमांत क्षेत्रों की ‌हवाई निगरानी करके ही लड़ाकू विमान वापस लौट जाते हैं.
पढ़ें- पीएम मोदी बोले, भारत के बुलंद हौंसले का हुंकार है विक्रांत

चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई सहित सेना की सिफारिशों पर अमल होता है तो आपातकाल में यह हवाई अड्डा सेना के लिए उपयोगी साबित होगा. अब तक चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर सेना हरक्यूलिस, एएन 32, अपाचे और डोर्नियर जैसे विमानों की कई बार सफल लैंडिंग और टेक-ऑफ करा चुकी है, जो सेना के लिए आपातकाल में रसद सहित अन्य साजोसामान लाने में सक्षम हैं. लेकिन लड़ाकू विमानों की लैंडिंग अब भी यहां सपना बनी हुई है.

Uttarkashi Chinyalisaur Airport
चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा.

सेना ने की थी सिफारिश: दिसंबर 2017 में सेना के सुखोई 30 और सी 17 विंग के अधिकारियों ने हवाई अड्डे के निरीक्षण के बाद कई सिफारिशें की थी. इनमें ग्राउंड के समानांतर मौजूद बिजली की लाइन के स्थानांतरण, रनवे के किनारे को सुधारने, एडवांस लैंडिंग ग्राउंड की सुरक्षा, सुरक्षा के लिए एंबुलेंस, पैरीमीटर के बिजली के खंभों को हटाना, पार्किंग एप्रन का विस्तार, रनवे का विस्तार आदि शामिल थे.

लोनिवि चिन्यालीसौड़ के अधिशासी अ‌भियंता मोहन दास ने बताया कि शासन के निर्देश पर ‌चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए 19.5 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है. हाल में इस प्रस्ताव पर स्वयं मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी, जिसमें प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की गई थी.

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सब कुछ ठीक रहा तो भारत-चीन सीमा से लगे उत्तरकाशी जनपद में चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे से सेना के लड़ाकू विमान उड़ान भरते नजर आएंगे. लोक निर्माण विभाग चिन्यालीसौड़ ने हवाई अड्डे के 150 मीटर विस्तारीकरण (Expansion of Chinyalisaur Airport) के लिए 19.5 करोड़ रुपए का प्रस्ताव (proposal for expansion of the airport) तैयार कर शासन को भेज दिया है. प्रस्ताव शासन की ओर से मांगा गया था.

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे (Uttarkashi Chinyalisaur Airport) को भारतीय सेना अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) बनाना चाहती है. यही वजह है कि सेना ने दिसंबर 2017 में इसके रनवे का 150 मीटर विस्तार सहित एडवांस लैं‌डिंग ग्राउंड की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की ‌सिफारिश की थी. लेकिन शासन-प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते इस पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो पाई. अब तकरीबन पांच साल बाद सेना की सिफारिश पर दोबारा कुछ अमल शुरू हुआ है.

Uttarkashi Chinyalisaur Airport
चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा.

शासन के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग चिन्यालीसौड़ की ओर से तैयार प्रस्ताव में रनवे की वर्तमान लंबाई 1165 मीटर को 150 मीटर बढ़ाकर 1315 मीटर किया जाना प्रस्तावित है. वहीं मकानों व निजी भूमि के मुआवजा राशि के लिए 8 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है. बता दें कि हवाई अड्डे का विस्तारीकरण नहीं होने से यहां मालवाहक और मल्टीपर्पज विमान तो उतरते रहे हैं, लेकिन रनवे की लंबाई कम होने से लड़ाकू विमान नहीं उतर पाते. केवल सीमांत क्षेत्रों की ‌हवाई निगरानी करके ही लड़ाकू विमान वापस लौट जाते हैं.
पढ़ें- पीएम मोदी बोले, भारत के बुलंद हौंसले का हुंकार है विक्रांत

चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई सहित सेना की सिफारिशों पर अमल होता है तो आपातकाल में यह हवाई अड्डा सेना के लिए उपयोगी साबित होगा. अब तक चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर सेना हरक्यूलिस, एएन 32, अपाचे और डोर्नियर जैसे विमानों की कई बार सफल लैंडिंग और टेक-ऑफ करा चुकी है, जो सेना के लिए आपातकाल में रसद सहित अन्य साजोसामान लाने में सक्षम हैं. लेकिन लड़ाकू विमानों की लैंडिंग अब भी यहां सपना बनी हुई है.

Uttarkashi Chinyalisaur Airport
चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा.

सेना ने की थी सिफारिश: दिसंबर 2017 में सेना के सुखोई 30 और सी 17 विंग के अधिकारियों ने हवाई अड्डे के निरीक्षण के बाद कई सिफारिशें की थी. इनमें ग्राउंड के समानांतर मौजूद बिजली की लाइन के स्थानांतरण, रनवे के किनारे को सुधारने, एडवांस लैंडिंग ग्राउंड की सुरक्षा, सुरक्षा के लिए एंबुलेंस, पैरीमीटर के बिजली के खंभों को हटाना, पार्किंग एप्रन का विस्तार, रनवे का विस्तार आदि शामिल थे.

लोनिवि चिन्यालीसौड़ के अधिशासी अ‌भियंता मोहन दास ने बताया कि शासन के निर्देश पर ‌चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए 19.5 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है. हाल में इस प्रस्ताव पर स्वयं मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी, जिसमें प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की गई थी.

Last Updated : Sep 2, 2022, 3:43 PM IST
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