वाराणसी: पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती इन दिनों काशी प्रवास पर हैं. वाराणसी में रहते हुए वह अपने भक्तों को आशीष भी प्रदान कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने मंच से कई विषयों पर अपनी बातें रखीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि अल्लाह शब्द संस्कृत से लिया गया है. शंकराचार्य ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह व्यक्ति अपना घर भरने वाला नहीं है. उलकी ख्याति चारों तरफ फैल रही है. इसके अलावा वह देश को लूटने वाले नहीं हैं.
पुरी के शंकराचार्य ने रामचरितमानस को लेकर चल रहे विवाद पर भी शास्त्र अनुसार बातें कहीं. उन्होंने कहा कि जिस रामचरितमानस में समुद्र के बोलने की बात कहीं गईं है तो इसका भी विरोध करना चाहिए, समुद्र कभी बोलता थोड़ी न है. जिस शब्द को और पंक्तियों को लेकर हंगामा मचा है, उसका तात्पर्य पीटना नहीं बल्कि किसी को सजाना और संवारना है.
सनातन धर्म को कमजोर न समझें: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना मदनी बयान पर कहा कि 'मदनी हैं कौन? सनातन धर्म को कमजोर नहीं समझना चाहिए. कोई यदि बातों को सुन रहा है और सहिष्णुता के साथ कोई जवाब नहीं दे रहा तो उसे कमजोर मत समझिए.' पुरी के शंकराचार्य ने बागेश्वर धाम पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री का समर्थन किया. कहा कि 'मुझसे उन्होंने मुलाकात की थी. मुझे वह कहीं से गलत नहीं लगे. वह सनातन धर्म को बचाने और उसे सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं. ईश्वर का नाम लेते हैं. वह अपने मुंह से कभी नहीं कहते कि मैं चमत्कार करता हूं.'
सभी को सनातन धर्म मानना चाहिएः शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि अल्लाह शब्द संस्कृत का शब्द माना जाता है. जिनको व्याकरण का अध्ययन होगा, वह भी अच्छे से जानते होंगे कि यह शब्द संस्कृत से लिया गया है. अल्लाह शब्द का शाब्दिक अर्थ मातृशक्ति से होता है. भले ही वह अब इसको किसी भी रूप में प्रयोग कर रहे हो. उन्होंने कहा कि चाहे मुस्लिम हो या ईसाई, हर धर्म निकला सनातन धर्म से ही है. भगवान विष्णु के नाभि से ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई. सनातन धर्म के जरिए ही सभी उत्पन्न हुए हैं. इसलिए सभी सनातन धर्म के ही लोग हैं. अब भले ही वह अपने आप को किसी धर्म का मान रहे हों इसलिए सभी के पूर्वज श्री हरि विष्णु ही हैं और उनकी नाभि से हुई उत्पत्ति की वजह से ही सनातन धर्म को ही सभी लोगों को मानना चाहिए.'
नेपाल का प्रधानमंत्री पागलः शंकराचार्य ने कहा कि 'मैं अभी नेपाल से लौटकर आया हूं. वहां एक पागल प्रधानमंत्री बन गया है. उसने काठमांडू के ग्रंथागार में आग लगवा दी. अरे इन ग्रंथों ने आपका क्या बिगाड़ा था. जो नालंदा और नेपाल में हुआ वह सही नहीं है. पहले भी अन्याय सनातन धर्म के साथ होते रहे हैं. लेकिन जो ग्रंथ भागवत गीता और अन्य जगहों पर उपलब्ध चीजों से जानकारी हासिल हुए वह बताने के लिए काफी है कि सनातन धर्म ही सभी का मूल है.'
हिम्मत है तो बाइबिल और कुरान पर कटाक्ष करेंः शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू दुर्बल नहीं है और दुर्बल समझना भी नहीं चाहिए. बार-बार सनातन धर्म को लेकर कटाक्ष करने वालों को यह समझना चाहिए कि किसी के सीधे और सहिष्णु होने का फायदा ना उठाएं. वहीं, रामचरितमानस को लेकर चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि जो लोग रामचरित मानस को लेकर बात कर रहे हैं उनमें हिम्मत हो तो जरा बाइबिल और कुरान पर कटाक्ष करके दिखाएं फिर क्या होता है वह देखेंगे.