ETV Bharat / bharat

तरनतारन फेक एनकाउंटर : CBI कोर्ट में दो पुलिस ऑफिसर दोषी करार - CBI Court Action

मोहाली की सीबीआई कोर्ट ने 1993 के तरनतारन फर्जी मुठभेड़ मामले में दो पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Oct 27, 2022, 12:45 PM IST

Updated : Oct 27, 2022, 7:01 PM IST

मोहाली : सीबीआई कोर्ट ने 1993 में तरनतारन में फर्जी मुठभेड़ मामले दो पूर्व पुलिस अधिकारियों शमशेर सिंह और जगतार सिंह को दोषी करार दिया है. इस मामले पर गुरुवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश हरिंदर सिद्धू ने फैसला सुनाया. 30 साल पुरानी इस मुठभेड़ में बताया गया था कि एक अज्ञात आतंकवादी के साथ उबोके निवासी हरबंस सिंह पुलिस फायरिंग में मारा गया है. निचली अदालत ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताया था. मामले में शमशेर सिंह और जगतार सिंह को धारा 120-बी आर/डब्ल्यू 302, 218 आइपीसी के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था.

बता दें कि 15 अप्रैल 1993 को सदर तरनतारन की पुलिस द्वारा यह दावा किया गया था कि सुबह 4:30 बजे तीन आतंकवादियों ने पुलिस पार्टी को रोका जब वह उबोके निवासी हरबंस सिंह को ले जा रहे थे. हरबंस सिंह एक मामले में उनकी हिरासत में था. पुलिस ने बताया था कि चंबल नाले के क्षेत्र में क्रास फायरिंग के दौरान हरबंस सिंह और एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया. मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई द्वारा हरबंस सिंह के भाई परमजीत सिंह की शिकायत पर प्रारंभिक जांच की गई. सीबीआई ने मुठभेड़ की कहानी को संदिग्ध पाया गया और फिर इस जांच के आधार पर 25 जनवरी 1999 को नियमित मामला दर्ज किया गया. पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धारा 34 आइपीसी r/w 364-302 आइपीसी के तहत केस दर्ज किया गया.

मोहाली : सीबीआई कोर्ट ने 1993 में तरनतारन में फर्जी मुठभेड़ मामले दो पूर्व पुलिस अधिकारियों शमशेर सिंह और जगतार सिंह को दोषी करार दिया है. इस मामले पर गुरुवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश हरिंदर सिद्धू ने फैसला सुनाया. 30 साल पुरानी इस मुठभेड़ में बताया गया था कि एक अज्ञात आतंकवादी के साथ उबोके निवासी हरबंस सिंह पुलिस फायरिंग में मारा गया है. निचली अदालत ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताया था. मामले में शमशेर सिंह और जगतार सिंह को धारा 120-बी आर/डब्ल्यू 302, 218 आइपीसी के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था.

बता दें कि 15 अप्रैल 1993 को सदर तरनतारन की पुलिस द्वारा यह दावा किया गया था कि सुबह 4:30 बजे तीन आतंकवादियों ने पुलिस पार्टी को रोका जब वह उबोके निवासी हरबंस सिंह को ले जा रहे थे. हरबंस सिंह एक मामले में उनकी हिरासत में था. पुलिस ने बताया था कि चंबल नाले के क्षेत्र में क्रास फायरिंग के दौरान हरबंस सिंह और एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया. मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई द्वारा हरबंस सिंह के भाई परमजीत सिंह की शिकायत पर प्रारंभिक जांच की गई. सीबीआई ने मुठभेड़ की कहानी को संदिग्ध पाया गया और फिर इस जांच के आधार पर 25 जनवरी 1999 को नियमित मामला दर्ज किया गया. पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धारा 34 आइपीसी r/w 364-302 आइपीसी के तहत केस दर्ज किया गया.

Last Updated : Oct 27, 2022, 7:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.