गाजीपुर : पंजाब के रोपण जेल में बंद मऊ सदर के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश में लाने की तैयारी कर गाजीपर पुलिस की दो सदस्यों की टीम पंजाब जेल पहुंची थी. यहां से एक बार फिर बीमारी का हवाला देते हुए गाजीपुर पुलिस को वापस भेज दिया गया. बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर 2020 को रोपण जेल अधीक्षक को नोटिस जारी किया था. इसके बाद अब गाजीपुर पुलिस नई दिल्ली से नोटिस लेकर रोपण जेल पहुंची थी.
मुख्तार अंसारी की हिरासत के लिए यूपी सरकार ने दायर की याचिका
जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार और मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की याचिका का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय मिल गया है. बता दें, उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या, मर्डर के 10 केस चल रहे हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कहा है कि या तो अंसारी को मुकदमे का सामना करने के लिए यूपी में स्थानांतरित किया जाए और यदि चार्जशीट दायर की गई है तो पंजाब में चल रहे मामले को यहां स्थानांतरित किया जाए. इसके अलावा यूपी सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब में अब तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है.
प्रदेश सरकार ने कहा कि अंसारी "संघीय ढांचे के साथ खेलने" और सीआरपीसी के प्रावधानों का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहा है. पंजाब सरकार और अंसारी लंबित मामले और मुकदमे की स्थिति पर विस्तृत जवाब दाखिल करें. इसके साथ-साथ अंसारी की मेडिकल कंडीशन पर भी जवाब देना है.
बता दें कि इसके पहले भी कई बार मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश में लाने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी हो चुके हैं लेकिन हर बार पंजाब पुलिस द्वारा खराब सेहत का हवाला देकर मुख्तार अंसारी को यूपी नहीं आने दिया जाता. मुख्तार अंसारी को अपनी जान के खतरे का डर सता रहा है. जिस प्रकार जेल में बन्द मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी उसी समय से अपनी सुरक्षा को लेकर मुख्तार अंसारी में भय व्याप्त हो गया है. मुख्तार ने पंजाब में लंबित मुकदमे में कानूनी दावपेंच लगाकर अपनी जेल उत्तर प्रदेश से बदलवा कर पंजाब करा लिया. 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले ही मुख्तार को यूपी के बांदा जेल से पंजाब के रोपण जेल भेज दिया गया था. तभी से वह वहां की जेल मे बंद है.
हर बार खराब सेहत का हवाला
अंसारी के खिलाफ गाजीपुर सहित उत्तर प्रदेश के कई जिला न्यायालयों में मामले चल रहे हैं. इन्हीं में पेशी के लिए मुख्तार अंसारी का प्रोडक्शन वारंट जारी कराया गया लेकिन हर बार रोपण जेल प्रशासन की तरफ से मुख्तार के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया जाता है. इसके बाद यूपी सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली. जिसके बाद रोपण जेल अधीक्षक को 18 दिसंबर 2020 को एक नोटिस जारी किया गया. अब यूपी सरकार ने इस नोटिस को दिल्ली से लेकर सीधे रोपण जेल में हैंड डिलीवरी करवाने की तैयारी की है.
यह भी पढ़ें-सीबीआई के बाद ईडी ने शुरू की कोयला तस्करी मामले में पूछताछ
यूपी में जारी है मुख्तार के गुर्गों पर कार्रवाई
योगी सरकार ने पिछले कुछ महीनों में मुख्तार अंसारी के गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. मुख्तार अंसारी हो या उसके नाम पर अवैध धंधे करने वाले गुर्गे, सभी के खिलाफ कार्रवाई जारी है. अब तक लखनऊ से लेकर मऊ और गाजीपुर में करोड़ों की संपत्तियां बुलडोजर से ध्वस्त की जा चुकी हैं. इसी क्रम में योगी सरकार मुख्तार को किसी भी तरह यूपी लाने की कोशिश में जुटी है. लेकिन कई बार प्रोडक्शन वारंट लेकर पंजाब गई गाजीपुर और आजमगढ़ पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा है. दरअसल, गाजीपुर में फर्जी दस्तावेजों पर असलहे का लाइसेंस लेने के मामले में मुख्तार अंसारी को प्रयागराज स्पेशल कोर्ट में पेश होना था. वहीं आजमगढ़ में दर्ज आपराधिक मामले में सेशन कोर्ट ने तलब किया था. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी जेल प्रशासन की तरफ से मेडिकल रिपोर्ट दिखाकर मुख्तार को यूपी पुलिस को नहीं सौंपा गया.