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पंजाब विधानसभा चुनाव : 22 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर चुका अकाली दल - Akali

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) सबसे पहले उम्मीदवारों का एलान कर रहा है. अकाली दल ने 22 उम्मीदवार तय कर दिए हैं, जबकि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा ने उम्मीदवार तय करने की शुरुआत तक नहीं की है. जानिए अकाली दल ने कहां से किसे बनाया उम्मीदवार.

शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल
शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल
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Published : Sep 6, 2021, 7:45 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने बाकी हैं ऐसे में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की तरफ से सबसे पहले उम्मीदवारों का एलान किया जा रहा है. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा ने अभी अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान नहीं किया है.

शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की तरफ से कुल 22 उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है, जिनमें ज्यादातर उम्मीदवार वही हैं जो 2017 के चुनाव में अपनी किस्मत अजमा चुके हैं. कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें पार्टी सिंबल पर पहली बार चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा.
सुखबीर सिंह बादल ने 18 अगस्त को 100 दिनों के लिए 100 विधानसभा क्षेत्रों में 'गल पंजाब दी' मुहिम की शुरुआत की है. इसी मुहिम के दौरान जहां-जहां वह जा रहे हैं वहां उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं.

शिरोमणि अकाली दल ने किया एलान

कौन-कौन हैं पुराने चेहरे

जलालाबाद सीट से खुद शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल चुनाव लड़ रहे हैं. सुखबीर बादल 2017 में भी यहीं से चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. अटारी विधानसभा क्षेत्र से गुलजार सिंह रानिके जो पंजाब के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं इस बार चुनाव लड़ रहे हैं. 2017 में भी उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई थी लेकिन जनता का भरोसा नहीं जीत सके. अजनाला से अमरपाल सिंह धोनी चुनाव मैदान में हैं. यह भी 2017 में यहां से अकाली दल की सीट पर चुनाव लड़े और हार गए. रामपुरा फूल से सिकंदर सिंह मलूका चुनाव मैदान में हैं, हालांकि इस बार उन्होंने इच्छा जाहिर की थी कि वह मोड़ मंडी से चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन पार्टी अध्यक्ष की तरफ से उन्हें रामपुरा फूल से ही उम्मीदवार बनाया गया है. इसके अलावा अनिल जोशी भाजपा से अमृतसर नार्थ सीट पर चुनाव लड़े थे और इस बार भाजपा और शिरोमणि अकाली दल का गठजोड़ टूटने के बाद अकाली दल में शामिल हो गए. उन्हें अकाली दल ने अमृतसर नार्थ सीट से उम्मीदवार बनाया है.

कोटकपूरा से मनतार सिंह बराड़ लड़ेंगे
तलवंडी साबो विस क्षेत्र से जीत महेंदर सिंह सिद्धू हैं, जो पहले भी इसी सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं. फरीदकोट से परम सिंह बंटी रोमाना फिर चुनाव मैदान में है. 2017 में भी यहां से वह चुनाव लड़े थे और हार गए थे. कोटकपूरा से मनतार सिंह बराड़ हैं. 2017 में भी यहां से चुनाव लड़े थे और हार गए थे. जैतो से सूबा सिंह बादल 2017 में पार्टी के उम्मीदवार थे और इस बार भी उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है. गुरुहरसहाय से वरदेव सिंह नोनी मान 2017 के बाद इस बार फिर यहां से चुनाव मैदान में हैं. 2017 में साहनेवाल शिव से विधायक बने शरणजीत सिंह ढिल्लों इस बार फिर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं.

डेराबस्सी से मौजूदा विधायक लड़ेंगे चुनाव
बाघापुराना से पिछली बार की तरह तीरथ सिंह माला. मोगा से बृजेंद्र सिंह मक्खन बराड़ उम्मीदवार हैं. बराड़ 2017 में यहां से चुनाव हार गए थे. डेराबस्सी से मौजूदा विधायक एनके शर्मा लड़ेंगे. गिद्दड़बाहा से पिछली बार चुनाव हार चुके हरदीप सिंह डिंपी को टिकट मिला. श्री मुक्तसर साहिब से मौजूदा विधायक कवर जीत सिंह रोज़ी बरकंदी उम्मीदवार है. खेमकरण से पिछली बार चुनाव मैदान मैं उम्मीदवार रहे विरसा सिंह वल्टोहा को इस बार फिर चुनाव मैदान में उतारा गया है.
जालंधर कैंट से जगबीर सिंह बराड़
मोड़ से जगमीत सिंह बराड़ शिअद से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, इससे पहले इस सीट पर जन्मेजा सिंह सीखो चुनाव लड़ते आए हैं. जीरा से जन्मेजा सिंह सेखों चुनाव मैदान में है इससे पहले हरि सिंह जीरा यहां से चुनाव लड़ते रहे. जालंधर कैंट से जगबीर सिंह बराड़ को उतारा गया है इससे पहले यहां पर सरबजीत सिंह मक्कड़ 2017 में चुनाव लड़े थे. समराला से पहली बार परमजीत सिंह ढिल्लों चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले शिरोमणि अकाली दल की तरफ से संता सिंह उमेदपुर चुनाव मैदान में थे. मलोट से इस बार हरप्रीत सिंह कोर्टपाई चुनाव मैदान में हैं इससे पहले यहां पर दर्शन सिंह चुनाव लड़ चुके हैं. सुजानपुर से राजकुमार गुप्ता को उम्मीदवार एलान किया गया है इससे पहले यह सीट भाजपा के पास रही है.
बसपा के साथ गठबंधन
कृषि कानूनों के विरोध में इस बार शिरोमणि अकाली दल और भाजपा एक दूसरे से अलग हो गए. उसके बाद शिरोमणि अकाली दल ने बसपा के साथ गठबंधन किया. भाजपा जहां गठबंधन में 23 सीटों पर चुनाव लड़ती रही है वहीं, बसपा को शिरोमणि अकाली दल ने 20 सीटें दी हैं.

पढ़ें- क्षेत्रीय दलों को लोकसभा चुनाव-2024 के लिए राष्ट्रीय मोर्चा बनाना चाहिए : सुखबीर सिंह बादल

चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने बाकी हैं ऐसे में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की तरफ से सबसे पहले उम्मीदवारों का एलान किया जा रहा है. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा ने अभी अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान नहीं किया है.

शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की तरफ से कुल 22 उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है, जिनमें ज्यादातर उम्मीदवार वही हैं जो 2017 के चुनाव में अपनी किस्मत अजमा चुके हैं. कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें पार्टी सिंबल पर पहली बार चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा.
सुखबीर सिंह बादल ने 18 अगस्त को 100 दिनों के लिए 100 विधानसभा क्षेत्रों में 'गल पंजाब दी' मुहिम की शुरुआत की है. इसी मुहिम के दौरान जहां-जहां वह जा रहे हैं वहां उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं.

शिरोमणि अकाली दल ने किया एलान

कौन-कौन हैं पुराने चेहरे

जलालाबाद सीट से खुद शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल चुनाव लड़ रहे हैं. सुखबीर बादल 2017 में भी यहीं से चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. अटारी विधानसभा क्षेत्र से गुलजार सिंह रानिके जो पंजाब के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं इस बार चुनाव लड़ रहे हैं. 2017 में भी उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई थी लेकिन जनता का भरोसा नहीं जीत सके. अजनाला से अमरपाल सिंह धोनी चुनाव मैदान में हैं. यह भी 2017 में यहां से अकाली दल की सीट पर चुनाव लड़े और हार गए. रामपुरा फूल से सिकंदर सिंह मलूका चुनाव मैदान में हैं, हालांकि इस बार उन्होंने इच्छा जाहिर की थी कि वह मोड़ मंडी से चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन पार्टी अध्यक्ष की तरफ से उन्हें रामपुरा फूल से ही उम्मीदवार बनाया गया है. इसके अलावा अनिल जोशी भाजपा से अमृतसर नार्थ सीट पर चुनाव लड़े थे और इस बार भाजपा और शिरोमणि अकाली दल का गठजोड़ टूटने के बाद अकाली दल में शामिल हो गए. उन्हें अकाली दल ने अमृतसर नार्थ सीट से उम्मीदवार बनाया है.

कोटकपूरा से मनतार सिंह बराड़ लड़ेंगे
तलवंडी साबो विस क्षेत्र से जीत महेंदर सिंह सिद्धू हैं, जो पहले भी इसी सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं. फरीदकोट से परम सिंह बंटी रोमाना फिर चुनाव मैदान में है. 2017 में भी यहां से वह चुनाव लड़े थे और हार गए थे. कोटकपूरा से मनतार सिंह बराड़ हैं. 2017 में भी यहां से चुनाव लड़े थे और हार गए थे. जैतो से सूबा सिंह बादल 2017 में पार्टी के उम्मीदवार थे और इस बार भी उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है. गुरुहरसहाय से वरदेव सिंह नोनी मान 2017 के बाद इस बार फिर यहां से चुनाव मैदान में हैं. 2017 में साहनेवाल शिव से विधायक बने शरणजीत सिंह ढिल्लों इस बार फिर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं.

डेराबस्सी से मौजूदा विधायक लड़ेंगे चुनाव
बाघापुराना से पिछली बार की तरह तीरथ सिंह माला. मोगा से बृजेंद्र सिंह मक्खन बराड़ उम्मीदवार हैं. बराड़ 2017 में यहां से चुनाव हार गए थे. डेराबस्सी से मौजूदा विधायक एनके शर्मा लड़ेंगे. गिद्दड़बाहा से पिछली बार चुनाव हार चुके हरदीप सिंह डिंपी को टिकट मिला. श्री मुक्तसर साहिब से मौजूदा विधायक कवर जीत सिंह रोज़ी बरकंदी उम्मीदवार है. खेमकरण से पिछली बार चुनाव मैदान मैं उम्मीदवार रहे विरसा सिंह वल्टोहा को इस बार फिर चुनाव मैदान में उतारा गया है.
जालंधर कैंट से जगबीर सिंह बराड़
मोड़ से जगमीत सिंह बराड़ शिअद से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, इससे पहले इस सीट पर जन्मेजा सिंह सीखो चुनाव लड़ते आए हैं. जीरा से जन्मेजा सिंह सेखों चुनाव मैदान में है इससे पहले हरि सिंह जीरा यहां से चुनाव लड़ते रहे. जालंधर कैंट से जगबीर सिंह बराड़ को उतारा गया है इससे पहले यहां पर सरबजीत सिंह मक्कड़ 2017 में चुनाव लड़े थे. समराला से पहली बार परमजीत सिंह ढिल्लों चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले शिरोमणि अकाली दल की तरफ से संता सिंह उमेदपुर चुनाव मैदान में थे. मलोट से इस बार हरप्रीत सिंह कोर्टपाई चुनाव मैदान में हैं इससे पहले यहां पर दर्शन सिंह चुनाव लड़ चुके हैं. सुजानपुर से राजकुमार गुप्ता को उम्मीदवार एलान किया गया है इससे पहले यह सीट भाजपा के पास रही है.
बसपा के साथ गठबंधन
कृषि कानूनों के विरोध में इस बार शिरोमणि अकाली दल और भाजपा एक दूसरे से अलग हो गए. उसके बाद शिरोमणि अकाली दल ने बसपा के साथ गठबंधन किया. भाजपा जहां गठबंधन में 23 सीटों पर चुनाव लड़ती रही है वहीं, बसपा को शिरोमणि अकाली दल ने 20 सीटें दी हैं.

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