मोरिंडा: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि नये डीजीपी की नियुक्ति कानून के अनुसार की जाएगी. राज्य सरकार ने 30 साल से अधिक सेवा वाले सभी अफसरों के नाम केंद्र को भेजे हैं. मोरिंडा में एक कार्यक्रम के दौरान कर्जमाफी की शुरुआत करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार डीजीपी की नियुक्त के लिए केंद्र से तीन अधिकारियों के नाम आने का इंतजार कर रही है.
उन्होंने कहा कि सिद्धू को भी इस नियम के बारे में पता है. चन्नी ने कहा कि इसके बाद प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू, सभी मंत्रियों और विधायकों की राय के बाद डीजीपी का नाम तय किया जाएगा. चन्नी ने कहा कि सिद्धू पार्टी का काम करें. सरकार में हम सिद्धू के साथ तालमेल से काम करेंगे. हम काम करना चाहते हैं और कर रहे हैं. अगर कोई बात उन्हें पसंद नहीं आ रही है तो पार्टी फोरम में समन्वय समिति के सामने रखें. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपना काम नेक नीति, समर्पण की भावना और ईमानदारी के साथ कर रही है. सरकारी कामकाज में पारदर्शिता को सुनिश्चित बनाया जा रहा है.
इसके बाद, पीपीसीसी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, सभी मंत्रियों और विधायकों के परामर्श के बाद डीजीपी के नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा. चन्नी ने आगे कहा कि राज्य सरकार समर्पण, ईमानदारी और ईमानदारी से काम कर रही है और प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि पीपीसीसी अध्यक्ष द्वारा संगठनात्मक कार्य की देखरेख की जा रही है और सरकार और पार्टी के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक समिति का गठन किया गया है.
58 वर्ष से ऊपर के सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करने के मुद्दे पर चन्नी ने कहा कि 58 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी कर्मचारी को अब सेवा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी ताकि युवाओं को सरकारी नौकरी का मौका दिया जा सके.