चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को कहा कि सरकार राज्य की जेलों में खतरनाक अपराधी मुख्तार अंसारी के आरामदायक प्रवास पर खर्च किए गए 55 लाख रुपये का भुगतान नहीं करेगी और यह पैसा पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा से वसूल करेगी. मुख्यमंत्री ने यहां एक बयान में कहा कि यह राज्य तथा उसके लोगों के खिलाफ एक गंभीर अपराध है और इसमें शामिल लोगों को इसकी कीमत चुकानी होगी.
उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और रंधावा दोनों ही उन कारणों से भली-भांति परिचित हैं, जिन्होंने कुख्यात गैंगस्टर को पंजाब की जेलों में आराम से रहने के लिए उदारता प्रदान की.
मान ने कहा कि राज्य करदाताओं का पैसा इस तरह से क्यों बर्बाद करे. उस समय सत्ता में रहने वालों का अंसारी के साथ मजबूत संबंध था. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनता के पैसे की खुली लूट है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. पिछली सरकारों के सबसे अच्छे ज्ञात कारणों से इस कुख्यात अपराधी को पूरी सुख-सुविधा के साथ रोपड़ जेल में रखा गया था.
मान ने कहा कि आरामदायक प्रवास सुनिश्चित करने के अलावा राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि इस कट्टर अपराधी को जेल के भीतर किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े और वह अपने खिलाफ कानूनी कार्रवाई से बच सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि तत्कालीन सरकार ने जेल में बंद इस अपराधी के हितों की रक्षा के लिए करदाताओं के 55 लाख रुपये खर्च कर दिए.
उन्होंने कहा कि जनता के पैसे की यह लूट पूरी तरह से अनुचित और अवांछनीय है. आम आदमी के पैसे की इस खुली लूट को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और रंधावा को यह पैसा अपनी जेब से देना होगा अन्यथा इस पैसे की वसूली के लिए उनके पेंशन और अन्य लाभ रोक दिए जाएंगे.
बीजेपी ने कहा-सिर्फ बयानबाजी कर रही पंजाब सरकार : मुख्यमंत्री की ओर से जारी बयान पर बीजेपी नेता राज कुमार वेरका ने कहा कि सरकार सिर्फ बात करती है. वेरका ने कहा कि अगर इस मामले में सरकारी पैसा बर्बाद हुआ है तो जिम्मेदार व्यक्ति से पैसा वसूला जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को आप सरकार से क्या यह सवाल नहीं पूछना चाहिए कि पंजाब सरकार खुद पैसा बर्बाद कर रही है, इसलिए यह सब ड्रामा कर रही है.
जनवरी 2019 में लाया गया था पंजाब: गौरतलब है कि गैंगस्टर मुख्तार अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 के बीच पंजाब की रूपनगर जेल में कैद था. इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस उसे यूपी जेल ले जाना चाहती थी, जिसके लिए 25 रिमाइंडर भी भेजे गए थे. लेकिन पंजाब सरकार ने अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को नहीं सौंपा. इस पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)