जयपुर: पंजाब और राजस्थान के बीच नहर के पानी के बंटवारे को लेकर कई साल से चल रहा विवाद सुलझने की उम्मीद है. पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी एक दिन के राजस्थान दौरे पर हैं. उन्होंने जयपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और पानी को लेकर चर्चा की.
वहीं, चन्नी ने गहलोत को पंजाब आने का न्योता दिया, जिसको गहलोत ने स्वीकार कर लिया है. अब संभावना है कि जल्द ही गहलोत पंजाब दौरे पर आएंगे, जहां पंजाब और राजस्थान के बीच चल रहे विवादों पर चर्चा कर समाधान ढूंढा जाएगा. पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच रावी-ब्यास नदी विवाद वर्षों से चला आ रहा है.
जल बंटवारे के तहत 1955 में केंद्र सरकार ने राज्यों की सहमति से रावी और ब्यास नदी के पानी को राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बांटने की बात तय की थी. तब से लेकर आज तक तीनों राज्यों में पानी के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है. हरियाणा के साथ पंजाब और राजस्थान के बीच भी नहर के पानी के बंटवारे का मसला नहीं सुलझा है.
नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सूबे के सभी गंभीर मुद्दों पर तेजी से काम कर रहे हैं. इस बीच रविवार को चन्नी राजस्थान दौरे पर गए. जयपुर में उन्होंने गहलोत के नए मंत्रिमंडल के समारोह में शिरकत की. अशोक गहलोत ने चन्नी का माला पहनाकर सम्मान किया. इसके बाद दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच पंजाब के सियासी मुद्दों के साथ ही पानी बंटवारे को लेकर भी चर्चा हुई.
कैप्टन ने यहां तक पहुंचाई थी बात
सितंबर में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दोनों राज्यों के बीच पानी विवाद को लेकर एक बैठक हुई थी. जिसमें दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच कॉमन कैरियर सरहिंद फीडर की मरम्मत के लिए सहमति बनी थी. फीडर के क्षतिग्रस्त 55 किलोमीटर के क्षेत्र की मरम्मत के कार्य को लेकर निविदाएं आमंत्रित करने पर कैप्टन ने सहमति जताई थी.
मई 2022 तक पूरी होनी है मरम्मत
राजस्थान के मुख्यमंत्री के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी थी. इसमें एक मुद्दा यह भी था कि राजस्थान को 25 वर्षों से मात्र 200 से 300 क्यूसिक पानी ही मिल रहा था. राजस्थान के हिस्से का 1368 क्यूसिक पानी अभी पंजाब ही इस्तेमाल कर रहा है. दोनों के बीच हुई बैठक में फीडर के मरम्मत पर सहमति बनने के बाद 2022 तक काम पूरा होने की संभावना है.