नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आज के ही दिन आतंकवादियों ने कायरतापूर्ण हरकत को अंजाम दिया था. ठीक तीन साल पहले आज के ही दिन पुलवामा में सीआरपीए के काफिले पर आतंकवादियों ने हमला किया था. इस आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गये थे. इस हमले की निंदा समस्त भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने की थी.
हालांकि, देश के वीर जवानों के आतंकवादियों के इस कायराणा हरकत का 12 दिनों के भीतर मुंहतोड़ जवाब भी दिया. भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में आतंकी संगठन जैश के प्रशिक्षण शिविर पर एयर स्ट्राइक किया. कहा जाता है कि इस हमले में 350 से अधिक आतंकवादी मारे गये. यहीं, नहीं आतंकियों के टॉप कमांडर भी मारे गये.
आज पुलवामा आतंकी हमले की तीसरी बरसी है. 14 फरवरी, 2019 को हुई इस आतंकी घटना के तीन बरस बीत चुके हैं, लेकिन उस घटना के जख्म आज तक हरे हैं. पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी.
यूपी के उन्नाव का लाल हुआ शहीद
14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले में उन्नाव के जांबाज अजीत कुमार आजाद भी शहीद हो गए थे. मासूम बेटी ईशा व श्रेया के सिर से पिता का साया तो पत्नी मीना की मांग का सिंदूर मिट गया. मां भारती की रक्षा में शहादत देने वाले अजीत की अंतिम यात्रा में हर आंख रोई थी. परिवार के गम में जिले के लोग ही नहीं सरकार के नुमाइंदे भी शरीक हुए थे.
उन्नाव के मोहल्ला लोकनगर निवासी अजीत कुमार आजाद सीआरपीएफ की 115वीं बटालियन में तैनात थे. 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले में अजीत वीरगति को प्राप्त हो गए. अजीत कुमार आजाद की शहादत पर हर आंख रोई थी.
शामली के वीर
शामली के अमित कोरी भी इस हमले में शहीद हुए थे. अमित कोरी का घर शामली के कुड़ाना रोड़ पर स्थित हैं.
गुमला के वीर
गुमला जिला के बसिया प्रखंड क्षेत्र के फरसामा गांव के रहने वाले विजय सोरेंग भी शामिल थे. जवानों की शहादत के बाद जिन राज्यों के शहीद जवान रहने वाले थे, वहां की सरकारों ने शहीद के परिवारवालों को लाखों रुपए सहायता के तौर पर देने की घोषणा की थी.
शहीद प्रदीप कुमार
शामली के बनत कस्बा निवासी 37 वर्षीय प्रदीप कुमार शहीद हो गए थे. 2003 में भर्ती हुए थे प्रदीप, वर्ष 2003 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे.