बेंगलुरु: पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या मामले में विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने बेंगलुरु नगर दीवानी एवं सत्र अदालत में चश्मदीदों की एक सूची पेश की है. एसपीपी ने शनिवार को अदालत को यह सूची सौंपी. इसकी प्रतिक्रिया में, बचाव पक्ष के वकील ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की सूची के लिए अपील की जो जांच का हिस्सा हैं. अदालत ने याचिका पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए छह जून तक का समय दिया है.
मामले की सुनवाई चार जुलाई से आठ जुलाई के बीच होगी और हर महीने एक सप्ताह तक चलेगी. लंकेश की पांच सितंबर 2017 को शहर के राजराजेश्वरी नगर में उनके आवास के बाहर हत्या कर दी गई थी. वामपंथी पत्रकार गौरी की पांच सितंबर, 2017 को शिक्षक दिवस के दिन उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमलावर ‘सनातन संस्था’ की 86 पन्नों वाली एक किताब से कथित तौर पर प्रेरित थे.
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में वरिष्ठ अधिवक्ता एस बालन ने एजेंसी को बताया था कि मामले की सुनवाई 27 मई से शुरू होगी. उनके अनुसार, शुरू में अभियुक्तों द्वारा 60 से अधिक वकीलों को लगाया गया था और उनकी याचिकाओं के कारण सुनवाई शुरू होने में देरी हुई. बालन ने कहा कि कथित सरगना अमोल काले, शूटर वाघमोर और मोटरसाइकिल चालक गणेश मिस्किन सहित 17 आरोपी मुकदमे का सामना करेंगे, जबकि एक अन्य आरोपी फरार है.
ये भी पढ़ें- कर्नाटक : 'खाकी पैंट' जलाने के आंदोलन से बढ़ी बीजेपी और कांग्रेस के बीच रस्साकशी
सुनवाई शुरू होने पर गौरी की बहन कविता लंकेश ने खुशी जताई थी. उन्होंने कहा, 'अभी तक जमानत अर्जी पर सुनवाई चल रही थी. अब हम खुश हैं कि मुकदमा शुरू हो रहा है.' वामपंथी पत्रकार गौरी की पांच सितंबर, 2017 को शिक्षक दिवस के दिन उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
(पीटीआई-भाषा)