दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव 2023 के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बीच पूरे राज्य में हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं. हालांकि, पहाड़ों में शांत वातावरण है. ना कोई शोर और ना कोई विवाद. इस बीच दार्जिलिंग में एक निर्दलीय प्रत्याशी ने गांव में सड़कों की कमी, खराब संचार व्यवस्था, बढ़ते प्रदूषण और पहाड़ों में ट्रैफिक जाम का संदेश लेकर 22 किलोमीटर दौड़कर बीडीओ कार्यालय पहुंचा और अपना नामांकन दाखिल किया.
निर्दलीय प्रत्याशी का नाम है सनारा सुब्बा, जो दार्जिलिंग जिले के जोरबंगलो सुखीपोखरी उपमंडल के सोनादा ग्राम पंचायत के तुमसोंग खासमहल की रहने वाले हैं. सनारा सुब्बा पेशे से कार ड्राइवर हैं. वह अपने गांव की बदहाल सड़कों के लिए आवाज उठा रहे हैं. सड़कों की हालत इतनी खराब है कि अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे कई किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर पहाड़ की ढलानों पर ले जाना पड़ता है और फिर एंबुलेंस में ले जाना पड़ता है.
उनका मानना है कि सड़कें नहीं होने की वजह से छात्रों को भी परेशानी होती है. इस साल पहाड़ी वासियों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा है, पिछले कुछ दशकों में ऐसा नहीं हुआ है. पर्यावरण प्रदूषण का असर पहाड़ों पर भी पड़ा है. साथ ही ट्रैफिक जाम भी बढ़ गया है. ट्रैफिक जाम के कारण पर्यटकों से पहाड़ी निवासी परेशान हो गए हैं. लेकिन राजनीतिक दलों के पास इनके लिए सोचने का समय नहीं है.
इसी वजह से सनारा सुब्बा ने गांव की समस्याओं का मुद्दा बनाकर लेकर नामांकन दाखिल किया है. पहाड़ के पर्यावरण की रक्षा के संदेश के साथ सोनादा से सुखियापोखरी तक लगभग 22 किमी दौड़कर बीडीओ कार्यालय में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है. सोनादा से सुखियापोखरी बीडीओ कार्यालय तक पहुंचने में लगभग तीन घंटे लगते हैं.