ETV Bharat / bharat

दशकों बाद पूरी होगी बौद्ध समुदाय की मांग, कारगिल में गोंपा बनाने पर सहमति

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल में बौद्ध धर्मस्थल गोंपा बनाने के मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद बढ़ गई है. गुरुवार को लद्दाख बौद्ध संघ (एलबीए) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के पदाधिकारियों ने गोंपा निर्माण के लिए जगह चुनने की सहमति दे दी.

Gonpa in Kargil
Gonpa in Kargil
author img

By

Published : May 26, 2022, 10:42 PM IST

लद्दाख : केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में धार्मिक और राजनीतिक नेता मुस्लिम बाहुल्य कारगिल में एक बौद्ध धर्मस्थल गोंपा के निर्माण के मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने पर सहमत हो गए हैं. लद्दाख बौद्ध संघ (एलबीए) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के पदाधिकारियों की एक संयुक्त बैठक में बौद्ध धार्मिक स्थल गोंपा के निर्माण के लिए एक जमीन तलाशने का निर्णय लिया गया. बौद्ध मतावलंबी कई दशकों से कारगिल में एक गोंपा के निर्माण की मांग कर रहे हैं. बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया कि सभी पक्ष इस मुद्दे से समाधान के लिए राजी है.

5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था. लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में फिलहाल विधानसभा नहीं है. भले ही कारगिल शहर और उसके आसपास बौद्ध आबादी नहीं के बराबर है, लेकिन समुदाय की आबादी जिले के जांस्कर और शार्गोल इलाकों में है. बौद्ध गोंपा के निर्माण के लिए एक साइट की मांग कर रहे हैं, हालांकि कारगिल में धार्मिक समूह शहर में समुदाय की कम आबादी का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. लेह जिले में बौद्ध आबादी का बहुमत है. लेह शहर के साथ-साथ तुर्तुक जेब में भी मुस्लिम आबादी है. लेह जिले और उसके आसपास कई मस्जिदें और धार्मिक स्थल बनाए गए हैं, जिसमें शाय गांव में 700 साल पुरानी मस्जिद भी शामिल है. इस मस्जिद को मध्य एशियाई मुस्लिम संत शाह-ए-हमदान ने बनवाया था, जिन्होंने कश्मीर में इस्लाम की शुरुआत की थी. लेह में जामिया मस्जिद को इस्लामी वास्तुकला का चमत्कार माना जाता है.

लद्दाख : केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में धार्मिक और राजनीतिक नेता मुस्लिम बाहुल्य कारगिल में एक बौद्ध धर्मस्थल गोंपा के निर्माण के मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने पर सहमत हो गए हैं. लद्दाख बौद्ध संघ (एलबीए) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के पदाधिकारियों की एक संयुक्त बैठक में बौद्ध धार्मिक स्थल गोंपा के निर्माण के लिए एक जमीन तलाशने का निर्णय लिया गया. बौद्ध मतावलंबी कई दशकों से कारगिल में एक गोंपा के निर्माण की मांग कर रहे हैं. बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया कि सभी पक्ष इस मुद्दे से समाधान के लिए राजी है.

5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था. लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में फिलहाल विधानसभा नहीं है. भले ही कारगिल शहर और उसके आसपास बौद्ध आबादी नहीं के बराबर है, लेकिन समुदाय की आबादी जिले के जांस्कर और शार्गोल इलाकों में है. बौद्ध गोंपा के निर्माण के लिए एक साइट की मांग कर रहे हैं, हालांकि कारगिल में धार्मिक समूह शहर में समुदाय की कम आबादी का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. लेह जिले में बौद्ध आबादी का बहुमत है. लेह शहर के साथ-साथ तुर्तुक जेब में भी मुस्लिम आबादी है. लेह जिले और उसके आसपास कई मस्जिदें और धार्मिक स्थल बनाए गए हैं, जिसमें शाय गांव में 700 साल पुरानी मस्जिद भी शामिल है. इस मस्जिद को मध्य एशियाई मुस्लिम संत शाह-ए-हमदान ने बनवाया था, जिन्होंने कश्मीर में इस्लाम की शुरुआत की थी. लेह में जामिया मस्जिद को इस्लामी वास्तुकला का चमत्कार माना जाता है.

पढ़ें : लद्दाख में 145 मिलियन साल पुराने सांप की प्रजाति के जीवाश्म मिले

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.