पटना : आरजेडी विधायक रीतलाल यादव द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. रीतलाल के बयान के बाद अपने बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर रीतलाल यादव के समर्थन में उतर आए हैं.
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'नफरत फैलाने वालों से पूछिए' : दरअसल, पिछले दिनों आरजेडी विधायक रीतलाल यादव ने अपना बयान दिया था. जिसके बाद शनिवार को शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने समर्थन करते हुए कहा कि आप समझिए, तुलसीदास जी ने कहा है 'मसीत में सोवो और मांग के खाओ'.. क्योंकि अकबर का जमाना था यह संभव रहा होगा. शिक्षा मंत्री का यह भी कहना था कि हालांकि श्री राम चरित मानस मस्जिद में लिखा गया था या नहीं, ये मैं नहीं जानता. न मैंने देखा है और न ही मेरा अनुसंधान वहां तक है. यह बातें उनसे पूछिए जो नफरत फैलाते हैं.
केन्द्र सरकार ले संज्ञान : हालांकि उनका यह भी कहना था कि श्रीरामचरितमानस में जो आपतिजनक बातें हैं, वो हटनी चाहिए. इसकी वकालत संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी की है. ऐसे में केन्द्र सरकार को इसे हटवाना चाहए. राममनोहर लोहिया, बाबा नागार्जुन, पंडित रामचंद्र शुक्ल ने भी इन बातों को वक्त वक्त पर कहा है. हालांकि इसमें कुछ अच्छे दोहे, चौपाइयां भी हैं.
''जो आपत्तिजनक बातें हैं, उस मानस में किसने जोड़ा मैं नहीं जानता हूं. मोहन भागवत कहते हैं कि स्वार्थी लोगों ने कुछ-कुछ उसमें डाल दिया. उसकी समीक्षा होनी चाहिए. सवाल तो मोहन भागवत और पीएम मोदी से करनी चाहिए.''- प्रोफेसर चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार
रीतलाल यादव के बयान पर राजनीति : बता दें कि रामचरितमानस पर आरजेडी विधायक रीतलाल यादव के विवादित बयान पर बीजेपी ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया भी दी थी. पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि किसी की मानसिक स्थिति खराब हो और एक अपराधी रामचरितमानस का ज्ञान दें इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या है?