नई दिल्ली : जैव-प्रौद्योगिकी विभाग ने शुक्रवार को कहा कि देश में विकसित कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाई जाएगी. सितंबर तक हर महीने इसकी 10 करोड़ खुराक तैयार होने लगेंगी. इसने कहा कि मई-जून तक इस टीके का उत्पादन दुगुना कर दिया जाएगा. विभाग ने उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तीन कंपनियों को लगाया है.
कुछ सप्ताह पहले अंतर-मंत्रालयी टीमों ने यह जानने के लिए भारत में दो मुख्य टीका विनिर्माताओं के स्थलों का दौरा किया था कि उत्पादन में किस तरह तेजी लाई जा सकती है. विभाग ने कहा कि इस अवधि के दौरान, टीका विनिर्माताओं के साथ बनाई जा रही योजनाओं के संबंध में व्यापक समीक्षाएं और व्यवहार्य अध्ययन किए गए हैं.
जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने कहा कि टीका उत्पादन में वृद्धि की योजना के तहत भारत बायोटेक लिमिटेड और सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य उपक्रमों की क्षमताओं को आवश्यक अवसंरचना और प्रौद्योगिकी के साथ उन्नत किया जा रहा है.
कोवैक्सीन का विकास हैदराबाद आधारित भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने किया है. यह उन दो टीकों में शामिल है, जिनका इस्तेमाल वर्तमान में भारत में कोविड रोधी टीकाकरण में किया जा रहा है. विभाग ने कहा कि टीका उत्पादन में वृद्धि के लिए केंद्र भारत बायोटेक के बेंगलुरु में स्थापित नए प्रतिष्ठान को लगभग 65 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.
डीबीटी ने कहा कि देश में विकसित कोवैक्सीन की मौजूदा उत्पादन क्षमता को मई-जून 2021 तक दुगुना किया जाएगा. फिर इसे बढ़ाकर जुलाई-अगस्त 2021 तक छह-सात गुना किया जाएगा. जिसका मतलब है कि अप्रैल 2021 की एक करोड़ खुराक की उत्पादन क्षमता बढ़कर जुलाई-अगस्त में छह-सात करोड़ खुराक प्रति महीने हो जाएगी.
उम्मीद है कि उत्पादन क्षमता सितंबर 2021 तक बढ़कर लगभग 10 करोड़ खुराक प्रति महीने हो जाएगी. इसने कहा कि केंद्र टीका उत्पादन में वृद्धि के लिए महाराष्ट्र सरकार के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हाफकिन बायोफार्मास्यूटिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड को 65 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगा.
कंपनी के प्रबंध निदेशक संदीप राठौड़ ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि कंपनी का लक्ष्य लगभग 22.8 करोड़ टीका शीशियों के उत्पादन का है. लेकिन हमें उत्पादन शुरू करने में एक साल लगेगा. डीबीटी ने कहा कि हालांकि, केंद्र सरकार ने उनसे गति बढ़ाने और कार्य को तत्काल छह महीने के भीतर पूरा करने को कहा है. कार्य शुरू करने पर प्रतिष्ठान की क्षमता हर महीने दो करोड़ खुराक तैयार करने की होगी.
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इसने कहा कि राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अंतर्गत इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड, हैदराबाद तथा जैव प्रौद्योगिकी के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत इम्यूनोलॉजिकल्स एंड बायोलॉजिकल्स लिमिटेड, बुलंदशहर को भी मदद दी जाएगी. जो अगस्त-सितंबर तक हर महीने टीके की एक-डेढ़ करोड़ खुराक तैयार करेंगे.