रायपुर : महासमुंद जिला जेल से दीवार फांदकर फरार हो गए पांचों कैदी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. पुलिस उनकी तलाश में थी. कैदी डमरु धर, दौलत, करन, धनसाय और राहुल को गिरफ्तार किया गया. डमरु धर को जेल के पास बेमचा गांव से, जबकि दौलत और करन को कोमाखान थाना क्षेत्र के वृंदावन गांव से गिरफ्तार किया गया है. पांचवें कैदी धनसाय को रेताल के जंगल से गिरफ्तार किया गया. साइबर सेल और खल्लारी पुलिस ने उसे धर दबोचा. कैदी धनसाय ओडिशा भागने की फिराक में था.
जेल से भागने के बाद जंगल में वो छिप गया था. 18 जुलाई 2019 को लूट के मामले में उसे जेल की सजा हुई थी. एएसपी मेघा टेम्भूरकर साहू ने इसकी पुष्टि कर दी है. चार कैदियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया. 30 घंटे के भीतर पुलिस ने जेल से फरार सभी पांचों कैदियों को गिरफ्तार कर लिया. आईजी आंनद छाबड़ा ने महासमुंद पुलिस की कार्यशैली को लेकर एसपी को बधाई दी. साथ ही महासमुंद पुलिस टीम को 30 हजार कैश प्राइज देने की घोषणा भी की गई.
एक हफ्ते पहले कैदी राहुल ने बनाई थी जेल ब्रेक की योजना
कल जेल से फरार 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. उन्होंने पुलिस को बताया कि घटना का मास्टरमाइंड राहुल था, जो गाजीपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला था. वह लूट की घटना में साल 2019 से जेल में था. इस घटना की प्लानिंग राहुल ने डमरू धर के साथ मिलकर एक हफ्ते पहले ही बनाई थी.
जेल से कैसे हुए फरार?
जानकारी के मुताबिक कैदी राहुल ने एक हफ्ते पहले यह योजना बनाई थी. जिसे उसने गुरुवार को अंजाम दिया था. डमरू धर जेल में रिपेयरिंग का काम करता था. इसलिए वह जेल में अक्सर इधर-उधर आया जाया करता था. मौका देखकर डमरू धर ने चारों कैदियों को पहले बैरक से बाहर निकाला. जिसके बाद गमछा, कंबल को ट्यूबलाइट की पट्टी से बांधकर वह सभी फरार हो गए. कैदियों द्वारा 21 फीट की दीवार को इस तरह से फांदकर फरार हो जाना अधिकारियों को परेशान कर रहा है.
पढ़ें :- महाराष्ट्र : कोविड केंद्र से दो कैदी फरार, चार सिपाही निलंबित
जेल प्रहरियों पर हुई कार्रवाई
जेल प्रशासन ने मामले में कार्रवाई करते हुए चार प्रहरियों को निलंबित कर दिया है. इसमें मुख्य प्रहरी भी शामिल है. बता दें कि घटना जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. जिसमें कैदी जेल की दीवार फांदकर भागते हुए दिख रहे हैं. आसपास कोई प्रहरी मौजूद नहीं था. जिस वक्त जेल ब्रेक की कोशिश की गई, उस समय जेल का सायरन भी बंद था. जिसका फायदा इन बंदियों ने उठाया. विभाग ने इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए कार्रवाई की है.