मुंबई: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करने पर शुक्रवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा. पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन को अपनी जायदाद समझते हैं, क्योंकि उन्हें (मोदी) ऐसा लगता है कि इस परिसर का निर्माण उन्होंने करवाया है.
शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर भी निशाना साधा और जानना चाहा कि क्या भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को 28 मई के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है या नहीं. गौरतलब है कि कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) समेत करीब 20 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है.
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. विपक्षी दलों का कहना है कि राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए. मुखपत्र में शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है और भारत का पहला नागरिक भी होता है इसलिए इस पद का अपमान नहीं किया जाना चाहिए. पार्टी ने कहा कि मोदी की सोच यह है कि नया संसद भवन मैंने बनाया है और यह मेरी संपत्ति है. इसलिए, पट्टिका पर केवल मेरा नाम होगा. यह अहंकार लोकतंत्र के लिए खतरनाक है.
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संपादकीय में कहा गया कि नया संसद भवन किसी पार्टी का नहीं बल्कि देश का है. साथ ही दावा किया गया कि भाजपा नेताओं द्वारा लोकतंत्र की बात करना एक मजाक है. पार्टी ने पूछा कि क्या आडवाणी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, जिनके कारण भाजपा के अच्छे दिन आए हैं. शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि विपक्ष के नेता को प्रधानमंत्री के बराबर का दर्जा प्राप्त होता है, इसलिए बेहतर होता कि निमंत्रण पत्र में विपक्ष के नेता का नाम भी होता.
(पीटीआई-भाषा)