हरिद्वार : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (president Kovind in Haridwar) सोमवार को अखिल विश्व गायत्री परिवार (Shantikunj Gayatri Parivar president kovind) के मुख्यालय में स्वर्ण जयंती वर्ष (swarn jayanti samaroh of shantikunj haridwar) के अवसर पर शांतिकुंज एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय में होने वाले कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय में स्थित एशिया के प्रथम बाल्टिक सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र का अवलोकन किया.
बाल्टिक सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र की खासियत
बाल्टिक समुद्र के निकट बसे लात्विया, एस्तोनिया, लिथुआनिया बाल्टिक देशों में आते हैं. इस सेंटर के माध्यम से बाल्टिक देशों में भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार का एक प्लेटफार्म मिल रहा है. यह सेंटर विश्व की प्राचीन संस्कृति-देव संस्कृति और वैश्विक शिक्षा को बढ़ावा देने में सहयोगी के रूप में उभरेगा. राष्ट्रपति ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय भ्रमण के दौरान मूल्यपरक शिक्षण, योग-आयुर्वेद, अनुसंधान, स्वावलंबन एवं विभिन्न रचनात्मक व शैक्षणिक गतिविधियों में खासी रुचि दिखाई.
राष्ट्रपति ने गायत्री तीर्थ शांतिकुंज (Shantikunj Gayatri Parivar president kovind) पहुंचकर युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के पावन कक्ष का दर्शन किए और पूज्य गुरुदेव द्वारा 1926 में प्रज्वलित अखण्ड दीपक के दर्शन भी किए. इस दीपक समक्ष युगऋषि ने गायत्री महामंत्र के 24-24 लाख के 24 महापुरश्चरण 24 साल तक अनवरत संपन्न किए हैं. राष्ट्रपति ने एशिया के प्रथम बाल्टिक सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र का अवलोकन करने के बाद प्रांगण में रुद्राक्ष का पौधा लगाया.