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President Jharkhand Visit: झारखंड दौरे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, हाईकोर्ट भवन के उदघाटन सहित कई कार्यक्रमों में करेंगी शिरकत

सरल, सहज और झारखंड के प्रति बेहद ही लगाव रखने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज यानी 24 मई से तीन दिनों तक झारखंड में रहेंगी. देवघर में बाबा मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद रांची पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया.

President Jharkhand Visit
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Published : May 24, 2023, 2:35 PM IST

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रांचीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिन के दौरे पर झारखंड में हैं. देवघर से उनका दौरा शुरू हुआ. वहां से वो रांची पहुंची. रांची एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. वहीं राष्ट्रपति के दौरे को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट पर है.

ये भी पढ़ेंः President in Jharkhand: बाबा बैद्यनाथ के दरबार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, देश की सुख समृद्धि के लिए की प्रार्थना

रांची पहुंचने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद पुष्पगुच्छ भेंटकर राष्ट्रपति का स्वागत किया. एयरपोर्ट से राष्ट्रपति का काफिला राजधानी के बिरसा चौक पहुंचा जहां भगवान बिरसा मुंडा के मूर्ति पर माल्यार्पण कर द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें नमन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन के साथ राष्ट्रपति ने तश्वीर भी खिंचवाई. सरल, सहज स्वभाव की धनी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज भी उसी अंदाज में स्थानीय लोगों का अभिवादन स्वीकार किया, जो कभी रांची के लोग राज्यपाल के रुप में देखा करता था. अलवर्ट एक्का चौक के बाद राष्ट्रपति का काफिला अलबर्ट एक्का चौक के लिए बढ़ा. जहां शहीद अलबर्ट एक्का को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्होंने नमन किया. अलवर्ट एक्का चौक के बाद राष्ट्रपति राजभवन पहुंची. वहां वो दोपहर में विश्राम कर रही हैं. उसके बाद शाम पांच बजे धुर्वा स्थित नये हाईकोर्ट परिसर और भवन का उदघाटन करेंगी.

26 मई तक झारखंड में रहेंगी राष्ट्रपतिः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में कहा जाता है कि वह विशुद्ध रूप से शाकाहारी हैं. यहां तक कि लहसुन, प्याज तक भी वह नहीं खाती हैं. बेहद ही साधारण एवं संयमित जीवन जीने की कला देश के राष्ट्रपति से लोगों को सीखना चाहिए. अहले सुबह उठना इनके लिए दिनचर्या का हिस्सा है. बतौर राज्यपाल उन्होंने झारखंड के लिए कई कार्य किए हैं. जिस वजह से झारखंड के लोगों का खासा लगाव है. द्रौपदी मुर्मू के स्वभाव में व्यवहारिकता झलकती है. राजभवन में जब वो राज्यपाल के रुप में रहती थी हर सुबह मार्निंग वॉक के साथ केले के पेड़ में भी जल डालती थी.

ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कई कदम उठाए. इसके अलावा झारखंड राज भवन के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही उनके द्वारा राष्ट्रपिता बापू की 150वीं जयंती के मौके पर 3 अगस्त 2020 को एक विशाल चरखा लगाया गया. यह चरखा स्टील से बना हुआ है जो यहां आने वाले लोगों को खासा आकर्षित करता है. द्रौपदी मुर्मू के कार्यकाल में ही राजभवन में शौर्य का प्रतीक की टी-55 को स्थापित कराया गया था. यह वही टैंक है जो पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की जंग में इस्तेमाल किया गया था. बतौर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने रक्षा मंत्रालय से संपर्क कर इसे पुणे से मंगवा कर राजभवन में स्थापित करवाया था. आज उनके आगमन से रांची और झारखंड की जनता गौरवान्वित महसूस कर रही है.

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रांचीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिन के दौरे पर झारखंड में हैं. देवघर से उनका दौरा शुरू हुआ. वहां से वो रांची पहुंची. रांची एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. वहीं राष्ट्रपति के दौरे को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट पर है.

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रांची पहुंचने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद पुष्पगुच्छ भेंटकर राष्ट्रपति का स्वागत किया. एयरपोर्ट से राष्ट्रपति का काफिला राजधानी के बिरसा चौक पहुंचा जहां भगवान बिरसा मुंडा के मूर्ति पर माल्यार्पण कर द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें नमन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन के साथ राष्ट्रपति ने तश्वीर भी खिंचवाई. सरल, सहज स्वभाव की धनी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज भी उसी अंदाज में स्थानीय लोगों का अभिवादन स्वीकार किया, जो कभी रांची के लोग राज्यपाल के रुप में देखा करता था. अलवर्ट एक्का चौक के बाद राष्ट्रपति का काफिला अलबर्ट एक्का चौक के लिए बढ़ा. जहां शहीद अलबर्ट एक्का को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्होंने नमन किया. अलवर्ट एक्का चौक के बाद राष्ट्रपति राजभवन पहुंची. वहां वो दोपहर में विश्राम कर रही हैं. उसके बाद शाम पांच बजे धुर्वा स्थित नये हाईकोर्ट परिसर और भवन का उदघाटन करेंगी.

26 मई तक झारखंड में रहेंगी राष्ट्रपतिः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में कहा जाता है कि वह विशुद्ध रूप से शाकाहारी हैं. यहां तक कि लहसुन, प्याज तक भी वह नहीं खाती हैं. बेहद ही साधारण एवं संयमित जीवन जीने की कला देश के राष्ट्रपति से लोगों को सीखना चाहिए. अहले सुबह उठना इनके लिए दिनचर्या का हिस्सा है. बतौर राज्यपाल उन्होंने झारखंड के लिए कई कार्य किए हैं. जिस वजह से झारखंड के लोगों का खासा लगाव है. द्रौपदी मुर्मू के स्वभाव में व्यवहारिकता झलकती है. राजभवन में जब वो राज्यपाल के रुप में रहती थी हर सुबह मार्निंग वॉक के साथ केले के पेड़ में भी जल डालती थी.

ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कई कदम उठाए. इसके अलावा झारखंड राज भवन के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही उनके द्वारा राष्ट्रपिता बापू की 150वीं जयंती के मौके पर 3 अगस्त 2020 को एक विशाल चरखा लगाया गया. यह चरखा स्टील से बना हुआ है जो यहां आने वाले लोगों को खासा आकर्षित करता है. द्रौपदी मुर्मू के कार्यकाल में ही राजभवन में शौर्य का प्रतीक की टी-55 को स्थापित कराया गया था. यह वही टैंक है जो पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की जंग में इस्तेमाल किया गया था. बतौर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने रक्षा मंत्रालय से संपर्क कर इसे पुणे से मंगवा कर राजभवन में स्थापित करवाया था. आज उनके आगमन से रांची और झारखंड की जनता गौरवान्वित महसूस कर रही है.

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